एक औसत दर्जे के छात्र से ‘लाट साहब’ बनने की यात्रा
हमारे समाज में बहुत पहले से लोग कहते आ रहे हैं कि किसी की स्कूली शिक्षा के दौर का प्रदर्शन उसकी बुद्धिमत्ता का असली पैमाना...
हमारे समाज में बहुत पहले से लोग कहते आ रहे हैं कि किसी की स्कूली शिक्षा के दौर का प्रदर्शन उसकी बुद्धिमत्ता का असली पैमाना...
सिविल सेवा को भारत में अक्सर एक ऐसे मुकाम के रूप में देखा जाता है, जहां पहुंचना हर वर्ग के प्रतिभावान युवा का सपना होता...