भारतीय प्रशासनिक सेवा के वो अधिकारी जिनकी फोटोग्राफी कमाल की है
- Raghav Goyal
- Published on 25 Oct 2021, 6:34 pm IST
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हाइलाइट्स
- एक सिविल सेवक अपनी कलम के साथ-साथ कैमरे के साथ भी उतना ही सहज और शानदार हो सकता है
- यकीन न हों तो इन सिविल सेवा के इन अधिकारियों की फोटोग्राफी देख लीजिए
- आईएएस अधिकारी जे के सोनी की फोटोग्राफी
कहा जाता है कि फोटोग्राफी खुद को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। लोग बिना कुछ कहे और बिना कोई शब्द लिखे सिर्फ एक तस्वीर के माध्यम से हजारों भावों को सामने ले आते हैं। हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस भी मनाया जाता है।
कुछ लोग शौकिया तौर पर फोटोग्राफी करते हैं तो कुछ लोग पेशेवर फोटोग्राफर होते हैं और इसमें महारथ हासिल कर चुके होते हैं। वहीं कई लोगों की छिपी हुई फोटोग्राफी प्रतिभा कुछ खास मौकों पर सामने आती है।
ऐसे लोगों में कई सिविल सेवक भी हैं। अपनी सख्त दिनचर्या और जिम्मेदारियों से समय निकालकर वे फोटोग्राफी भी करते हैं। हम आपको कुछ ऐसे ही सिविल सेवा के अधिकारियों से मिलाने जा रहे हैं जो नौकरशाही की दुनिया के साथ-साथ फोटोग्राफी क्षेत्र में भी नाम कमा रहे हैं।
राजस्थान कैडर के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी जे के सोनी वर्तमान में नागौर के जिला मजिस्ट्रेट हैं। उन्होंने पिछले साल फोटोग्राफी दिवस के मौके पर महान अमेरिकी फोटोग्राफर इरविंग पेन को कोट करते हुए ट्विटर पर लिखा था, “एक अच्छी तस्वीर वह है जो किसी तथ्य को बताती है, दिल को छूती है और इसे देखने के बाद दर्शक को एक बदले हुए व्यक्तित्व में छोड़ देती है। यह एक शब्द में कहें तो… प्रभावी है।”
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए सोनी कहते हैं, “मुझे कम उम्र से ही फोटोग्राफी से लगाव था। जैसे ही मैं सिविल सेवाओं में शामिल हुआ, यह एक शौक बन गया।”
यह पूछने पर कि वह अपने काम और शौक में एक साथ कैसे सामंजस्य बिठाते हैं, वो जवाब देते हुए कहते हैं, “मैं व्यस्त हूं मगर अस्त-व्यस्त नहीं हूं। इसलिए, मैं अपनी पेशेवर प्रतिबद्धताओं के अलावा कला और फोटोग्राफी के लिए समय निकाल ही लेता हूं।”
वो कहते हैं, “किसी व्यक्ति के जीवन में ऐसे कई खूबसूरत और रोचक क्षण होते हैं जो व्यक्ति स्वयं की आंखों से तो देखता है लेकिन ये पल अन्य लोगों तक नहीं पहुंचत पाते हैं। इसीलिए तस्वीरें आपको उन सभी कीमती क्षणों को संजोने में मदद करती हैं जो एक व्यक्ति ने उन्हें अनुभव करते हुए अपने कैमरे में उतारे होते हैं।”
हॉबी से पैशन तक
हरियाणा कैडर के 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज नैन ने भी बीते साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर दुनिया की पहली ज्ञात तस्वीर साझा की थी।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ एक टेलीफोनिक बातचीत में वो कहते हैं, “मैं पिछले दो सालों से शौकिया तौर पर फोटोग्राफी कर रहा था और मैं अपने इस जुनून को भी उसी तरह अपना समय देता हूं, जैसे मैं अपनी नौकरी में खुद को राष्ट्र के प्रति समर्पित करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रकृति की सुंदरता दिखाने वाली तस्वीरों को अधिक पसंद करते हैं और उसके लिए उत्सुक रहते हैं।
प्यारी मिशिका
राजस्थान, नागालैंड और अबू धाबी में अपनी सेवाएं दे चुके और वर्तमान में केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दिनेश कुमार ने भी बीते 19 अगस्त को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अपनी बेटी मिशिका की खींची हुई एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा – “सभी फोटोग्राफरों और फोटोग्राफी के प्रशंसकों को ‘Happy #WorldPhotographyDay’. ज़िन्दगी के पलों और यादों को कैद करना इसे और दिलचस्प और सार्थक बनाता है। आज के दिन यह तस्वीर मेरी प्यारी बेटी मिशिका को समर्पित है!”
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए कुमार कहते हैं, “जब मैंने प्रकृति, प्राकृतिक सुंदरता, यादगार घटनाओं और खूबसूरत पलों की तस्वीरें कैद करना शुरू किया तो फोटोग्राफी धीरे-धीरे मेरे लिए एक शौक बन गया। कुछ दिनों पहले जब मैं नागालैंड के खूबसूरत शहर कोहिमा में था, तो मैं इसकी अद्भुत सुंदरता को देखता रह गया था। वहां मैंने बेहतर फोटोग्राफी की।
इसके अलावा, कई अन्य नौकरशाहों ने भी विश्व फोटोग्राफी दिवस के मौके पर अपने द्वारा खींची गई तस्वीरों को साझा किया था। उनमें दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन सीईओ केशव चंद्रा भी शामिल हैं जिनकी हुमायूं की मकबरे की तस्वीर ट्विटर पर नीति आयोग के सीईओ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने पोस्ट की।
पिछले साल विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आईएएस अधिकारी भूपेंद्र सिंह की ट्विटर पोस्ट
आईएएस अधिकारी सी आर खरसन ने खुद की कैद की हुई तस्वीर विश्व फोटोग्राफी दिवस पर साझा की थीं।
विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आईएएस अधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे की पोस्ट
इस युग में जहां प्रौद्योगिकी का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा हो, आम लोगों की कई गतिविधियों के लिए विभिन्न उत्पादों तक पहुंच है। अब वक्त बदल रहा है, पहले जहां पुराने समय में कम लोग ही फोटोग्राफी जैसे शौक की ओर झुकाव रखते थे, अब बहुत से लोगों का मुख्य शौक फोटोग्राफी ही है। फोटोग्राफी कुछ हद तक इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों पर निर्भर हो सकती है, लेकिन मुख्यता बेहतर परिणाम उपकरण से इतर फोटोग्राफर की रचनात्मकता पर निर्भर करते हैं। और नौकरशाह अब हमें यह बताने लगे हैं… कैसे!
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