जमीन पर लोगों की मदद करना, आसमान से शानदार फोटो लेना: युवा आईएएस अधिकारी की सफलता की ऐसी है उड़ान
- Muskan Khandelwal
- Published on 23 Jun 2023, 2:59 pm IST
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हाइलाइट्स
- 2021 बैच के आईएएस अधिकारी जयकृष्णन वीएम हैं केरल में त्रिशूर के असिस्टेंट कलेक्टर, साथ ही हैं प्रतिभाशाली फोटोग्राफर भी
- डीएसएलआर से शुरुआत करते हुए वह धीरे-धीरे सुंदर ड्रोन फोटोग्राफी में भी हो गए माहिर
- भारत के लुभावने खूबसूरत दृश्यों को कैद करने के आकर्षण ने उन्हें बना दिया है जुनूनी फोटोग्राफर
टेक्नोलॉजी की लगातार बदलती दुनिया में व्यक्ति अक्सर अपने जुनून को उभरते क्षेत्रों के साथ मिलाने के लिए नया तरीका खोजता है। ऐसे ही एक शख्स हैं- जयकृष्णन वीएम। वह प्रतिभाशाली फोटोग्राफर और नौकरशाह हैं। उन्हें ड्रोन फोटोग्राफी से लेकर वीडियोग्राफी तक में कमाल की महारत हासिल है। वह इस समय अपने जुनूनी मिजाज के साथ-साथ केरल में त्रिशूर के असिस्टेंट कलेक्टर की नौकरी भी उतने ही शानदार तरीके से निभा रहे हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बात करते हुए 2021 बैच के आईएएस अधिकारी जयकृष्णन वीएम ने फोटोग्राफर और नौकरशाह के रूप में अपनी यात्रा के बारे में काफी कुछ बताया।
फोटोग्राफरः
फोटोग्राफर के रूप में श्री जयकृष्णन की यात्रा लगभग एक दशक पहले कॉलेज के दिनों में ही शुरू हो गई थी। तब उन्होंने पहली बार डीएसएलआर फोटोग्राफी में कदम रखा था। शुरू में यह एक शौक था, लेकिन समय के साथ उनका जुनून बढ़ता चला गया। जैसे-जैसे उन्होंने अपने कौशल को निखारा, उन्होंने फोटोग्राफी में करियर बनाने की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसे एक संभावित बैकअप ऑप्शन या सिविल सेवाओं में शामिल होने की अपनी मुख्य आकांक्षा के लिए ऑप्शनल पाथ के रूप में देखा।
डीएसएलआर फोटोग्राफी में हाथ साफ हो जाने के बाद वह पूरी तरह ड्रोन फोटोग्राफी में आ गए। हालांकि उन्होंने पहले पोर्ट्रेट, लैंडस्केप, डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी की। उन्होंने कहा, “मैंने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के लिए भी कोशिश की, लेकिन नतीजे अच्छे नहीं आए।” लुभावने विहंगम दृश्यों को कैद करने और भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने के आकर्षण ने कलात्मक अभिव्यक्ति के इस अनूठे रूप के प्रति उनके जुनून को बढ़ा दिया।
सिविल सेवा की तैयारीः
सिविल सेवा में आने का उनका निर्णय साधारण कारणों से नहीं था। बल्कि विभिन्न तरह के अनुभवों को हासिल करने की इच्छा ने उन्हें सिविल सेवा में खींच लिया। शुरुआत में उन्होंने एनआईटी कालीकट में इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स शुरू किया, लेकिन उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि यह उनकी असली मंजिल नहीं है। इसके बाद उन्होंने केरल यूनिवर्सिटी में मार इवानियोज कॉलेज से फिजिक्स में बीएससी की पढ़ाई की। उन्होंने कहा, “फिजिक्स में बीएससी करने के दौरान ही सिविल सेवाओं को पास करने का सपना देखा।”
लगन और मजबूत इरादे के कारण सिविल सेवा परीक्षा में कई प्रयासों के बाद उन्हें सफलता मिली। हालांकि दूसरी कोशिश में वह फाइनल लिस्ट में आने से केवल एक अंक से चूक गए थे, लेकिन वह लगे रहे। आखिरकार तीसरी कोशिश में सफलता हासिल हुई। तब अखिल भारतीय रैंक 444 मिली।
क्विज में कुशलताः
अपनी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के अलावा वह ज्ञान को बढ़ाने और इसे दूसरों के साथ साझा करने में भी लगे रहे। तैयारी के दिनों में वह अपने जनरल नॉलेज का टेस्ट लेने के लिए क्विज में भाग लेते थे और क्विज की मेजबानी भी करते थे। इसलिए कि वह जल्द ही समझ गए थे कि टेक्स्ट बुक्स से अलग किसी के ज्ञान को बढ़ाने में क्विज का कितना महत्व है। उनका मानना है कि क्विज लोगों को वर्तमान घटनाओं और आसपास की दुनिया के बारे में सूचित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे हाल ही में त्रिशूर के एक कॉलेज में एक क्विज की मेजबानी करने का अवसर मिला।”
असिस्टेंट कलेक्टरः
त्रिशूर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में श्री जयकृष्णन की यात्रा विशाल और यादगार अनुभव वाली रही है। उनका कहना है कि प्रत्येक दिन नया सबक लेकर आया और अलग-अलग बैकग्राउंड वाले लोगों से मुलाकात हुई। इससे उनका विजन बड़ा हुआ है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें विभिन्न विभागों में काम करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, “जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और बैकग्राउंड के लोगों के साथ रोजाना बातचीत करने से मेरा दिमाग और खुल गया है।”
जैसे-जैसे उनकी ट्रेनिंग का समय समाप्त हो रहा है, वह अब तक हासिल बेजोड़ अनुभवों, अनगिनत जिंदगियों से रूबरू होने और उन यादों को सहेज रहे हैं, जो हमेशा साथ रहेंगी। फोटोग्राफी के प्रति अपने जुनून और सरकारी सेवा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ जयकृष्णन वीएम एक आशाजनक भविष्य की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं, जहां उनकी प्रतिभा और समर्पण एक बदलाव लाती रहेगी।
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