पटना – दिल्ली के रिश्ते में पिस गईं महिला आईएएस अधिकारी
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 9 Aug 2023, 12:24 pm IST
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हाइलाइट्स
वह अगस्त 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गई थीं। तब उन्हें कृषि विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया था। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह दूसरी बार दिल्ली गई थीं। पहली बार वह 2003 में गई थीं और अपना कार्यकाल पूरा कर बिहार लौटी थीं।
दिल्ली और पटना की सत्ता में कई वर्षों से पति-पत्नी जैसा रिश्ता चल रहा है। कभी खट्टा, तो कभी मीठा। हर रिश्ते में ऐसा होता है, इसलिए इसमें कुछ गलत नहीं है। गलत सिर्फ इतना हो गया कि इस उतार-चढ़ाव वाले रिश्ते का खामियाजा बिहार कैडर की 1995 बैच की आईएएस अधिकारी डॉ. विजयालक्ष्मी नाडेंडला (IAS Vijaya Lakshmi Nadendla) को भुगतना पड़ गया है।
वह अगस्त 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गई थीं। तब उन्हें कृषि विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया था। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह दूसरी बार दिल्ली गई थीं। पहली बार वह 2003 में गई थीं और अपना कार्यकाल पूरा कर बिहार लौटी थीं। तब दिल्ली-पटना में सब मीठा-मीठा था। इस बार जब 2021 में गईं, तब भी सब मीठा ही था। लेकिन पिछले साल राष्ट्रीय और राज्य की राजधानियों के रिश्ते में अचानक कड़वापन आ गया। इसका शिकार एकमात्र विजयालक्ष्मी एन हुईं। सिर्फ इसलिए कि उनके पति बिहार कैडर में ही 1995 बैच के ही आईएएस अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं। इतने कि पिछले दिनों सीएम ने उन्हें अपना प्रिंसिपल सेक्रेटरी ही बना लिया। ऐसे में खामियाजा उनकी पत्नी को भुगतना पड़ गया है।
केंद्र सरकार ने कृषि मंत्रालय में तैनात डॉ. विजयालक्ष्मी को दिल्ली में कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया। उन्हें लगभग पौने दो साल में ही पटना वापस भेज दिया गया। जबकि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कृषि मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी के तौर पर उनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिए की थी। बताया जाता है कि इस तरह कार्यकाल पूरा किए बगैर बिहार लौटने से उन्हें झटका लगा है। इसलिए भी कि केंद्र सरकार में सेक्रेटरी बनने का सपना अब शायद पूरा नहीं हो पाएगा।
वैसे वह बिहार में खुश हैं। पति डॉ. सिद्धार्थ अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। सादगी का आलम यह है कि वह पटना में खुद सब्जी खरीदते दिख जाते हैं। इसके लिए वह कई बार रिक्शे पर ही चले जाते हैं। आंध्र प्रदेश की रहने वाली डॉ विजयालक्ष्मी खुद भी इसी तरह रहती हैं। कोरोना काल में उन्होंने जिस भरतनाट्यम नृत्य को सीखा था, उसमें अब पारंगत हो गई हैं। लिहाजा विभिन्न अवसरों पर वह कार्यक्रम भी करती हैं। बिहारी संस्कृति में वह इतना घुल-मिल गई हैं कि पिछले नौ-दस साल से वह छठ पूजा भी कर रही हैं। बता दें कि दिल्ली से लौटने के बाद वह बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में प्रिंसिपल सेक्रटरी हैं।
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