यूपीएससी , यूपीएससी की कहानियां
जो लुभाता था, किसान के बेटे ने वैसा ही बन दिखाया
- Bhakti Kothari
- Published on 3 Jul 2023, 12:02 pm IST
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हाइलाइट्स
- एमपी के संचित शर्मा ने दूसरी कोशिश में 92वीं रैंक के साथ निकाला CSE 22
- आईआईटी इंदौर के पूर्व छात्र ने की है सिविल इंजीनियरिंग
- आईपीएस अधिकारी के रूप में कानून और व्यवस्था की बेहतरी के लिए करना चाहते हैं काम
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के एक किसान के बेटे संचित शर्मा को प्रशासनिक अधिकारियों की जिंदगी हमेशा प्रभावित करती रही है। यहां तक कि कॉलेज के दिनों में भी उनकी रुचि सिविल सेवाओं की ओर ही थी। आखिरकार, कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और लग गए तैयारी में।
जब दुनिया कोविड-19 के कहर से जूझ रही थी, तब संचित ने अपना पूरा ध्यान तैयारी की ओर लगाया। यही कारण है कि महज 23 साल की उम्र में AIR 92 हासिल करके देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की
उनकी यात्रा के बारे में और अधिक जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे बात की।
शिक्षा
संचित बड़वानी जिले के एक गांव से आते हैं। वहां न तो बिजली है, न उचित स्कूल और न ही उचित सड़कें। हालांकि, अपने रास्ते में इतनी सारी चुनौतियां होने के बावजूद वह जीवन में कुछ बड़ा करने के अटल थे। पढ़ाई-लिखाई में तेज संचित ने अपनी दोनों बोर्ड परीक्षाओं में 90% से अधिक मार्क्स हासिल किए। आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा में 1885 रैंक हासिल की। इससे उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक- आईआईटी इंदौर में एडमिशन मिल गया। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया और आईआईटी से मास्टर भी किया।
दूसरी कोशिश
संचित 2021 में यूपीएससी सीएस परीक्षा में पहली बार बैठे। पहली ही कोशिश में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए। बावजूद इसके, फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आ सका। परिवार फिर भी खुश और गर्व से भरा था। इसलिए कि उन्होंने केवल 22 साल की उम्र में पहले प्रयास में ही प्रीलिम्स और मेन्स में सफलता हासिल की थी!
माता-पिता की खुशी और गर्व ने संचित को एक बार फिर से तैयारी करने और इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना, क्योंकि उन्होंने उसी में ग्रेजुएशन किया था और इस विषय के अच्छे छात्र थे।
तैयारी के तरीके में बदलाव
संचित ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार पहीक्षा दी थी, तब उन्हें सीएसई के बारे में अच्छी तरह से जानकारी नहीं थी। परीक्षा के हर राउंड से गुजरने के बाद, उन्होंने इस बारे में पूरी जानकारी जुटा ली। जान लिया कि किस तरह की तैयारी करनी है और किस तरह के जवाब लिखने हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से उन्होंने कहा, “अपने पहले प्रयास में ही सभी तीनों राउंड तक पहुंचने से दूसरी बार की मेरी तैयारी थोड़ी आसान हो गई। मैंने उसी हिसाब से अपनी रणनीति बदली और जवाबों में बहुत सारे उदाहरण, डेटा और आंकड़े शामिल किए। इससे मुझे परीक्षा पास करने में मदद मिली।”
संचित ने तैयारी के लिए ज्यादातर सेल्फ स्टडी की। केवल मॉक के लिए कुछ कोचिंग की मदद ली। खाली समय में वह स्कूली छात्रों के अलावा कैंडिडेट्स को सलाह देना और यूपीएससी की तैयारी में मदद करना पसंद करते हैं। वह हारमोनियम भी बहुत अच्छा बजाते हैं।
योजनाएं आगे की
एक आईपीएस अधिकारी के रूप में संचित देश में कानून-व्यवस्था की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं। वह समाज में सभी सामाजिक बुराइयों को दूर करना चाहते हैं। साथ ही अच्छी कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिये जनता और पुलिस के बीच की खाई को पाटना चाहते हैं।
उनके पास यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए एक संदेश भी है। उन्होंने कहा है, “निरंतरता ही कुंजी है। अगर तैयारी के लिए 10-12 घंटे का समय दें, तो आप कोचिंग की मदद के बिना भी लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”
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