किसान पिता की हत्या, बेटा अब भारतीय पुलिस सेवा में शामिल
- Bhakti Kothari
- Published on 13 Aug 2023, 11:51 am IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
- यूपी के बजरंग यादव ने AIR-454 के साथ यूपीएससी सीएसई 2022 में सफलता हासिल की
- दूरदराज के गांव से आने वाले बजरंग अब आईपीएस अधिकारी बनने के लिए हैं तैयार
- इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें व्यक्तिगत त्रासदी और दुख से उबरना पड़ा
बजरंग यादव की सफलता की कहानी बेजोड़ मानवीय भावनाओं के साथ मजबूत इरादे का प्रमाण देती है। खुद पर टूटे दुखों के पहाड़ से उबरकर उन्होंने ना केवल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2022 में सफलता हासिल की, बल्कि उन लोगों के लिए आशा की किरण बनकर खड़े हुए, जो सफलता की राह में कठिन चुनौतियों का सामना करते हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स आज इस युवा की सफलता की प्रेरक कहानी प्रस्तुत करता है, जिसने हाल ही में AIR-454 के साथ यूपीएससी सीएसई-2022 को क्रैक किया है। वह अब आईपीएस अधिकारी बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हौसले की उड़ान
बजरंग की यात्रा उत्तर प्रदेश के एक सुदूर गांव बस्ती से शुरू हुई। वहां पिता किसान थे। साधारण बैकग्राउंड के बावजूद उनमें बड़ा बनने का हौसला भरपूर था। समर्पण और अटूट फोकस ने उन्हें एक ऐसे रास्ते पर ले गया, जिसने हमेशा के लिए उनकी जिंदगी बदल दी।वैसे उनका जीवन तब पीछे की ओर मुड़ गया, जब उन्हें एक विनाशकारी त्रासदी का सामना करना पड़ा। पिता राजेश यादव का अचानक निधन हो गया। उनकी 2020 में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यह नुकसान उनके सपनों को चकनाचूर कर सकता था, लेकिन बजरंग ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने अपने दुख को मजबूत इरादे में बदल दिया। फिर सिविल सेवाओं में करियर बनाकर पिता के सपनों को पूरा करने की कसम खाई।
गांव से राष्ट्रीय पहचान तक
बजरंग की शैक्षिक यात्रा उनके गांव की सीमा से शुरू हुई, जहां उन्होंने शुरुआती शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने बस्ती में उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी में स्कूली शिक्षा हासिल की।अपने कठिन हालात से विचलित हुए बिना उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से मैथ में ग्रेजुएशन किया। ज्ञान के प्रति उनकी प्यास और सिविल सेवक बनने का सपना उन्हें भारत की राजधानी दिल्ली तक ले गया।
सफलता की ओर बढ़ते कदम
दिल्ली जाकर बजरंग ने यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा के लिए कठोर तैयारी शुरू की। अपने लक्ष्य के प्रति अटूट जुनून के साथ वह त्याग और कड़ी मेहनत की यात्रा पर निकल पड़े। इस यात्रा के दौरान अनगिनत घंटों की पढ़ाई, रातों की नींद हराम और अटूट मजबूत इरादे का साथ मिला।
उनकी सफलता सिर्फ एक आदमी की जीत नहीं है। दरअसल यह हाशिये पर पड़े लोगों और वंचितों की सेवा करने का वादा है। जिम्मेदारी की वास्तविक भावना से प्रेरित होकर वह आईपीएस अधिकारी के रूप में जमीनी स्तर के मुद्दों पर काम करने की इच्छा रखते हैं। इन मसलों का हल निकालकर बदलाव लाना चाहते हैं।उनकी यात्रा बताती है कि सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल कर लेना ही नहीं है, बल्कि समाज की भलाई में योगदान करने के बारे में भी है।
बने प्रेरणा
बजरंग की उपलब्धि उन लोगों पर गहरा प्रभाव डालती है, जो अक्सर जीवन में आने वाली चुनौतियों से निराश हो जाते हैं। उनकी कहानी लगन, मजबूत इरादे और लक्ष्य पर अटूट फोकस के महत्व को बताती है। यह कहानी एक प्रेरक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करती है, जो सभी को याद दिलाती है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है।एक किसान के बेटे से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने तक बजरंग की यात्रा मानवीय शक्ति और त्रासदी को जीत में बदलने की क्षमता का प्रतीक है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि असफलताएं सीढ़ी बन सकती हैं और चुनौतियां विकास को बढ़ा सकती हैं।बजरंग की सफलता का मंत्र उनके लचीलेपन, समर्पण और बदलाव लाने की उनकी प्रतिबद्धता में निहित है। जैसे ही उन्होंने प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में कदम रखा, वह ना केवल पिता के सपनों को बल्कि अनगिनत अन्य लोगों की आकांक्षाओं को भी साथ लेकर चल पड़े, जो उनमें अपनी आशाओं और सपनों को साकार होते देखते हैं।
END OF THE ARTICLE