न्यूज़ , यूपीएससी , यूपीएससी की कहानियां
सेना की यूनिफार्म से सिविल सेवा तक: मेजर अभिनंदन सिंह की प्रेरक यात्रा
- Bhakti Kothari
- Published on 24 Jul 2023, 10:54 am IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
- सेना के पूर्व अधिकारी मेजर अभिनंदन सिंह ने दूसरे प्रयास में AIR-749 के साथ यूपीएससी सीएसई 2022 क्रैक किया
- टखने और रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण उन्हें छोड़नी पड़ी सेना की नौकरी
- नौकरशाह के रूप में वह चाहते हैं शिक्षा और हेल्थ सेक्टर में काम करना
सेना में सेवा से सिविल सेवक बनने तक का सफर कई मायनों में अनोखा है। इसलिए कि यह समर्पण, नए हालात में ढालने की काबिलियत और कर्तव्य की पुरजोर भावना की मांग करती है। ऐसे ही गुणी और प्रेरक व्यक्ति हैं मेजर अभिनंदन सिंह। इंडियन मास्टरमाइंड्स उनके जीवन और उपलब्धियों की इस विशेष कहानी को जानने के लिए उनसे बात की। जाना कि कैसे सैन्य अधिकारी का चोला उतार कर फिर से देश की सेवा करने के लिए नौकरशाह बन गए।
शुरुआती जीवन और सेना में करियर
जम्मू के पास अखनूर जिले के रहने वाले श्री सिंह प्रोफेसरों, डॉक्टरों और वायु सेना कर्मियों के एक पढ़े-लिखे परिवार से हैं। स्कूल के दिनों में ही यानी छोटी उम्र से ही उनमें देशभक्ति की भावना और देश की सेवा करने की इच्छा आ गई थी। भारतीय सेना के प्रति दीवानगी और प्यार ने उन्हें अलग इंसान बना दिया, और उन्होंने सेना में शामिल होने का मन बना लिया।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से श्री सिंह ने कहा, “संयोग से जब मैं कॉलेज में था, तो सेना वाले इंटरव्यू के लिए हमारे कॉलेज में आए थे, जिसके आधार पर छात्रों को आगे एसएसबी के लिए भेजा जा सका। मुझे इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 19वीं एसएसबी के लिए चुना गया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के ठीक एक महीने बाद जुलाई 2014 में एक साल की लंबी ट्रेनिंग के लिए मैंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी में दाखिला लिया। ”
उन्हें उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर सिग्नल कोर में कमीशन दिया गया था, क्योंकि वह 2015 में इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट थे। उन्हें पहली पोस्टिंग भारत-चीन सीमा के साथ असम के तेजपुर में मिली थी।
फिर आया वह मोड़
कुछ समय तक तेजपुर में काम करने के बाद श्री सिंह की दूसरी पोस्टिंग अमृतसर यूनिट में कर दी गई। दो यूनिटों के बीच की पोस्टिंग के दौरान उन्हें युवा अधिकारियों के लिए एक खास कोर्स करना पड़ा। इसी दौरान जीवन में एक ऐसा मोड़ आया, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।ट्रेनिंग के दौरान बास्केटबॉल खेलते समय उनके टखने में चोट लग गई। चूंकि कोर्स लगभग पूरा होने वाला था, इसलिए वह उचित इलाज और पुनर्वास के लिए नहीं जा सके। इसके कारण कुछ समय बाद चोट की स्थिति बिगड़ गई।
उन्होंने कहा, “चोट के कारण मैं लंगड़ाने लगा। इसी वजह से पिछले सात सालों से मैं दौड़ भी नहीं पा रहा हूं। वह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन कुछ वर्षों में जब मुझे आराम करने की सलाह दी गई, मैंने फैसला किया कि अब अपना करियर बदलने का समय आ गया है, क्योंकि टखने का असर सेना में मेरे प्रदर्शन पर पड़ सकता है। और, मैं उतनी कुशलता से काम नहीं कर पाऊंगा जितना मैंने किया था।”
बड़ा बदलाव
श्री सिंह ने 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 2021 में इसके लिए पहला प्रयास किया। इसमें वह प्रीलिम्स पास नहीं कर पाए। बिना उम्मीद खोए उन्होंने परीक्षा में दोबार बैठने की तैयारी शुरू की।उन्होंने अपने पहले लिखे नोट्स को दोबारा पढ़ा। रोजाना करंट अफेयर्स का अध्ययन किया। उन्होंने फिलॉसफी को ऑप्शनल सब्जेक्ट में रखा और धीरे-धीरे टॉपरों के बताए सोर्स के आधार पर नोट्स बनाकर तैयारी की।
एक बार जब उन्हें विश्वास हो गया कि वह परीक्षा देने के लिए तैयार हैं, तो वह 2022 में दोबारा कोशिश की। अपने मजबूत इरादे और सूझ-बूझ के साथ की गई तैयारी की वजह से वह AIR-749 के साथ यूपीएससी सीएसई 2022 को पास करने में सफल रहे। श्री सिंह रैंक सुधारने के लिए एक बार फिर परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं।
अब जब वह सिविल सेवा में हैं, तो वह देश के शैक्षिक विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी काम करना चाहते हैं। उनकी कहानी बताती है कि राष्ट्र के प्रति सच्ची सेवा की कोई सीमा नहीं होती और वह विभिन्न रूपों में हो सकती है।
END OF THE ARTICLE