छोटे शहर के संघर्ष से यूपीएससी की सफलता तक, दामिनी दिवाकर की आईआरएस तक की प्रेरक यात्रा
- Bhakti Kothari
- Published on 10 Aug 2023, 2:23 am IST
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हाइलाइट्स
- दामिनी दिवाकर ने पांचवें प्रयास में AIR-435 के साथ यूपीएससी सीएसई-2022 में पाई सफलता
- आईआरएस अधिकारी बनने के लिए वह पूरी तरह हैं तैयार
- वह कहती हैं कि किसी को सही उम्मीदों के साथ सीएसई में जाना चाहिए, क्योंकि बाहर से खूबसूरत दिखने वाला यह अंदर से तोड़ देता है
मध्य प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे की रहने वाली हैं दामिनी दिवाकर। जब वह सिर्फ छह साल की थीं, तभी पिता का निधन हो गया। इसके बाद मां ने उनका पालन-पोषण किया। घर में दामिनी की छोटी बहन भी थी। उसके लिए दामिनी और मां ही शक्ति का स्तंभ थी। घर की तीनों महिलाओं ने मिलकर अपने रास्ते में आने वाले सभी संघर्षों का डटकर सामना किया।अब संघर्ष का वह दौर खत्म हो गया है। इसलिए कि घर की बड़ी बेटी दामिनी दिवाकर ने इस साल AIR-435 हासिल करके यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर ली है। अब वह आईआरएस (सी एंड आईटी) अधिकारी बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनकी इस कठिन यात्रा के बारे में अधिक जानने के लिए उनसे विशेष रूप से बात की।
प्रेरणा
दामिनी ने कॉलेज में रहते हुए ही सिविल सेवक बनने का मन बना लिया था। उन्होंने अपने कॉलेज में कई मार्गदर्शन कार्यक्रमों में भाग लिया। वहां उनका सामना कई सिविल अधिकारियों से हुआ, जिन्होंने अपने संघर्ष और तैयारी की कहानियां साझा कीं। उनकी कहानियों ने दामिनी को बेहद प्रेरित किया। इतना कि उन्होंने सिविल सेवा में जाकर देश के विकास में योगदान देने का फैसला कर लिया।उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू की। परीक्षाओं में बैठने लगीं। वह अपने तीसरे प्रयास में भारतीय रक्षा लेखा सेवा के लिए सलेक्ट हुईं। इस समय वह इसके लिए ट्रेनिंग ले रही हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से दामिनी ने कहा, “मैंने लगन और कड़ी मेहनत के साथ तैयारी जारी रखी। मैं यूपीएससी सीएसई 2022 को पास करने में सफल रही, जिसके रिजल्ट इसी साल घोषित किए गए। मैं जल्द ही भारतीय राजस्व सेवा का हिस्सा बनकर खुश हूं।”
तैयारी
युवा अधिकारी ने साइकोलॉजी को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट बनाया। इसलिए कि उन्हें एक नए विषय से सीखने का अवसर मिला। वैसे भी यह विषय उन्हें हमेशा आकर्षित करता था।दामिनी ने परीक्षा की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं ली। वह बेसिक बुक्स से जुड़ी रहीं और अपने शिक्षकों और सीनियर से सलाह करती रहीं। उनका मानना है कि जो लोग पहले ही परीक्षा दे चुके हैं, उनकी सलाह बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है। उन्हें भी इससे काफी मदद मिली।
वह कहती हैं, “अंत में यह सब बहुत अधिक प्रैक्टिस और रिवीजन पर निर्भर करता है। इसलिए, जब तक कि मुझे सही चीजें नहीं मिल गईं, तब तक मैंने बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए। यह मेरी तैयारी का प्रमुख आधार बन गया था।”
रोचक इंटरव्यू
दामिनी को इंटरव्यू में पूछे गए सामान्य प्रश्नों के अलावा एक घटना खास तौर पर याद है। वह यह कि कैसे जजों ने उनके नाम ‘दामिनी’ पर ध्यान दिया और 1993 की प्रसिद्ध फिल्म- दामिनी- से संबंधित प्रश्न पूछे। उन्होंने उनसे फिल्म से जुड़े कई सवाल पूछे, जिनके जवाब देने में उन्हें काफी मजा आया।अब जबकि वह एक सिविल सेवक हैं, उनका मुख्य ध्यान बच्चों, महिलाओं और पर्यावरण के कल्याण के लिए काम करना है।
सलाह
दामिनी के पास उन उम्मीदवारों और उन लोगों के लिए एक विशेष संदेश है, जो इस वर्ष परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। वह कहती हैं, “किसी को वास्तविक उम्मीदों के साथ ही परीक्षा में जाना चाहिए, क्योंकि यह बाहर से तो गुलाबी दिखती है, लेकिन अंदर से मानसिक रूप से तनावपूर्ण होती है। परीक्षा में पास होने का मन बनाने से पहले कृपया पूरी जानकारी जरूर जुटा लें। साथ ही, हर चीज को बढ़ा-चढ़ाकर ना रखें, क्योंकि जीवन परीक्षा से कहीं बड़ा है। अपनी गलतियों को पहचानें और परिवार, दोस्तों और गुरुओं से मदद लेने में संकोच कतई ना करें।
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