टॉपर्स ने बताया, UPSC CSE-2022 के इंटरव्यू में कैसे थे सवाल
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 7 Jun 2023, 11:00 am IST
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हाइलाइट्स
- किन सवालों के जवाब देकर वे इस बेहद कठिन परीक्षा में बने टॉपर
- कुछ ने जिम्मेदारी, अधिकार, सीनियर और पॉलिटिकल प्रेशर पर पेचीदा प्रश्नों का सामना किया, तो कुछ ने किया आइडिया से जुड़े सवालों का सामना
- इंडियन मास्टरमाइंड्स ने कुछ टॉपर्स और सफल कैंडिडेट्स से की बात और जाना उनके सामने आए सवालों को
यूपीएससी सीएसई-2022 के फाइनल परिणाम 23 मई को आ चुके हैं। टॉपर्स की सफलता की कहानियां लोगों को खूब प्रेरणा दे रही हैं। लेकिन यूपीएएससी सीसई की तैयारी करने वाले इंटरव्यू राउंड और उसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में जानने को बहुत उत्सुक हैं।
जहां तक प्रश्नों की बात है, तो ‘रूस-यूक्रेन युद्ध’ से लेकर ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ तक के दिलचस्प सवाल किए गए। इतना ही नहीं, सामाजिक-राजनीतिक से लेकर इंटरनेशनल रिलेशंस जैसे बहुत पेचीदा और गंभीर प्रश्न भी पूछे गए थे।
इंडियन मास्टरमाइंड्स ने इंटरव्यू राउंड के बारे में जानने के लिए सीएसई-2022 के कुछ टॉपर्स और क्वालीफायर के साथ बातचीत की।
इशिता किशोरः
नोएडा की इशिता किशोर ने UPSC CSE-2022 में टॉप किया है। इंटरव्यू राउंड उनके लिए कठिन रहा था। इसलिए कि उन्हें अच्छी तरह से ग्रिल किया गया था। चूंकि वह नेशनल लेवल की फुटबॉल प्लेयर रही हैं, इसलिए इंटरव्यू के दौरान बोर्ड के एक सदस्य ने उनसे उनके स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से जुड़े सवाल किए।
इशिता ने इंडियन मास्टरमाइंड्स को बताया कि उनसे पूछा गया था कि वह खेल की अपनी समझ का नौकरी में कैसे इस्तेमाल करेंगी। जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि नेशनल लेवल की प्लेयर होने के कारण उन्हें निरंतरता बनाए रखने में मदद मिली है, जो नौकरी में भी बहुत उपयोगी होगा।
उनसे पूछे गए सवाल पूरी तरह से अलग नजरिए के थे। जैसे-उनसे चीन, पंचायती राज व्यवस्था, रिसर्च आदि से जुड़े सवाल भी किए गए थे। उनसे अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के स्टैंड पर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि ग्लोबल प्रेशर के बीच भारत को अपने स्टैंड पर कायम रहना चाहिए।
गरिमा लोहियाः
बिहार की गरिमा लोहिया को दूसरी रैंक मिली है। उनसे लोकल सिटी से लेकर ग्लोबल वार जोन तक के प्रश्न पूछे गए। उनसे उनके डीएएफ के सवालों पर पूछे गए।
बोर्ड के एक सदस्य ने उनसे बक्सर जिले के बारे में पूछा, जहां से वह आती हैं। उनसे बक्सर के प्रसिद्ध युद्ध के बारे में पूछा गया। उनसे मौलिक अधिकारों पर भी सवाल पूछे गए।
उन्होंने बताया, “रूस-यूक्रेन युद्ध पर मुझसे पूछा गया कि क्या भारत इसमें रूस का समर्थन कर रहा है? क्या भारत को यूक्रेन के पक्ष में खड़ा होना चाहिए?”
उन्होंने जवाब दिया कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे इसी आधार पर अपनी रणनीति तय करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “रूस 1971 से हमारा पुराना मित्र रहा है। ऐसा नहीं है कि भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की निंदा नहीं की है। हमारे विदेश मंत्री ने भी बार-बार दोहराया है कि हम युद्ध की निंदा करते हैं। हमारी नीति दरअसल संतुलन बनाने की रही है।”
उनके अनुसार, युद्ध के बारे में उनकी सोच को जानने का प्रयास किया गया और इस तरह के जवाब तभी दे सकते हैं, जब इसका बारीकी से अध्ययन किया गया हो।
उमा हरथी एनः
तेलंगाना की उमा हरथी एन ने तीसरी रैंक के साथ इस कठिन परीक्षा को पास किया। उनसे तकनीकी प्रश्नों के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलेशंस, ब्रिक्स, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, जनजातीय विकास और एंथ्रोपॉलीज पर प्रश्न किए गए।
जैसे ही उन्होंने बताया कि 2017 में ग्रेजुएशन (बी.टेक) पूरा किया, तो सीधे पूछा गया कि वह पांच साल से क्या कर रही हैं। उनका जवाब था: “इस दौरान मैंने गलतियां कीं और उनसे सीखा।”
यूक्रेन पर उनसे पूछा गया, “क्या इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट ने रूस के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है? अब उस वारंट का क्या होगा?”
इस पर उन्होंने जवाब दिया कि चूंकि रूस इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का सदस्य नहीं है, इसलिए उस पर इसका अधिक असर नहीं पड़ेगा। लेकिन, कूटनीतिक रूप से थोड़ा दबाव हो सकता है।
स्मृति मिश्राः
वह चौथी रैंक लाईं। उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट लॉ था। पैनल ने उससे पूछा कि वह क्या चुनेंगी, जीवन या कानून?
उन्होंने जवाब दिया, “लोगों का जीवन बेहतर होना चाहिए। कानून इसलिए बनाए जाते हैं, ताकि लोग अपने जीवन का आनंद ले सकें। इसलिए मैं कानून चुनूंगी। कानून लोगों के जीवन को बेहतर और आसान बनाता है।”
गहना नव्या जेम्सः
उन्होंने दूसरी कोशिश में बिना किसी मॉक या कोचिंग के छठा स्थान प्राप्त किया। उनसे पूछे गए अधिकांश प्रश्न उनके डोमेन, इंटरनेशनल रिलेशंस और इकोनॉमिक्स से थे। उन्हें साइंस एंड टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर भी क्विज किया गया था। जैसे “एआई जॉब मार्केट में बदलाव कैसे ला सकता है और इसका रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?”
वह कहती हैं, “मेरे लिए इंटरव्यू राउंड बड़ा ही रोचक रहा। यह मेरी यात्रा के सबसे रोमांचक हिस्सों में से एक था।”
अनिरुद्ध यादवः
उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 8वीं रैंक हासिल की। अनिरुद्ध से ज्यादातर सवाल उनके प्रोफाइल से जुड़े हुए थे। उन्हें करेंट अफेयर्स, दिल्ली, उनकी वर्तमान नौकरी और ग्लोबल डेवलपमेंट पर घेरा गया।
पैनलिस्टों ने उनसे यह भी पूछा, “चंद्रमा की कलाएं ग्रामीण जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं?” अनिरुद्ध का जवाब था: “भारत में लूनी-सोलर कैलेंडर है। इसमें 12 महीने चंद्रमा के अनुसार चलते हैं। त्योहार, छुट्टी, पूजा-पाठ चंद्रमा के अनुसार ही तय किए जाते हैं। इस प्रकार यह सभी को प्रभावित करता है।
कनिका गोयलः
उन्होंने दूसरी कोशिश में 9वीं रैंक हासिल की है। बोर्ड के सदस्य महान कवि मिर्जा गालिब की शायरी- “उड़ने दो इन परिंदों को …” पर उनकी राय जानना चाहते थे।
उनसे यह भी पूछा कि क्या किसी संगठन को अपने नीचे काम करने वालों को अपनी आकांक्षाएं रखने देनी चाहिए और नौकरी में आवश्यक होने के बावजूद कहीं और अपना भाग्य आजमाना चाहिए।
कनिका ने जवाब दिया, “हां, एक संगठन में परिश्रम और अनुशासन साथ-साथ चलते हैं। नीचे काम करने वालों के पास भी अपनी आवाज उठाने और अपने सुझाव देने के लिए एक मंच होना चाहिए। ऐसा Google जैसे बड़े ऑफिसों में है, जो उन्हें सफल बनाता है। अंत में कनिका ने ‘आई एम मींट टू फ्लाई’ कविता थी सुनाई थी।
परसनजीत कौरः
जम्मू की परसनजीत ने पहली कोशिश में ही 11वीं रैंक ले आई हैं। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू राउंड उनके लिए अच्छा रहा। उनसे जो सवाल पूछे गए थे कि वे लगभग वैसे ही थे, जिनकी तैयारी की थी और उनके डीएएफ के आसपास के ही थे थे। उनसे जम्मू-कश्मीर की कृषि और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में पूछताछ की गई।
उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि मैंने 2-3 मॉक इंटरव्यू दिए हैं। इस पर उन्होंने पूछा गया कि असली बेहतर है या नकली अधिक पेचीदा थे। जब मैंने उन्हें बताया कि असली वाला बहुत बेहतर है, तो पैनलिस्ट हंस पड़े। इससे मेरा दिन बन गया।”
अभिनव सिवाचः
उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 12वीं रैंक के साथ UPSC क्लियर किया। इंटरव्यू पैनल ने उनसे सुरक्षित सरकारी नौकरी छोड़ने के उनके फैसले के बारे में पूछा। फिर वे जल्द ही बॉलीवुड फिल्मों का विश्लेषण करने के उनके शौक पर आ गए।
उनसे भारतीय फिल्म निर्माताओं द्वारा शेक्सपियर और यूरोपीय लेखकों पर किए कामों के बारे में पूछा गया। जैसे, उन्होंने कैसे ओथेलो से ओमकारा, हैमलेट से हैदर और मैकबेथ से मकबूल जैसी फिल्में बना दी। उन्होंने विस्तार से उन सवालों का जवाब देकर इंटरव्यू लेने वालों को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया।
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