यूपीएससी , यूपीएससी की कहानियां
अकेली मां के लालन-पालन में इस टॉपर ने एक ही वर्ष में दो बार पाई सफलता
- Pallavi Priya
- Published on 4 Jul 2023, 9:28 am IST
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हाइलाइट्स
- द्विज गोयल ने यूपीएससी सीएसई 2022 में पाई 71वीं रैंक, तो यूपीपीएससी-2022 में रहे 19वें स्थान पर
- मेरठ के रहने वाले द्विज अभी पुडुचेरी में हैं म्युनिसिपल कमिश्नर
- ऑप्शनल एंथ्रोपोलॉजी में 315 मार्क्स मिले, जो इस विषय में अब तक का है सबसे अधिक है
नौजवानी में आते ही वह अक्सर नौकरशाह बनने का सपना देखा करते थे। वैसे जीवन उन्हें एनआईटी-भोपाल ले गया, जहां उन्होंने बी.टेक की पढ़ाई पूरी की। खरखौदा, मेरठ में अकेली रहने वाली मां ने उन्हें पाला। इसलिए जानते थे कि उनके कंधे पर कितनी जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में उन्होंने हीरो मोटर कॉर्प में उच्च वेतन वाली नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। फिर भी, सपने ने पीछा नहीं छोड़ा। इसलिए काफी कुछ पैसा जुटा लेने के बाद उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी।वह पहली बार फेल हो गए। फिर 2021 में यूपीएससी सीएसई की रिजर्व लिस्ट में जगह बनाई। अंत में CSE 2022 में उन्होंने 71वीं रैंक के साथ इसमें सफलता पाई। लेकिन, उनकी सफलता यहीं नहीं रुकी। उसी वर्ष, जब वह पहले से ही पुडुचेरी के म्युनिसिपल कमिश्नर के रूप में नौकरी कर रहे थे, तभी खबर आई कि उन्होंने यूपीपीएससी में AIR 19 हासिल की है।ऐसे हैं द्विज गोयल। इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने सेल्फ स्टडी कैसे करें और ऑप्शनल में एंथ्रोपोलॉजी की तैयारी कैसे करें, इस पर कुछ उपयोगी सुझाव दिए।
ऐसे करें सेल्फ स्टडी
श्री गोयल ने यूपीएससी की परीक्षा पहली बार 2020 में दी, जिसमें मेन्स क्लियर नहीं कर सके। दूसरी कोशिश में उन्होंने रिजर्व लिस्ट में जगह बनाई और अंततः PONDICS हासिल किया। वह यहीं नहीं रुके। एक और कोशिश की, जिसमें उन्हें AIR 71 मिली। उन्होंने बार परीक्षा की तैयारी खुद की थी। उन्होंने नौकरी करते हुए पूरे एक साल तक तैयारी की।जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने टाइम मैनेजमेंट कैसे किया, तो कहा, “जब आप प्रोफेशनल होते हैं, तो समय का सबसे अच्छे तरीके से उपयोग करने की आदत डाल लेते हैं। चूंकि, आप काम करने के लिए 8-9 घंटे निकाल लेते हैं, इसलिए नौकरी छोड़ने के बाद उस समय का उपयोग तैयारी में करना आसान हो जाता है।”उन्होंने परीक्षा की तैयारी खुद से की। केवल कुछ टेस्ट सीरीज ऑनलाइन लीं। उनके मुताबिक, यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सिलेबस का विश्लेषण करने के बाद एनसीईआरटी जैसी बुनियादी बातों से शुरुआत करनी चाहिए। इसके अलावा, रणनीति या किताबें चुनने के लिए टॉपर्स के ब्लॉग और इंटरव्यू देख सकते हैं।
एंथ्रोपोलॉजी की तैयारी
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी अनुदीप दुरीशेट्टी के ब्लॉग और वीडियो ने उन्हें एंथ्रोपोलॉजी के लिए योजनाएं बनाने में मदद की। उन्होंने एम्बर एंड एम्बर नामक विषय पर उपलब्ध सबसे बेसिक बुक्स पढ़कर एंथ्रोपोलॉजी की तैयारी शुरू की। जितना अधिक पढ़ा, उतनी ही अधिक दिलचस्पी बढ़ती गई। हालांकि, पहले प्रयास में उन्हें ऑप्शनल पेपर में बहुत कम मार्क्स मिले थे। इसलिए, उन्होंने कुछ चीजें बदल दीं।उन्होंने कहा, “मैंने सवाल-जवाब शैली में नोट्स तैयार करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, मैंने अखबारों से रिलेवेंट चीजें जुटानी शुरू कर दी और इसे अपने जवाबों के लिए निष्कर्ष के रूप में इस्तेमाल किया। इससे मेरा कॉन्टेंट रिच हो गया। ”इन सबसे उन्हें खूब मदद मिली। उन्होंने ऑप्शनल में 315 मार्क्स हासिल किए, जो उस विषय में सबसे ज्यादा हैं। यूपीएससी के लिए अच्छी तैयारी करने की सलाह देते हुए उन्होंने पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को कई बार हल करने और उन्हें नोट्स बनाने में इस्तेमाल करने पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सभी को ऑप्शनल के लिए भी टेस्ट सीरीज देनी चाहिए, क्योंकि ऑप्शनल में मार्क्स का असर रैंक पर पड़ेगा। यानी सर्विस और कैडर पर भी असर पड़ेगा।
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