यूपीएससी सीएसई-2022 में 62वीं रैंक लाने वाली यूपी की इस लड़की की सफलता की चौतरफा गूंज
- Muskan Khandelwal
- Published on 11 Aug 2023, 1:40 pm IST
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हाइलाइट्स
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि तक वैष्णवी की यात्रा चुनौतियों से भरी थी। फिर भी उनके मजबूत इरादे और अटल आत्म-विश्वास ने जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
वैष्णवी पॉल उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर की रहने वाली हैं। 26 वर्षीया वैष्णवी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2022 में 62वीं रैंक हासिल की है। एक लोकल कारोबारी आदित्य पॉल की इस बेटी की उपलब्धि की चर्चा चारों ओर हो रही है। वह परिवार, समाज, शहर और देश भर में सिविल परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स आपके लिए गोंडा की इस लड़की की सफलता की कहानी लेकर आया है, जिसने तीन असफल प्रयासों के बाद भी मैदान छोड़ने का विचार एक बार भी नहीं किया।
बड़ी कामयाबी
वैष्णवी की उल्लेखनीय उपलब्धि की खबर जंगल की आग की तरह फैलते ही गोंडा की सड़कें खुशी और गर्व से भर गईं। समाज के लोग और शुभचिंतक हार्दिक बधाई देने उनके घर पहुंचने लगे। उनकी कामयाबी का जश्न सबने मनाया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि तक वैष्णवी की यात्रा चुनौतियों से भरी थी। फिर भी उनके मजबूत इरादे और अटल आत्म-विश्वास ने जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने की वैष्णवी की आकांक्षा शुरुआती वर्षों के दौरान ही जग गई थी। इसलिए कि वह बड़े चाव से अखबार पढ़ती थी, जो दुनिया को जानने के लिए खिड़की के रूप में काम करते थे। अपने लक्ष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटल थी। उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए मजबूत इरादा दिखाते हुए अपनी ऊर्जा पढ़ाई और तैयारी में लगा दी।
वह कहती हैं, “मुझे बीच में ही कभी भी छोड़ने का मन नहीं हुआ! यूपीएससी मेरे लिए एकमात्र मंजिल थी।”
पढ़ाई-लिखाई
एक मजबूत शैक्षिक आधार के साथ उनकी सफलता की राह पहले ही अच्छी तरह से तय हो चुकी थी। अपने गृहनगर में फातिमा स्कूल से सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लक्ष्य पर नजरें टिकाते हुए आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली पहुंच गईं। वहां उन्होंने प्रसिद्ध लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनोमिक्स में ग्रेजुएशन किया, तो उनकी शैक्षणिक प्रतिभा और चमक उठी। इस समय वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू में अपने बौद्धिक क्षितिज का विस्तार कर रही हैं। अपने ज्ञान और दृष्टिकोण को और समृद्ध कर रही हैं।
निर्णायक क्षण
यूपीएससी सीएसई में 62वीं रैंक हासिल करने तक वैष्णवी की यात्रा लगन और मजबूत इरादे वाली थी। फिर भी यह सफलता रातोरात नहीं आई। यह पूरी तैयारी के साथ की गई चार कोशिशों का नतीजा थी। उनकी हर कोशिश अंतिम लक्ष्य की ओर एक कदम था।
इंटरव्यू के दौरान जब निर्णायक क्षण आया, तो उन्होंने असाधारण धैर्य और आत्मविश्वास दिखाया। दरअसल उन्हें एक पूर्व जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के बीच तालमेल की कमी से जुड़े एक काल्पनिक हालात का सामना करना पड़ा। इस पर वैष्णवी की प्रतिक्रिया उनकी रणनीतिक सोच और आशावादी दृष्टिकोण का प्रमाण थी। उनके जवाब ने रचनात्मक और समाधान-उन्मुख मानसिकता के साथ वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने की उनकी तत्परता का उदाहरण दिया।
उन्होंने पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिया कि तालमेल की कमी को दूर करने के लिए वह पॉजिटिव अप्रोच के साथ एक नए पेशेवर रिश्ते की शुरुआत करेंगी।
मदद
अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों से परे वह जमीन से जुड़ी रहती हैं। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों के अटूट समर्थन को देती हैं। उनका मानना है कि कोई सपना जब एक सहायक नेटवर्क के भीतर पलता है, तब कड़ी मेहनत और निडरता के मिश्रण से हकीकत में भी बदल सकता है।
गोंडा की गलियों से लेकर सिविल सेवाओं की सड़कों तक वैष्णवी पॉल की उल्लेखनीय यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है, जो उनके समाज की सीमा से बाहर तक गूंजती है। उनकी कहानी दृढ़ संकल्प, आत्म-विश्वास और प्रियजनों के अटूट समर्थन की शक्ति का प्रमाण है। जब वह एक आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रही हैं, तब उनकी उपलब्धि उन सभी लोगों के लिए एक चमकदार उदाहरण के रूप में खड़ी है, जो सपने देखने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने का साहस करते हैं।
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