जैसा नाम वैसा गुणः अयोध्या की विदुषी ने 21 साल की उम्र में ही 13वीं रैंक के साथ UPSC क्रैक कर दिखाया
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 16 Jun 2023, 1:00 pm IST
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हाइलाइट्स
- 'विदुषी' का अर्थ होता है- 'बुद्धिमान महिला,' आईएएस के बजाय विदेश सेवा में चाहती हैं जाना चाहती हैं विदुषी
- जन्म राजस्थान के जोधपुर में, लेकिन पली-बढ़ीं धर्म-नगरी अयोध्या में
- उनका कहना है कि इंटरव्यू में एनालिटिकल क्षमता की जांच होती है, न कि आपके ज्ञान की
उनके माता-पिता ने उनके जन्म के तुरंत बाद उनका नाम रखा- विदुषी (Vidushi)। यानी बुद्धिमान महिला। इस नाम का इस्तेमाल देवी सरस्वती के लिए भी होता है, जिन्हें हिंदू धर्म में ज्ञान की देवी कहा जाता है।
उनका नाम रखते समय माता-पिता ने शायद यह नहीं सोचा होगा कि उनकी बेटी इतने कम समय में ही अपने नाम के सही अर्थ पर खरी उतरेगी। अयोध्या की विदुषी सिंह सिर्फ 21 साल की हैं और उन्होंने बिना किसी कोचिंग के पहली बार में ही AIR 13 के साथ UPSC CSE 2022 को क्रैक कर लिया है।
दिलचस्प बात यह है कि वह IAS के बजाय भारतीय विदेश सेवा (IFS) में जाना चाहती हैं। उनकी आइडल सीबी मुथम्मा हैं, जो भारत की पहली राजनयिक महिला हैं। उन दिनों महिलाओं को एंबेसडर का पद नहीं मिलता था, लेकिन मुथम्मा ने इसके लिए कड़ा संघर्ष किया। इसलिए वह विदुषी की सबसे बड़ी प्रेरणा स्रोत रही हैं।
परिवार सबसे बड़ी ताकत:
विदुषी की सफलता ने फिर साबित कर दिया कि इस सफर में परिवार ही सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा, “परिवार ने मेरे लिए सब कुछ किया। मैं पहले कोविड लॉकडाउन में घर आई और परीक्षा की तैयारी करने लगी। परिवार ने मुझे किसी बात के लिए परेशान नहीं किया। मेरा एकमात्र काम पढ़ना और खूब पढ़ना था।”
सफर:
वह अयोध्या, उत्तर प्रदेश से आती हैं। लेकिन, उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। पिता यूपीपीसीएल में इंजीनियर हैं, जबकि पीएचडी की डिग्री वाली मां स्कूल टीचर हैं।
उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा फैजाबाद से पूरी की, जिसे अब अयोध्या के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जेबी एकेडमी से 98.2 पर्सेंटाइल के साथ 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया।
उनका झुकाव हमेशा ह्यूमैनिटीज की ओर था। बचपन में हिस्ट्री उनका पसंदीदा विषय था। बड़ी होकर उन्होंने इकोनॉमिक्स को चुना। वह कहती हैं, “दरअसल इकोनॉमिक्स आपको दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह निश्चित रूप से IFS पोस्टिंग में मेरी मदद करेगा।”
प्रेरणाः
दादा-दादी हमेशा उन्हें नौकरशाह के रूप में देखना चाहते थे। इसलिए बचपन से ही विदुषी अपने सपने को पूरा करने में जुट गई थीं। इसे लेकर उनकी सोच शुरू से ही साफ थी। उनके अलावा उन्होंने अपने कॉलेज के टॉपर्स से प्रेरणा ली।
वह कहती हैं, “हर साल आप हमारे कॉलेज से यूपीएससी पास करने वाले कई कैंडिडेट्स को देखेंगे। इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली और मैं अपने लिए अच्छी रणनीति बनाते हुए उनके पीछे चल पड़ी।”
तैयारीः
उन्होंने अपने कॉलेज के तीसरे वर्ष में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उस समय केवल एनसीईआरटी और अन्य बेसिक बुक्स पर ही ध्यान लगाया था। उसके बाद उन्होंने महसूस किया कि उन्हें कोचिंग नहीं चाहिए। इसलिए उन्होंने केवल कई टेस्ट सीरीज और मॉक में भाग लिया।
हालांकि अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट यानी इकोनॉमिक्स के लिए उन्होंने चार महीने तक एक प्रसिद्ध शिक्षक की मदद ली। उन्होंने कहा, “कॉलेज के तीसरे वर्ष में मुझे एहसास हुआ कि कोचिंग की कोई आवश्यकता नहीं है और मैं अपनी तैयारी खुद कर सकती हूं, क्योंकि मेरे पास पूरा समय था। फिर मैंने खुद का विश्लेषण किया। जाना कि मैं कहां गलतियां कर रही थी और इसे कैसे ठीक करूं। कॉलेज के बाद मैंने टेस्ट सीरीज पर ध्यान दिया। मैंने विभिन्न टेस्ट सीरीज परीक्षाओं में भाग लिया, जिससे मुझे प्रीलिम्स निकालने में मदद मिली।”
इंटरव्यूः
उनका इंटरव्यू बढ़िया माहौल में हुआ। उनसे उनके डीएएफ और उनके गृह नगर अयोध्या को लेकर सवाल पूछे गए थे। चूंकि जोधपुर उनका जन्म स्थान था, इसलिए उनसे एक प्रसिद्ध सेलिब्रिटी जोड़े का नाम भी पूछा गया, जिन्होंने उम्मेद भवन में शादी की थी।
उनके ऑप्शनल सब्जेक्ट यानी इकोनॉमिक्स से भी कई प्रश्न पूछे गए थे। जैसे: “कोविड के बाद आप भारत के विकास को कैसे देखती हैं?” “विश्व अर्थव्यवस्था पर कोविड ने कैसे उलटा असर डाला?” “क्या इस ग्लोबल युग में भारत को सप्लाई चेन पर अधिक ध्यान देना चाहिए?”
उनसे कुछ सिचुएशनल सवाल भी पूछे गए। उनके अनुसार, बोर्ड के सदस्य इंटरव्यू में दरअसल किसी की एनालिटिकल क्षमता की जांच करते हैं, ज्ञान की नहीं।
सलाह:
यूपीएससी की तैयारी करने वालों को सलाह देती हुई विदुषी ने कहा, ”परीक्षा को लेकर खुद को पॉजिटिव बनाए रखें। कई बार आपको निराशा हाथ लगेगी, लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। चीजें जल्द ही बदल जाती हैं। इस जर्नी में हमेशा बेसिक बातों का पालन करें और शॉर्टकट न अपनाएं। अपनी खुद की रणनीति और नोट्स बनाएं। पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें।”
उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वालों को पहले एनसीईआरटी की किताबें पढ़कर अपना आधार मजबूत करना चाहिए। फिर पेपर देते समय हमेशा अपना दिमाग केंद्रित रखना चाहिए।
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