त्रिमूर्ति एक साथ: फिटनेस फ्रीक, एक सफल आईएएस अधिकारी और बेहद जिम्मेदार मां!
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 8 Jan 2022, 9:51 am IST
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हाइलाइट्स
कई पुरस्कार जीत चुकी आईएएस अधिकारी सोनल गोयल की व्यायाम और योग करती हुई तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट की दुनिया में अक्सर वायरल होते रहते हैं। कभी बेतहासा बढ़े हुए वजन से परेशान 2 बच्चों की मां आईएएस सोनल की लाजवाब फिटनेस पाने की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है।
‘एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है’ – यह कथन हम अनगिनत बार सुन चुके हैं, और जब कोई भी बात या सच हम बार-बार सुनते हैं तो वो बहुत आम सा लगने लगता है और उसकी महत्वता हमारी नजर में घटती सी प्रतीत होती है। लेकिन कभी-कभी, इस यथार्थ सच की एक शानदार अभिव्यक्ति हमारी नजरों के सामने आकर मन की इंद्रियों पर ऐसी छाप छोड़ती है कि हमे उस सच की महत्वता हमेशा के लिए स्वीकार करनी पड़ती है। ‘स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क’ की ऐसी ही अभिव्यक्ति हैं – आईएएस अधिकारी सोनल गोयल।
देश की प्रशासनिक सेवाओं में बहुत कम अधिकारी ऐसे होते हैं, जो एक साथ कई मोर्चों पर काम करते हुए नजर आते हैं। सोनल गोयल एक ऐसी ही अधिकारी हैं, जो अपने निजी जीवन से लेकर पेशेवर जीवन तक में एक साथ कई मोर्चों पर काम कर रही हैं।
दीवानगी की हद तक फिटनेस से प्यार करने वाली सोनल की व्यायाम और योगा करती हुई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हैं। इन तस्वीरों से लेकर वीडियो तक के बारे में लोग उतनी ही तन्मयता से खूब चर्चा करते हैं, जितनी की पेशेवर जिंदगी में उनकी उपलब्धियों पर मिले कई पुरस्कारों के बारे में करते हैं। हरियाणा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ से संबंधित उनके हालिया काम के लिए उन्हें दो पुरस्कारों से नवाजा गया, वह पिछले कुछ वर्षों से हरियाणा में ही तैनात हैं। हरियाणा के पानीपत जिले की रहने वाली सोनल त्रिपुरा कैडर की 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। यूपीएससी-2008 बैच की परीक्षा में सोनल ने पूरे देश में 13 वां स्थान हासिल किया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित ‘श्री राम कालेज आफ कामर्स’ से वर्ष 2003 में बी काम (आनर्स) किया है। स्नातक पूरा करने के बाद उन्होंने 2004 में कंपनी सेक्रेटरीशिप में सफलता पाई और साल 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एलएलबी में एडमिशन लेने के साथ ही कंपनी सेक्रेटरी के तौर पर पार्ट टाइम जॉब भी शुरू किया। ये पब्लिक पालिसी में एमए भी है।
सोनल गोयल ने कैरियर की शुरुआत से ही अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का लोहा मनवाया। अपनी उत्कृष्ठ जनोपयोगी कार्ययोजनाओं और शानदार कार्यशैली की वजह से वो बेहद चर्चित रहीं। कलेक्टर साउथ त्रिपुरा, अगरतला म्युनिसिपल काउंसिल की चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर, सर्व शिक्षा अभियान की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, गोमती जिले के जिलाधिकारी और हरियाणा में डेपुटेशन पर आने के बाद झज्जर जिले की डिप्टी कमिश्नर, फरीदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन के कमिश्नर, उन्होंने इन सभी पदों पर शानदार कमा किया और नौकरशाही के लिए लोगों के दिल में सम्मान बढ़ाया।
आईएएस सोनल के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि अपनी फिटनेस की तस्वीरें जो सोनल अपने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पेजों पर डालती हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि जैसे वह बहुत पहले से कड़े व्यायाम और योगा की दिनचर्या फॉलो करती हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है और वह खुद इसे छिपाती भी नहीं हैं, बल्कि इस तथ्य को खुलकर स्वीकार करती हैं। दो गर्भावस्था के बाद उनका वजन बहुत बेतरतीब तरीके से बढ़ गया था और इसकी वजह से उन्होंने जो अनुभव किया, उसने उन्हें स्थिति को निष्पक्ष रूप से देखने और सोचने पर मजबूर कर दिया। फिर उन्होंने वही किया, जो दुनिया का हर बड़े से बड़ा डॉक्टर, चिकित्सा वैज्ञानिक, कोई वैद्य या नीम-हकीम हमेशा स्वस्थ रहने के लिए बताता है। उन्होंने मानव जाति के लिए अब तक ज्ञात सबसे बेहतर चिकित्सा यानी ‘व्यायाम और योगा’ अपनाने का फैसला किया, और परिणाम सामने है।
लेकिन वास्तव में, सोनल गोयल ने व्यायाम बहुत देर से शुरू किया। और यह बात आज के आधुनिक काल में बड़ी संख्या में उन लोगों को एक उम्मीद दे सकती है, जो अपने संबंधित कार्यालयों में देर तक काम करते हैं और ‘ऑफिस वर्क’ का बहाना बनाकर नियमित अंतराल पर मांसपेशियों को हिलाने से बचते रहे हैं। अपने जीवन में कोई न कोई व्यस्तता का बहाना बनाकर नियमित योग और व्यायाम से दूर जा चुके लोगों के लिए सोनल एक उदाहरण हैं। सोनल ने दिखाया है कि ‘ऑफिस का काम’ और ‘एक्सर्साइज’, ये दोनों काम एक साथ शानदार परिणाम के साथ किए जा सकते हैं।
कुछ दिनों पहले, सोनल ने अपने सोशल मीडिया पेज पर अपनी पिछले कुछ वर्षों की उस चिकित्सीय (व्यायाम और योग के माध्यम से) यात्रा को याद किया, जिससे कई स्तरों पर उनका प्रदर्शन बेहतर से बेहतर होता चला गया। यह पोस्ट कुछ इस तरह से थी-
“यह शरीर आपका मंदिर है, आपकी अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ। मैं अपने अच्छे स्वास्थ्य और फिटनेस की अपनी यात्रा साझा कर रही हूं। स्वस्थ रहना सभी के लिए महत्वपूर्ण है, महिलाओं के लिए और भी अधिक। हमने खुद को लेकर एक बहाना बनाने की प्रवृत्ति बना ली है, खासकर गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के समय।
मेरे साथ भी ऐसा ही था, साल 2009 में मेरी शादी के बाद से ही मेरा वजन धीरे-धीरे बढ़ रहा था और जब मैंने 2013 में मेरा पहला बच्चा हुआ, मेरा वजन बहुत तेजी से बढ़ने लगा। समाज भी यह कहते हुए कि आप एक मां बन गई हैं, थोड़ा वजन बढ़ना स्वाभाविक है और ठीक है, आपको बढ़ा हुआ वजन स्वीकार करने पर मजबूर कर देता है।”
“फिर भी, मैं हल्के व्यायाम करती थी, हालांकि नियमित तौर पर नहीं। लेकिन यह कोई 2017 के अंत और 2018 की शुरुआत का वक्त था और झज्जर में मेरी पोस्टिंग थी, मैंने घर पर एरोबिक्स, जुम्बा, योग और कुछ व्यायाम नियमित तौर पर करने शुरू किए। इसके परिणाम काफी उत्साहजनक थे।
इसलिए कुछ महीनों में ही, मैंने लगभग 15 किलो वजन कम कर लिया (बीएमआई नियम के अनुसार जरूरी) और अपने काम व दैनिक जीवन में समग्र रूप से अधिक ऊर्जावान महसूस करने लगी। फिर जब मैंने 2018 के उत्तरार्ध के दौरान अपनी दूसरी गर्भावस्था में प्रवेश किया, मैं डॉक्टरों द्वारा बताए गए छोटे योग और कुछ व्यायाम करती रही।”
“2020 में प्रसव के बाद, मैं 2018 वाली अपनी फिटनेस दोबारा पाने के लिए बेचैन थी और मैंने ठान लिया कि उसे पाकर रहूंगी। इसलिए, 8-9 महीने पहले शुरू किए गए प्रयासों ने मुझे अपने गर्भावस्था से पहले वाली फिटनेस के करीब पहुंचने में सक्षम बनाया। अपने ऑफिस, बच्चों और घर की जिम्मेदारी के बावजूद शेड्यूल पर टिके रहना और उसे फॉलो करना आसान नहीं है, इसके लिए बहुत अधिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। लेकिन मुझे खुशी है कि मैं यह कर सकी! बाद में आखिरकार यही एहसास होता है कि जीवन में बाकी सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन स्वास्थ्य और फिटनेस नहीं। उम्मीद है कि स्वास्थ्य को लेकर मेरी यह जागरूक यात्रा यूं ही अनवरत जारी रहेगी।”
कोरोना काल में भी अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए सोनल गोयल ने एक साथ कई मोर्चे संभाल रखे हैं, कोविड-19 की लड़ाई में उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है।
आईएएस सोनल के कई अन्य आकर्षक आयाम हैं, जिनके बारे में हम बाद में चर्चा करेंगे।
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