सहाय योजना: नक्सल प्रभावित जिलों को खेलों के माध्यम से बदलने की कोशिश, खूंटी जिले में हो रहा है शानदार काम
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 27 Dec 2021, 10:55 am IST
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हाइलाइट्स
- झारखंड सरकार ने शुरू की है- सहाय (स्पोर्ट्स एक्शन टूवर्डस हार्नेसिंग एस्पिरेशन ऑफ यूथ) योजना, खेलों के माध्यम से युवाओं के भविष्य को संवारने की पहल
- 5 नक्सल प्रभावित जिलों में सहाय योजना की शुरुआत, उग्रवाद नहीं बल्कि खेल की नर्सरी के रूप में जिलों को विकसित करने की कोशिश, 72 हजार युवक-युवतियों को खेल के क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का अवसर
- इस योजना के तहत 2 से 10 हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा, इंडियन मास्टरमाइण्ड्स ने खूंटी जिले के डीसी से बातकर योजना के बारे में विस्तार से जाना
झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में सरकार युवाओं को खेल गतिविधियों से जोड़कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की तरफ ले जाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने सहाय (स्पोर्ट्स एक्शन टूवर्डस हार्नेसिंग एस्पिरेशन ऑफ यूथ) नाम की विशेष योजना शुरू की है। सरकार का प्रयास है कि खेलों के माध्यम से युवाओं को रचनात्मक बदलाव की सोच के साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। हाल ही में 15 दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के मकसद से ‘सहाय योजना’ की शुरुआत की है।
योजना के जरिए प्रथम चरण में पांच नक्सल प्रभावित जिलों चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला और सिमडेगा के 14 से 19 वर्ष के 72 हजार युवक-युवतियों को खेल के क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा। इस योजना के तहत सरकार ने 2 से 10 हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी की है। योजना के तहत आयोजित प्रतियोगिताओं में जिला एवं राज्य स्तर पर विजेताओं और उप-विजेताओं को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया जाएगा। इंडियन मास्टरमाइण्ड्स ने योजना में चुने गए जिले खूंटी के डीसी शशि रंजन से बातचीत की और जाना कि किस तरह वो इस योजना पर काम कर रहे हैं और कैसे युवाओं को इससे फायदा होगा।
सहाय योजना
सहाय योजना का मुख्य उद्देश्य नवोदित खिलाड़ियों को तैयार करते हुए खेलों के माध्यम से लोगों और पुलिस के बीच की खाई को कम करना है। सहाय योजना के तहत, सरकार की योजना राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खेल संघों के सहयोग से कई खेल टूर्नामेंट आयोजित करने की है। इसमें ग्रामीण स्तर से लेकर प्रखंड और जिला स्तर तक खिलाड़ियों का चयन होगा, उसी के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रतिभाशाली युवा पंचायत, वार्ड, ब्लॉक और जिला स्तर तक विभिन्न खेलों में अपना कौशल दिखा सकते हैं। युवाओं को हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स समेत अन्य खेलों में अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा। सहाय योजना का संचालन खेल विभाग द्वारा किया जाएगा।
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए आईएएस शशि रंजन ने कहा, “खूंटी जिले में खेलों को लेकर पहले से ही बहुत उत्साह रहा है। हमारे यहां इसमें 4 खेलों को लिया गया है। सभी ब्लॉक और वार्डों से बहुत समर्थन और सहयोग मिल रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। बड़ी संख्या में युवा आगे आकर इसे जॉइन कर रहे हैं। सभी जगह बहुत उत्साह है। अधिकतर युवा इसे एक अवसर मान रहे हैं, जहां खूb सीखने को और काम करने को मिलेगा। मुझे लगता है कि जिले के हिसाब से आने वाले समय में यहां से सबसे अधिक सहभागिता रहेगी। खूंटी जिले में लोगों की खेलों को लेकर बहुत समय से ऐसी योजना की मांग भी थी।”
जनता और प्रशासन के बीच घटेगी दूरी
शशि रंजन कहते हैं कि इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये भी होगा कि लोग प्रशासन के साथ सहयोग करेंगे और जुड़ने की कोशिश करेंगे। सामाजिक समरसता भी इस योजना से बढ़ेगी।
शशि रंजन कहते हैं, “ग्रामीण क्षेत्रों में ये योजना विश्वास बहाली का काम भी करेगी। आम लोगों के अंदर कॉन्फ़िडेंस बिल्डिंग का काम करेगा। ये निश्चित है कि इसके बाद अब गांव की प्रतिभाएं निकाल कर सामने आएंगी। इसके साथ ही अभी फौरी कदम के तौर पर हमने सभी ब्लॉक के विडियोज और सीओ को बोल दिया गया है कि इस योजना को लेकर बढ़-चढ़कर काम करें और सक्रिय रूप से भाग लें। वहीं, जनप्रतीधियों को भी शामिल कर रहे हैं, क्योंकि उनका आम जनता पर बहुत असर होता है। तो अब सभी लोग बहुत सक्रिय रूप में भाग ले रहे हैं।”
मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास
सीएम सोरेन ने योजना का उदघाटन करते हुए कहा था कि अब लोगों को नक्सलियों का भय नहीं होगा। झारखंड की खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए कई जिलों में खेल के लिए अलग से पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों की जो छाप लोगों के मन में गढ़ी गयी है, उसे खेलों के माध्यम से बदला जाएगा।
19 साल से कम उम्र के युवाओं को झारखंड सहाय योजना से जोड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक रूप से काम करने को कहा गया है। सहाय योजना के तहत पंचायत स्तर से संभावित खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर ले जाया जाएगा, जहां उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए तैयार किया जाएगा।
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