चेन्नई विझा ने देसी-विदेशी पर्यटकों को कियाआकर्षित
- Pallavi Priya
- Published on 12 Jun 2023, 8:44 pm IST
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हाइलाइट्स
- तमिलनाडु में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक उत्सव मेगा हिट साबित हुआ
- हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट्स की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री ने संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा की
- भारत की जी20 अध्यक्षता से यहां आने वाले अंतरराष्ट्रीय दर्शक प्रभावित हुए
- A cultural performance at Tamil Vizha
तमिलनाडु पर्यटन विकास निगम (टीएनटीडीसी) का पहला अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प, हथकरघा, संस्कृति और खाद्य महोत्सव ‘चेन्नई विझा’ ने काफी लोकप्रियता हासिल की है। इसका उद्घाटन 28 अप्रैल को चेन्नई में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने किया था।
इस महोत्सव में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई। साथ ही इसने यहां आने वाले लोगों को संगीत कार्यक्रमों से लेकर पारंपरिक नृत्यों तक विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का शानदार अनुभव कराया। कार्यक्रम इतना लोकप्रिय रहा कि इसे 14 मई की जगह 21 मई तक आयोजित करना पड़ा।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बातचीत में तमिलनाडु पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेश संदीप नंदूरी ने बताया कि चेन्नई विझा ने विभिन्न कलाओं और शिल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की और कारीगरों के व्यवसाय को बढ़ाने में मदद की।
10 देश, 20 राज्यः
अधिकारी ने कहा कि यह दक्षिण भारत में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हस्तकला, हथकरघा और संस्कृति उत्सव था। शुरुआती साल होने के बाद भी दस देशों और 20 राज्यों ने इस महोत्सव में अपनी भागीदारी निभाई। सफलता पर संतोष जताते हुए नंदूरी ने कहा, ‘हमने सभी राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों को अपने कारीगरों को भेजने के लिए लिखा था। हमने अपने कारीगरों को भेजने के लिए सभी राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा बोर्डों से भी संपर्क किया। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में लोग यहां आए।’
बड़ा मंचः
हथकरघा बुनकरों, कारीगरों और नर्तकियों के लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पूम्पुहर में एक समारोह कराया। 311 स्टॉल लगाए गए थे। इनमें हैंडीक्राफ्ट्स के 70 स्टॉल थे। तमिलनाडु के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के 75 स्टॉल थे। इनके अलावा बांग्लादेश, भूटान, ईरान, किर्गिस्तान, नेपाल, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, उज्बेकिस्तान सहित 10 देशों के 30 स्टॉल थे।
अन्य राज्यों के लिए विशेष रूप से 83 स्टॉल तैयार किए गए थे। खानपान के 40 स्टॉलऔर 13 पर्यटन और हस्तकला उत्पादन के स्टॉल बनाए गए। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने बच्चों के साथ इस मेगा फेस्ट का लुत्फ उठाया।
विविधताओं की भरमारः
कांचीपुरम, अरणी, थिरुबुवनम सिल्क साड़ी, सलेम सिल्क साड़ी, प्योर लेस साड़ी, कोरा कॉटन साड़ी, पट्टू साड़ी, कोडंबक्कम साड़ी, परमाकुडी कॉटन साड़ी, रासीपुरम थलम्पू कोरवई सिल्क साड़ी, चेट्टीनाड सुंगडी साड़ी या जो भी साड़ी आपको चाहिए थी, वह सब यहां मिल जाती। ऑर्गेनिक हैंडलूम साड़ी, नेगाम हैंडलूम साड़ी, भवानी जमक्कलम ने यहां आने वाले लोगों और ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
इनके अलावा, बेड कवर, कालीन, सजावटी लिनेन, टेबल क्लॉथ, तकिए के कवर, तौलिए, पेंटिंग, लकड़ी की नक्काशी, महिलाओं के सामान, प्राकृतिक हर्बल उत्पाद, सीप से बने कला उत्पाद, कपड़े के बैग, तंजावुर पेंटिंग, लकड़ी की मूर्तियां, पट्टामदई मैट आदि भी यहां मिल रहे थे। यह उन सभी सामान में से कुछ ही हैं जो यहां प्रदर्शित किए गए थे।
महोत्सव में हर रोज पांच से अधिक प्रस्तुतियां होती थीं, जो लगातार तीन सप्ताह तक जारी रही। यह यहां आने वाले लोगों को काफी तसल्ली और आंखों को सुकून देती थीं। तमिलनाडु के कला और संस्कृति विभाग ने ओयिलट्टम, मयिलट्टम, सिलंबम, कट्टिकल अट्टम, काराकाट्टम, थप्पट्टम सहित कई अन्य ने कई ऐसे आयोजन किए, जिसने अपार समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
चकित रहे सबः
दक्षिणी सांस्कृतिक केंद्र ने मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात के लोक नृत्यों का आयोजन किया। फिर हर दिन होने वाले पंजाब का खटका (तलवार नृत्य), ढोल नृत्य, राजस्थान का लोक नृत्य, केरल का कथकली, कलारीपयट्टू, उड़ीसा का छऊ था, जिसने संस्कृति और परंपरा से सबको चकित कर दिया।तमिलनाडु में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक उत्सव मेगा हिट साबित हुआ
बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी उम्र के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नंदुरी हर साल विझा आयोजित करने की उम्मीद करते हैं। इसलिए कि यह न केवल हमारी विविध संस्कृति को प्रदर्शित करता है बल्कि हस्तशिल्प के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है।
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