खूंटी जिले की हर पंचायत में लाइब्रेरी बनाने की पहल, ये आईएएस अधिकारी ग्रामीण झारखंड में कर रहे शिक्षा का प्रसार
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 29 Nov 2021, 11:30 am IST
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हाइलाइट्स
- खूंटी जिले के उपायुक्त आईएएस शशि रंजन की पहल से बन बन रहे हैं हर पंचायत में पुस्तकालय
- जिले के हर सरकारी विद्यालय में बनेगी कम्प्युटर लैब
- तेजस्विनी ग्रुप की सहायता एस चलेंगे पुस्तकालय, नीति आयोग कर रहा है मदद
पुराने समय से ही मानव के विकास में किताबों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हो भी क्यों न, आखिर किताबें ही तो भविष्य का आधार होती हैं। एक शिक्षित समाज ही देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाता है। लेकिन जब देश की ज्यादातर आबादी गांवों में निवास करती हो, तो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाए बिना समाज व देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाना संभव नहीं। लेकिन झारखंड के खूंटी जिले के उपायुक्त आईएएस शशि रंजन ने इसी दिशा में कमा करते हुए जिले की सभी 149 पंचायतों में पुस्तकालय खोलने की योजना पर कर कर रहे हैं। प्रत्येक पंचायत में एक पुस्तकालय खोला जाएगा और इसका संचालन तेजस्विनी की किशोरियों द्वारा किया जाएगा। तेजस्विनी भी झारखंड सरकार की योजना है, जहां 14 से 24 साल की किशारियों को अनौपचारिक शिक्षा व कौशल विकास का भी प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जाता है। योजना के तहत तेजस्विनी क्लब भी बनाए जाते हैं और युवतियों का सामाजिक एंव आर्थिक सशक्तिकरण किया जाता है।
हर पंचायत में पुस्तकालय
खूंटी जिले की सभी पंचायतों में पुस्तकालय के लिए नीति आयोग से फंड मिला है। इसके लिए हर पंचायत में पुरानी सरकारी इमारत तलाशी जाएगी, जिसका इस्तेमाल अब न हो रहा हो या बेहद कम हो। फिर उसकी मरम्मत और नवीनीकरण करके वहां पुस्तकालय बनाया जाएगा। इन पुस्तकालयों की देख-रेख तेजस्विनी ग्रुप के हवाले होगी। इसके साथ ही प्रशासन एक और योजना पर कमा कर रहा है, जिसमें जिले के हर सरकारी विद्यालयों में अब कंप्यूटर लैब बनाई जाएगी और विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा के हर पहलू से रूबरू कराया जाएगा।
2014 बैच के आईएएस अधिकारी और खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन ने इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से एक खास बातचीत करते हुए कहा, “जिले की हर पंचायत में पुस्तकालय बनाने की हमारी योजना है। कई जगहों पर काम चल रहा है और पूरा भी हो चुका है। हम हर पंचायत में सामुदायिक भवन का नवीनीकरण कर उसे पुस्तकालय में बदल रहे हैं। अभी जहां तेजस्विनी ग्रुप सबसे ज्यादा एक्टिव है, वहां पहले पुस्तकालय बनाए जा रहे हैं। इसके बाद अन्य जगहों पर काम होगा। हमारा उद्देश्य जिले के हर एक ब्लॉक में ब्लॉक लेवल पर पुस्तकालय बनाने का है, ताकि बच्चों में पढ़ने की आदत बने और उनका सम्पूर्ण विकास हो। अगले 6 महीने में सभी पुस्तकालयों को बनाने का हमार उद्देश्य है।”
जिला प्रशासन ने हाल ही में टाटा ट्रस्ट की संस्था सिनीसेल (Clnl) की मदद से एक पुस्तकालय का निर्माण किया है, जहां एक सामुदायिक भवन को एक शानदार पुस्तकालय में बदला गया है। आईएएस शशि कहते हैं कि यह एक शानदार पहल थी जो हमने सिनीसेल की मदद से पूरी की। अब इसकी देख-रेख विश्व बैंक की मदद से चल रहे तेजस्विनी ग्रुप करेंगे। हमारा मूल काम अभी सामूहिक स्तर पर जागरूकता लाना और लोगों को एक साथ करना है। जब ये हो जाएगा तो हमारा काम आसान हो जाएगा।
कंप्यूटर लैब
प्रशासन ने कंप्यूटर लैब बनाने के लिए प्रथम चरण में विद्यालयों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। शशि के अनुसार, समाज में व्यवस्थित रूप से बेहतर व्यवस्था व प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए व्यापक बदलाव लाने की जरूरत है, ताकि एकीकृत व समावेशी विकास को बढ़ाया जा सकें।
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