नगालैंड के छोटे-से जिले से जानिए कि AI कैसे बन सकता है जीवन बदल देने वाला वरदान
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 13 Jun 2023, 10:14 am IST
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हाइलाइट्स
- नगालैंड के वोखा जिले के प्रशासन ने लांच किया AI चैटबॉट, जो एक ही जगह सभी सरकारी सेवाओं की दे देता है जानकारी
- यूजर की मांग, शिकायतें और फीडबैक पहले से ही न सिर्फ मिल रहे, बल्कि रजिस्टर्ड भी हो रहे हैं
- यह करता है API प्लेटफॉर्म पर काम, जो विभिन्न सॉफ्टवेयर एप्लीकेशनों को आपस में सहयोग करने की सुविधा देता है
क्रांतिकारी बदलावः कहना ही होगा कि यह युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का है। यह भी मानना होगा कि हमारा देश इसे सामाजिक सशक्तीकरण और समावेश के लिए एक औजार के तौर पर इसका इस्तेमाल कर रहा है। इतना ही नहीं, अपने नागरिकों की बेहतरी के लिए एआई टूल्स विकसित करने पर भी ध्यान दे रहा है। नगालैंड के वोखा जिले में ऐसी ही एक अनूठी पहल हुई है। वहां के प्रशासन ने हाल ही में एआई पर आधारित एक चैटबॉट लॉन्च किया है। यह कठिन इलाकों में भी कई तरह की सरकारी सेवाओं के प्रचार से लेकर शिकायत, सूचना और इंटरैक्टिव आईईसी अभियानों में बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
अभी एक हजार से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, जो 1.6 लाख की आबादी वाले छोटे से जिले के लिहाज से बहुत अच्छी संख्या है। वह भी इतने कम समय में। उन्होंने इसका नाम ‘वोखा साथी’ रखा है। इसे 2015 बैच के आईएएस अधिकारी और वोखा के डीसी अजीत कुमार रंजन और 2018 बैच के आईएएस अधिकारी और भंडारी के एडीसी रोहित सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने डिजाइन किया है। अच्छी बात यह है कि इस चैटबॉट की सभी गतिविधियां डीसी के डैशबोर्ड पर दिखती हैं, ताकि वह इसे मॉनिटर कर सकें।
एक संवादी एआईः
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए श्री रंजन ने कहा-यह ऐसा चैटबॉट है, जो अभी व्हाट्सएप और वेबसाइट के साथ काम करता है। लेकिन यह अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ भी काम कर सकता है। यह नागरिकों के साथ एसएमएस पर भी जुड़ सकता है।
इस तरह यह एक संवादी एआई है। चैटबॉट दरअसल लोगों के साथ उनकी भाषा में ही बातचीत करने, उनके सवालों को समझने और उचित प्रतिक्रिया देने के लिए विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का उपयोग करेगा।
आम लोगों का मजबूत सहाराः
इस एआई आधारित टूल को इसी साल 19 मई को केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने लॉन्च किया। इससे सरकार और जनता दोनों को फायदा होता है। वोखा साथी नागरिकों को सशक्त बनाता है, सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच बनाता है और शासन को कारगर बनाता है। वैसे तो इस एआई के लिए मूल प्लेटफॉर्म एपीआई आधारित है, जो आउटसोर्स किया जाता है। यह प्राइवेट सेक्टर से हासिल होता है। लेकिन इसे डिजाइन डीसी रंजन और एडीसी सिंह ने ही किया है।
यह विचार कैसे आयाः
एआई चैटबॉट का विचार कैसे आया? श्री रंजन ने कहा कि दरअसल पहले उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में काम किया था। इसलिए नागरिकों के साथ-साथ मजदूरों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में जानते हैं। उन्होंने महसूस किया कि एक आसान और अधिक सुलभ तरीका होना चाहिए, जहां जमा की गई सभी जानकारियां एक हब की तरह काम करे। साथ ही एक उंगली की नोक पर उपलब्ध हो। बस, इस विचार के साथ इसकी कल्पना की गई थी।
उन्होंने कहा, “सेवाओं की पहुंच और योजनाओं से लाभ दिलाना- ये दो चीजें हमारे दिमाग में थीं। दरअसल लोगों का मकसद इन्हीं दो चीजों से पूरा हो जाता है। ऐसे में यह प्लेटफार्म लोगों के सवालों, शिकायतों और अनुरोधों पर फौरन रिस्पांस देता है। इसमें सरकार की सभी हेल्पलाइन हैं। अगर कोई किसी भी हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहता है, तो एआई उसे सेकंडों में खोजने में मदद करेगा।
कैसे करें उपयोगः
इस सेवा का उपयोग करने के लिए वोखा के सभी नागरिकों को अपने फोन में 70055 77231 नंबर सेव करना होगा। इसके बाद व्हाट्सएप खोलें और सिर्फ ‘हाय’ लिखकर मैसेज भेजें। तुरंत उनका इंटरएक्टिव एआई चैटबॉट सक्रिय हो जाएगा और वे कभी भी इसकी मदद ले सकते हैं।
श्री रंजन ने कहा, “मैं निजी तौर पर हर गतिविधि की निगरानी करता हूं, क्योंकि यह मेरे डैशबोर्ड पर है। इसलिए मैं यह गारंटी करता हूं कि हर अनुरोध या प्रश्न का समय पर जवाब मिले।”
वक्त इसी का हैः
नगालैंड दरअसल कठिन भू-भाग वाला राज्य है। जहां लोगों को साधारण से काम के लिए भी किसी ऑफिस में पहुंचने के लिए दूर चलना पड़ता है। यहां तक कि आधार या आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए भी उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। रास्ते का खर्च अलग होता है। इससे लोग परेशानी महसूस करते हैं। सरकारी विभागों को भी योजनाओं और अभियानों के लिए लोगों तक पहुंचने की कोशिश में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह एआई चैटबॉट काफी मददगार साबित हो रहा है।
यह क्यों है वरदानः
श्री रंजन ने कहा कि एंबुलेंस सेवाओं, आपदाओं की सूचना देने आदि के लिए स्टेट हेल्पलाइन कुछ जगहों पर प्रभावी नहीं थीं। लेकिन चैटबॉट की मदद से लोग अब सुविधा देने वालों से न सिर्फ सीधे जुड़ सकते हैं, बल्कि सभी सेवाओं का लाभ भी सीधे उठा सकते हैं। बड़े अफसरों से सीधे संपर्क भी कर सकते हैं।
एक और उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वोखा जिले के हेल्थ वर्कर्स और लोग सीधे जुड़ सकते हैं और वैक्सीनेशन प्रोग्राम की योजना बना सकते हैं। वे रजिस्ट्रेशन और ई-केवाईसी के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (CMHIS) के ऑपरेटर से भी जुड़ सकते हैं।
श्री रंजन ने कहा, “डिस्ट्रिक्ट एंटरप्रेन्योरशिप टास्क फोर्स के तहत आधार, वोटर सर्विस, सीएम माइक्रो फाइनेंस पहल और अन्य क्रेडिट योजनाओं और स्किल डेवलपमेंट सर्विसेज जैसी सेवाएं भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई गई हैं।”
इसलिए नगालैंड स इस छोटे से जिले के लोगों के लिए एआई वरदान साबित हो रहा है। जनता के लाभ के लिए एआई को उपयोगी बनाने का यह सरल और बेहतरीन उदाहरण है।
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