मेधावी छात्रों के लिए जिलाधिकारी की पहल – सिविल सेवा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 23 Oct 2021, 9:22 am IST
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हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के डीएम के प्रयासों से शुरू हुई एक शानदार पहल
- ‘प्रयत्न-एक सशक्त प्रशासक की खोज’ के तहत 50 छात्रों को मिलेगा मुफ्त तैयारी का मौका
- देश की प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान के अनुभवी शिक्षक संवारेंगे कैरियर
सीएसआर फंड यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड, सरल शब्दों में कहें तो कंपनियों की समाज के प्रति जिम्मेदारी। लेकिन अगर परिभाषा में जाएं, तो समाज में ज्यादा सहभागिता सुनश्चित करने और समाज के प्रति अपनी एक जिम्मेदारी निभाने और उसमें नीतिगत बदलाव लाने के लिए कंपनियां एक निश्चित मद खर्च करती हैं, उसे ही सीएसआर फंड कहा जाता है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के डीएम आईएएस अधिकारी श्री शीलेन्द्र सिंह के प्रयासों से इस फंड का इतना बेहतर उपयोग किया जा रहा है कि हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है।
दरअसल जिले के होनहार 50 छात्रों को सिविल सेवा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निशुल्क कराई जाएगी। सिविल सेवा की तैयारी के लिए प्रसिद्ध देश का अग्रणी कोचिंग संस्थान ‘विजन आईएएस’ सुपर-30 की तर्ज पर ‘सुपर-50’ पहल शुरू करने जा रहा है। ‘विजन’ की इस पहल के पीछे जिलाधिकारी श्री शीलेन्द्र सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। उनकी ही कोशिशों के फलस्वरूप सीएसआर फंड के तहत विजन संस्थान इस योजना को अमली जमा पहना रहा है। हाल ही में इसके लिए लगभग 2100 छात्रों ने परीक्षा दी, अब उसमें से 50 छात्रों को चुना जाएगा। मेधावी छात्रों के लिए जिलाधिकारी द्वारा किए रहे कार्यों और इन पहलों को ‘प्रयत्न’ नाम दिया गया है।
प्रयत्न – सुपर50 आइडिया
अपने सीएसआर फंड के तहत ‘विजन’ पहले चिकित्सा क्षेत्र में खर्च करना चाहती थी। इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए आईएएस श्री शीलेन्द्र सिंह कहते हैं, “इस इलाके में बहुत से छात्र हैं जो पढ़ने में बहुत अच्छे हैं लेकिन वो आर्थिक दिक्कतों की वजह से तैयारी के लिए दिल्ली या कहीं और नहीं जा सकते हैं। इसीलिए हमने इस पहल के लिए विजन को राजी किया। पहले वो अपने फंड को चिकित्सा क्षेत्र में खर्च करना चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें उन गरीब छात्रों पर ध्यान देने के लिए मनाया। हालांकि यह इतना आसान नहीं था, इसके लिए हमे बहुत से प्रयास करने पड़े।”
श्री शीलेन्द्र सिंह आगे कहते हैं, “यह पहल छात्रों को सिर्फ एक प्लेटफॉर्म ही नहीं मुहैया कराएगी, बल्कि उन्हें एक विश्वास देगी कि वो भी कुछ बड़ा कर सकते हैं। उनकी पूरी पढ़ाई यहां निशुल्क रहेगी। बस रहने के लिए आवास की व्यवस्था उन्हें खुद करनी होगी। लगभग 3000 छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 2100 छात्रों ने परीक्षा दी है। इनमें से 50 का चयन किया जाएगा और उन्हें नि:शुल्क तैयारी करायी जाएगी। दिल्ली के दक्ष और अनुभवी शिक्षक उन्हें पढ़ाएंगे।”
परीक्षा और चयन
हाल ही में रविवार, 29 अगस्त को 10 बजे से छतरपुर जिले के पांच स्कूलों राजनगर, नौगांव, छतरपुर, लवकुशनगर और बिजावर 50 छात्रों के चयन के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस लिखित परीक्षा में 100 प्रश्नों के ऑब्जेक्टिव स्क्रीनिंग टेस्ट हुआ। परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी में दोनों में थी। इसके लिए बीते एक महीने से पंजीकरण प्रक्रिया चल रही थी और परीक्षा का पाठ्यक्रम भी साझा किया जा रहा था। अब चुने हुए छात्रों को बेहतर प्रशासक बनाने एवं छात्रों की लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी। बेहतर कक्षा के अनुभव के लिए, छतरपुर में हाइब्रिड मॉडल (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) की व्यवस्था भी की जाएगी।
आईएएस श्री शीलेन्द्र का कहना है कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतने सारे उम्मीदवार परीक्षा के लिए आएंगे। छतरपुर में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग प्रदान करना मेरे लिए एक सपना था। यहां अधिकतर छात्र ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से आते हैं, वे मुख्य रूप से सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों से हैं। यह मंच उन्हें अपनी योजनाओं को फिर से तैयार करने का नए सिरे से मौका देगा। शीलेन्द्र के प्रयासों से ‘प्रयत्न पहल’ के तहत नौगांव कस्बे के मऊसानिया ग्राम पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के मार्गदर्शन के लिए एक पुस्तकालय भी बनाया गया है।
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