आईएएस अधिकारी अब सभी संस्थाओं से नहीं स्वीकार कर सकेंगे पुरस्कार, सरकार ने बनाए ये नियम!
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 24 Nov 2021, 6:30 pm IST
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हाइलाइट्स
- राज्य के आईएएस अधिकारी अब सिर्फ सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से स्वीकार कर सकेंगे पुरस्कार
- महाराष्ट्र सरकार ने बनाए पुरस्कारों को लेकर नियम, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया परिपत्र
महाराष्ट्र सरकार ने एक परिपत्र जारी कर आईएएस अधिकारियों को सरकारी और निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के इस आदेश के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अब सिर्फ सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से ही पुरस्कार स्वीकार कर सकेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके अनुसार आईएएस अधिकारी सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से पुरस्कार के रूप में केवल प्रशस्ति पत्र और सम्मानचिन्ह ही स्वीकार कर सकेंगे।
वहीं, आईएएस अधिकारियों को को पुरस्कार के रूप में नकद राशि, सोने, चांदी और अन्य कोई मूल्यवान धातु स्वरूप सम्मान चिन्ह और कोई मूल्यवान वस्तुओं को स्वीकारने की अनुमति नहीं होगी।
साथ ही, आदेश के अनुसार जो निजी संस्था पुरस्कार देने वाली है, उसे गैर राजनीतिक और गैर-सांप्रदायिक होना चाहिए। उस निजी संस्था की राष्ट्रीय और राज्यस्तर पर पहचान होनी चाहिए। निजी संस्था का कार्य सरकार की प्रचलित नीतियों के विरोध में नहीं होना चाहिए।
परिपत्र के मुताबिक यदि आईएएस अधिकारियों को उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए विभिन्न निजी संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं की ओर से पुरस्कार के लिए नामित किया जाता है। तो यह पुरस्कार लेने के लिए आईएएस अधिकारियों को सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन अब सरकार केवल सरकारी और निजी संस्थाओं के पुरस्कार को स्वीकार करने संबंधित आवेदन पर विचार करेगी।
आईएएस अधिकारियों के पुरस्कार स्वीकार करने के आवेदन पर विचार करने का अधिकार सक्षम प्राधिकारी के पास होगा। आईएएस अधिकारियों को पुरस्कार प्रदान करने की तारीख से 15 दिन पहले पूर्व अनुमति संबंधित आवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को देना होगा।
सरकार का कहना है कि किसी सरकारी कार्यक्रम की सफलता केवल एक व्यक्ति के काम से नहीं बल्कि सामूहिक प्रयासों का परिणाम होती है। शासन की ओर से सरकारी अफसरों का उल्लेखनीय कार्य और गुणवत्ता का संज्ञान लिया जाता है ऐसी स्थिति में अफसरों का निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करना उचित नहीं लगता।
सरकार का मानना है कि सरकारी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रचार और सार्वजनिक स्वीकारता की दृष्टि से निजी पुरस्कार प्राप्त करना उनके कर्तव्यों में बाधा पहुंचा सकती है। फिर भी कुछ पुरस्कार देने वाली संस्थाएं अत्यंत प्रतिष्ठित होती हैं उनके पुरस्कार में कोई आर्थिक लाभ का समावेश नहीं होता है। यदि ऐसी संस्थाएं की ओर से किसी आईएएस को पुरस्कार स्वीकारने के लिए कहा जाता है तो सरकार अपवादात्मक परिस्थिति में उनके आवेदन की पड़ताल करके अनुमति दे सकती है।
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