जब एक आईएएस अधिकारी ने पुलिस इंस्पेक्टर को सैल्यूट किया!
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 26 Oct 2021, 6:04 pm IST
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हाइलाइट्स
- आखिर क्यों तमिलनाडु के तिरुवनमलाई जिले के डीएम ने अपने से बहुत नीचे रैंक की एक महिला पुलिसकर्मी को सलामी दी?
- इसकी वजह जानकर आप भी उन्हें दिल से सलाम करेंगे!
- इंस्पेक्टर अल्लीरानी को सैल्यूट करते हुए जिलाधिकारी
बीते साल आयी कोरोना वायरस की महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। युद्ध स्तर पर हुए स्वास्थ्य कार्यों और अब टीके की आमद से भले ही जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हो लेकिन कोविड-19 ने मानवता के बहुत से पहलुओं को उजागर किया है, कुछ सकारात्मक रूप में हैं तो कुछ नकारात्मक।
तमिलनाडु में एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर ने कुछ ऐसा किया कि इलाके के कलेक्टर बाबू ने उन्हें सैल्यूट कर यह संदेश दिया कि मानवता सबसे बड़ी पूंजी है।
दरअसल कोरोना वायरस के डर से एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके मृत शरीर को उसके सगे-संबंधियों ने लेने से मना कर दिया। लेकिन तमिलनाडु की महिला इंस्पेक्टर अल्लीरानी ने एक बार भी अपनी सुरक्षा की चिंता न करते हुए, डेड बॉडी को अस्पताल पहुंचाया और उसके अंतिम-संस्कार की व्यवस्था भी की। उनके इस बेहद मार्मिक और बहादुरी भरे कारनामे के लिए इलाके के डीएम से लेकर आम लोगों ने खूब प्रशंसा की।
डीएम से मिली प्रशंसा
यह वास्तव में एक बेहद भावुक और अविश्वसनीय पल था, जब एक आईएएस अधिकारी ने अपने से बहुत नीचे रैंक वाली महिला पुलिसकर्मी को सैल्यूट किया। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की सुबह तिरुवनमलाई के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट थिरु केएस कंदासामी ने इंस्पेक्टर अल्लीरानी को सम्मानित करते हुए सलामी दी, इस घटना की फोटो और वीडियो वायरल हो गए। जिस किसी ने भी इसे देखा वही इसकी तारीफ कर रहा था।
सभी सावधानियों को एक तरफ रखते हुए, इंसान के मानवीय पक्ष को सामने लाकर इंस्पेक्टर अल्लीरानी ने न केवल एक संभावित कोविड पीड़ित के शरीर को ढोया, बल्कि उसकी अन्त्येष्टि-क्रिया के लिए जरूरी सभी इंतजाम किए। जिस गांव में ये घटना घटी वहां कोरोना का ऐसा डर था कि पीड़ित के सगे परिवार के लोग भी शरीर को छूना तो दूर पास जाने तक के लिए तैयार नहीं थे।
सैल्यूट जिसने दिल जीत लिया
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर डीएम कांदासामी उन अधिकारियों को पुरस्कृत कर रहे थे जिन्होंने अपने कर्तव्यों से भी परे जाकर बहादुरी का प्रदर्शन किया। जब इंस्पेक्टर अल्लीरानी का नाम पुकारा गया तो वह मंच की ओर गईं और अपना पुरस्कार ग्रहण किया, लेकिन उनके जाने से पहले डीएम कांदासामी ने उन्हें मंच पर अपना स्थान लेने के लिए कहा। फिर कांदासामी ने सामने आकर अल्लीरानी के कर्तव्य और सेवा की मिसाल पेश करने वाले काम के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें सलामी दी।
यह घटना पिछले 14 जून की है, जब अल्लीरानी को खबर मिली कि नवलपक्कम के एक मैदान में खूब भीड़ इकट्ठा हुई है। वहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि 35 साल के अमावसई नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जब वह एक अवैध बिजली की बाड़ के संपर्क में आ गए जो कि जानवरों को भगाने के लिए लगाया गया था।
भीड़ मे से कोई भी शव के पास नहीं आया और न ही किसी ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन एक ऑटो चालक की सहायता से इंस्पेक्टर अल्लीरानी ने शव को अस्पताल पहुंचाया और उसका दाह संस्कार भी किया।
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