एक वाइल्ड लाइफ रेंजर की फोटोग्राफिक जर्नी
- Bhakti Kothari
- Published on 6 Aug 2023, 12:36 am IST
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हाइलाइट्स
- फॉरेस्ट रेंज अधिकारी जी वेंकटेश वन्यजीव प्रेमी के साथ-साथ फोटोग्राफर भी हैं
- वह जंगलों की जैव विविधता का आकलन करने के लिए अपनी तस्वीरों का उपयोग करते हैं
- उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय स्तर का फोटोग्राफी पुरस्कार जीता है
वन रेंज अधिकारी जी वेंकटेश फॉरेस्ट्री में ग्रेजुएट हैं। जब वह जानवरों के व्यवहार को समझने के लिए बहुत छोटे थे, तब से ही वन्यजीवों के प्रति उनका आकर्षण रहा है। विशाल पेड़ों, घने जंगलों और आश्चर्यजनक वन्य जीवन से घिरे तमिलनाडु के कोलाची गांव में जन्मे और पले-बढ़े यह अधिकारी अब न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए काम करते हैं, बल्कि उन्हें अपने लेंस के माध्यम से कैद भी करते हैं। इससे वन्यजीव फोटोग्राफी के प्रति उनका जुनून पूरा होता है।उनके साहसिक जीवन और फोटोग्राफी यात्रा के बारे में अधिक जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे विशेष रूप से बात की।बचपन का जुनून
श्री वेंकटेश ने एमबीए पूरा करने के बाद चार साल तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया। हालांकि, उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि उनका दिल किसी ऑफिस में कंप्यूटर के सामने रहने के बजाय जंगलों और वन्य जीवन के बीच रहना चाहता है। तभी उन्होंने वाइल्ड लाइफ सर्विस में शामिल होने का फैसला किया और 2014 में फॉरेस्ट रेंज सर्विस की सीधी भर्ती वाली परीक्षा पास की। ताकि उन्हें प्रकृति के करीब रहने का मौका मिले।श्री वेंकटेश हमेशा प्रकृति और जीव-जंतुओं के जीवंत रंगों को अपने लेंस के माध्यम से कैद करने के लिए उत्सुक रहते थे। वन रेंज अधिकारी के रूप में जब उन्हें पहला वेतन मिला था, तभी उन्होंने एक पेशेवर डीएसएलआर खरीद लिया था। तब से वह इसके साथ ही हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से श्री वेंकटेश ने कहा, “मैंने फोटोग्राफी की कोई क्लास नहीं की है। इसके बजाय कैमरे और लेंस कैसे काम करते हैं, इसका अध्ययन करने और समझने के लिए YouTube वीडियो देखे। वुडलैंड्स और वन्य जीवन में एक अद्भुत गुण है, और मैं उस एनर्जी को पकड़ना चाहता था और इसे हमेशा अपने साथ रखना चाहता था।”
समुद्री जीवन में रुचि
अधिकारी अब नौकरी के आठवें वर्ष में हैं। उनका पहला कार्यभार मन्नार की खाड़ी में था। घाटों में पले-बढ़े होने के कारण समुद्री पोस्टिंग उनके लिए बिल्कुल अलग थी। इससे उन्हें ढेर सारे नए मौके भी मिले, क्योंकि उन्होंने उस दौरान स्कूबा डाइविंग सीखी थी।स्कूबा डाइविंग सीखने से उन्हें शार्क और कोरल जैसे समुद्री जीवों का पता लगाने का अनूठा अवसर मिला। इसके साथ ही उन्होंने डुगोंग और फ्लेमिंगो संरक्षण पर ध्यान दिया और उनके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जैव विविधता का आकलन
अधिकारी इस समय अन्नामलाई टाइगर रिजर्व में तैनात हैं। वहां उन्हें हर दिन गंभीर खतरों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वह जानवरों और खौफनाक रेंगने वाले जानवरों से घिरे गहरे जंगलों में गश्त करते रहते हैं। ऐसा करते समय वह अपने कैमरे को ले जाना नहीं भूलते, क्योंकि वह कभी नहीं जानते कि उन्हें क्या देखने को मिल जाएगा।सबसे प्रेरणादायक पहलू यह है कि उनका कैमरा और तस्वीरें बायो डायवरसिटी यानी जैव विविधता को मापने में सहायता करती हैं, जो उनके काम का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अपने अधिकार क्षेत्र में 10-15,000 हेक्टेयर जंगल के साथ उन्हें क्षेत्र की वनस्पतियों और वन्य जीवन पर गहन शोध करना होता है और इसे अपनी रेंज बुक में दर्ज करना होता है।उन्होंने कहा, “एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर होने के नाते मुझे इस प्रयास में बहुत मदद मिली है। मैं वन्यजीवों को पकड़ने के लिए अपनी क्षमताओं और तस्वीरों का उपयोग करता हूं, जो मुझे इसका रिकार्ड दर्ज करने और क्षेत्र की जैव विविधता का आकलन करने में सहायता करता है। डेटा से मैं तस्वीरों को देखता हूं और फिर सभी प्रकार के फॉरेस्ट मैनेजमेंट को संभालता हूं।”
दिलचस्प आमना-सामना
अधिकारी प्रकृति की सैर के दौरान बेजोड़ और दिलचस्प प्राणियों को देखने का मौका मिलने पर खुद को धन्य मानते हैं। हाल ही में उनका सामना बैंगनी रंग के मेंढक से हुआ, जो ज्यादातर पश्चिमी घाट में पाया जाता है। उसकी सुंदरता को देख वह दंग रह गए।उन्होंने एक बड़े पिट वाइपर के साथ अपनी मुठभेड़ का भी खुलासा किया। एक आश्चर्यजनक हरे सांप की प्रजाति, जो शिकार की तलाश में कई दिनों तक चुपचाप पड़े रहने के लिए मशहूर है। उन्हें खोज लेना बहुत ही कठिन और काफी असामान्य है। इससे अधिकारी की दृष्टि और अधिक पैनी हो गई। उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, “धोखा देने वाली फितरत और चुप्पी साधे रहने के कारण उसे पहचानना मुश्किल रहता है। वह अपने शिकार का पीछा नहीं करता। इसके बजाय, उसके पास आने का इंतजार करता है। कभी-कभी कई दिनों या हफ्तों तक चुपचाप एक ही जगह टिका रहता है। इसलिए उसके इलाके में बेहद सावधानी से जाना चाहिए।”
पुरस्कार
श्री वेंकटेश को उनकी उल्लेखनीय फोटोग्राफिक प्रतिभा के लिए वन्यजीव संरक्षण सोसायटी (डब्ल्यूसीएस-इंडिया) द्वारा राष्ट्रीय स्तर के फोटोग्राफी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें अक्टूबर 2022 में वालपराई के पुदुथोट्टम में एक भूरे रंग की धारीदार गर्दन वाले नेवले की फोटो खींचने पर मिला था।रामेश्वरम के कोठंडारमार मंदिर में ली गई ग्रेटर फ्लेमिंगो की उनकी तस्वीरें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट की गईं।
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