खाकी से जोड़ने की दिल्ली पुलिस की अनोखी पहल
- Jonali Buragohain
- Published on 7 Aug 2023, 11:47 am IST
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हाइलाइट्स
- दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने 'राइज़ विद खाकी' नाम से वीडियो पॉडकास्ट शुरू किया है
- पॉडकास्ट में 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी ने वर्दीधारियों से लिया है उनकी प्रेरणादायक यात्राओं के बारे में इंटरव्यू
- पॉडकास्ट हिट है, लॉन्च के कुछ दिनों के भीतर पॉडकास्ट को दस लाख से अधिक बार देखा गया
दिल्ली पुलिस का एक ऑडियो पॉडकास्ट पिछले कुछ समय से कामयाबी के झंडे गाड़ रहा है। यहां पुलिस कर्मियों को अपनी बात कहने का प्लेटफार्म मिलता है। दरअसल आईपीएस अधिकारी सुमन नलवा ने पीआरओ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एक वीडियो पॉडकास्ट लॉन्च किया है। इसे ‘राइज़ विद खाकी’ का नाम दिया गया है। अपलोड होने के कुछ ही दिनों के भीतर पहले वीडियो को दस लाख से अधिक बार देखा गया।
सुश्री नलवा पॉडकास्ट को खुद होस्ट करती हैं। वह हर सप्ताह किसी पुलिस वाले के साथ कैमरे पर उनकी प्रेरक यात्राओं के बारे में बात करती हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए दिल्ली पुलिस पीआरओ और प्रवक्ता आईपीएस अधिकारी सुमन नलवा ने ‘राइज़ विद खाकी’ के बारे में काफी कुछ बताया।
ऑडियो से वीडियो तक
वीडियो पॉडकास्ट शुरू करने की वजह है। सुश्री नलवा चाहती थीं कि प्रेरक कहानियों के पीछे के पुलिस वाले को ना केवल सुना जाए, बल्कि देखा भी जाए। ऑडियो पॉडकास्ट हिट रहा। इसलिए उन्होंने वीडियो बनाकर इस विचार को आगे बढ़ाने का फैसला किया। पहला वीडियो पॉडकास्ट दिल्ली पुलिस कांस्टेबल राम भजन पर बनाया गया था, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2022 पास की है। उन्हें कैमरे के सामने लाया गया। उल्लेखनीय सफलता हासिल करने से पहले के उनके संघर्ष और कड़ी मेहनत के बारे में बात की गई। यह तुरंत हिट हो गया। अपलोड होने के कुछ ही दिनों के भीतर इसे दस लाख से अधिक हिट मिल गए।
सुश्री नलवा ने कहा, “लोग पुलिस को एक संगठन के रूप में पहचानते हैं। वे वास्तव में वर्दी पहने हुए व्यक्तियों को कभी नहीं देखते हैं। प्रत्येक पुलिसकर्मी के पास बताने के लिए कोई ना कोई अनोखी कहानी होती है। वे भले ही अपनी निजी जिंदगी में संघर्ष कर रहे हों, लेकिन फिर भी वे अपनी खाकी वर्दी में ही ड्यूटी पर पहुंचते हैं। मैं उस वर्दी के पीछे के व्यक्ति को दिखाना चाहती थी। लोगों को पता होना चाहिए कि खाकी का मतलब सिर्फ कानून और लाठी नहीं है। इसे पहनने वाले व्यक्ति के पास बताने के लिए बहुत सारे प्रेरक व्यक्तिगत अनुभव होते हैं।”
खाकी के साथ उठो
इसलिए, ‘राइज़ विद खाकी’ को “हमारे जवानों की एक प्रेरणादायक यात्रा” टैगलाइन के साथ लॉन्च किया गया था। पहला एपिसोड 3 जून को शाम 5 बजे प्रसारित किया गया था। इसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन को दिखाया गया, जहां उन्होंने एक संघर्षशील कैंडिडेट से लेकर कामयाबी हासिल करने तक अपनी यात्रा के बारे में काफी कुछ बताया। राम भजन के बाद उन्होंने कई बच्चों के लिए आशा की किरण हेड कांस्टेबल अमित को आमंत्रित किया था। फिर हेड कांस्टेबल अमित फोगाट और कांस्टेबल रविंदर धारीवाल को बुलाया। दोनों 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। उनके बाद ड्राइवर एचसी राजीव कुमार आए, जिन्होंने भोपाल में शूटिंग चैंपियनशिप में पुरुषों की 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता था। उनके बाद बारी थी एसीपी सुनील कुमारी की, जिन्होंने मल्टीपल स्केलेरोसिस से लड़ाई लड़ी। आखिरी एपिसोड उत्तरी दिल्ली के डीसीपी सागर सिंह कलसी का था, जिनके ऑपरेशन तलाश के कारण सैकड़ों लापता लोगों को उनके परिवारों से मिलाया गया।
नाम के बारे में
सुश्री नलवा ने बताया कि वास्तव में यह उनके पति थे, जो पॉडकास्ट के लिए नाम लेकर आए थे। उन्होंने कहा, “मैं उपलब्धि हासिल करने वालों की कहानियां बता रही थी, जिन्हें मैं पति और दोस्तों को वीडियो पॉडकास्ट दिखाने की योजना बना रही थी और शो के नामों के बारे में भी चर्चा कर रही थी। तब पति ने कहा कि शो का नाम ‘राइज़ विद खाकी’ रखना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ पुलिस कर्मियों को ही नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों को प्रेरित करेगा।
शो का मकसद यह दिखाना है कि पुलिस वालों में खाकी के अलावा भी कई रंग होते हैं। उन्हें अपने लेवल पर भी कई लड़ाइयां लड़नी होती हैं। इस समय ‘राइज़ विद खाकी’ कुछ दिनों के लिए रुका हुआ है, क्योंकि सुश्री नलवा जी-20 की जिम्मेदारियों से जुड़ी हुई हैं। लेकिन, उन्होंने कहा कि वह जल्द ही एक नए एपिसोड के साथ वापस आएंगी। उसमें उनके विभाग में एक और उपलब्धि हासिल करने वाला व्यक्ति शामिल होगा। तब तक दिल्ली पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल के फॉलोअर्स दिलचस्प ऑडियो पॉडकास्ट सीरीज- ‘किस्सा खाकी का-‘ का आनंद ले सकते हैं।
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