बिहार: कैसे भोजपुर पुलिस जीत रही है जनता का भरोसा, नए एसपी आईपीएस विनय तिवारी ने बदली कार्यप्रणाली
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 3 Dec 2021, 6:01 pm IST
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हाइलाइट्स
- भोजपुर पुलिस ने पिछले 4 महीने में 100 चोरी हुए मोबाइल फोन उनके असली मालिक तक पहुंचाए हैं
- 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी ने जुलाई में संभाला था भोजपुर जिले का कार्यभार
- विनय के प्रयासों से भोजपुर पुलिस जनता का भरोसा जीतने में हो रही है कामयाब
भोजपुर पुलिस इन दिनों तरीफें बटोर रही है। आखिर ऐसा हो भी क्यों न, भोजपुर के नए एसपी आईपीएस विनय तिवारी के जिले में आने के बाद कई पुलिस के कार्य में कई बदलाव आए हैं। आधुनिक तरीकों को अपनाकर पुलिस लगातार अपराध रोकने की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग (मॉरल पुलिसिंग) के सिद्धांतो को अपनाकर जनता का भरोसा जीतने की कोशिश भी कर रही है। पिछले 4 महीने के अंदर पुलिस ने चोरी हुए 100 से अधिक मोबाइल ढूंढकर उसके असली मालिक को वापस किए हैं। पुलिस ने इसी हफ्ते एसपी कार्यालय 34 मोबाइल लोगों को वापस किए हैं।
2015 बैच के आईपीएस अधिकारी और भोजपुर जिले के एसपी आईपीएस विनय तिवारी से इंडियन मास्टरमाइण्ड्स ने बातचीत की और जिले में बेहतर पुलिससिंग के लिए उनकी कई पहलों के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त के शुभ अवसर पर इस सराहनीय अभियान की शुरुआत की गयी थी, जहां पुलिस को कार्यवाई करते चोरी, लूट और छिनतई जैसे अपराधों पर लगाम लगाना था और सामुदायिक पुलिसिंग के सहारे जनता का भरोसा जीतना था। सामुदायिक पुलिसिंग का अर्थ है कि पुलिसकर्मियों और नागरिकों के बीच की दूरी को इस हद तक कम करना है कि पुलिसकर्मी उस समुदाय का एक एकीकृत हिस्सा बन जाए जिसकी वे सेवा करते हैं।
15 दिसंबर को शुरू हुई थी सराहनीय पहल
आईपीएस विनय को इसी साल 14 जुलाई को भोजपुर जिले का एसपी बनाया गया था। उस वक्त जिले में आए दिन मोबाइल फोन गुम होने की खबरें आ रही थीं। वही, बड़ा खतरा यह था कि अपराधियों द्वारा चोरी किए गए मोबाइल का इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में किया जा रहा था। लेकिन विनय ने जिले का कार्यभार संभालते ही एक विशेष टीम गठित की और उसे टेक्निकल ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद, टीम को मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए छापेमारी अभियान चलाने के निर्देश दिए।
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए विनय कहते हैं, “मैंने जिले में नियुक्ति के बाद मोबाइल चोरी को लेकर विशेष अभियान चलाया। इसके लिए सबसे पहले एक टीम बनाई और उसे ट्रेनिंग दी कि कैसे टेक्निकल इन्वैस्टिगेशन करना है। आज के जमाने में डाटा को सोना (डाटा इज न्यू गोल्ड) कहा जाता है। इसलिए अगर किसी का मोबाइल गुम हो जाए तो उसकी बैंक डिटेल्स से लेकर न जाने कितना कीमता डाटा गलत हाथों में जा सकता है। इसलिए इस टीम को खास तौर पर टेक्निकल ट्रेनिंग दी गई। मैं खुद हर हफ्ते इस टीम के साथ मीटिंग करता हूं और दिशा-निर्देश देता हूं।”
वहीं, सर्विलांस के जरिए तकनीकी मदद एवं संबंधित थाना के सहयोग से विशेष टीम ने पिछले चार महीने के अंदर लगभग 100 से अधिक मल्टी-मीडिया मोबाइल फोन बरामद कर उनके मालिकों तक पहुंचाए हैं। विनय कहते हैं, “हमारा एक और मूल उद्देश्य सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना है। हम आम लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं। इसलिए हम लोगों को बुलाते हैं, उनकी समस्या सुनते हैं और बरामद के गई उनकी चीज उन्हें वापस कर देते हैं।”
अन्य पहलें
विनय बताते हैं, “इसके अलावा भोजपुर पुलिस एंटी-नारकोटिक्स और एंटी-लिकर यानी नशे और शराब के खिलाफ भी अभियान चला रही है। जिसके बेहतर नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे। साथ ही एक बड़ी पहल ‘केस डिस्पोजल’ यानी लंबित मामलों के जल्द निपटारे के लिए ‘सेंट्रल इन्वैस्टिगेशन रूम’ बनाए हैं। इसके लिए नए सब-इंस्पेक्टर से लेकर बाकी पुलिस वालों को ट्रेनिंग दी गई है।”
विनय कहते हैं कि आरा (भोजपुर जिले का मुख्यालय) में ट्रैफिक की बड़ी समस्या थी। उसके लिए हमने कई नए ट्रैफिक पोस्ट बनाए हैं। पुलिस को आधुनिक उपकरण दिये गए हैं, जिसमें हैंड हेल्ड ट्रैफिक सिग्नल (हाथ में पकड़ने वाले ट्रैफिक सिग्नल) जैसे उपकरण भी शामिल हैं। इसके भी नतीजे बेहतर हैं।
कौन हैं विनय तिवारी
आईपीएस विनय तिवारी 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से आने वाले विनय ने आईआईटी, बीएचयू से सिविल में बीटेक किया है। इसके बाद उनका चयन भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में देश भर में 50 वीं रैंक के साथ हुआ। साल 2015 में देश भर में 193 रैंक के साथ वो बिहार कैडर के आईपीएस बने।
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