लोगों के लिए पुलिस अधिकारी, स्टूडेंट्स के लिए मेंटर
- Bhakti Kothari
- Published on 21 Jun 2023, 3:10 pm IST
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हाइलाइट्स
- पंजाब पुलिस के डीएसपी राजन शर्मा यूपीएससी सीएसई क्रैक करने की इच्छा रखने वाले गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग देते हैं
- वह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में कोचिंग लेते हैं
- उनकी कोचिंग में करीब 60 छात्रों ने दाखिला लिया है
लुधियाना के हैबोवाल कलां के 21 वर्षीय सूरज देवगन मुफ्त यूपीएससी कोचिंग लेने के लिए सप्ताह के अंत में अहमदगढ़ जाते हैं। उनके प्रेरणास्रोत और गुरु कोई और नहीं, बल्कि अहमदगढ़ के पुलिस उपाधीक्षक यानी डिप्टी सुपरिटेंडेंट राजन शर्मा हैं। वह यूपीएससी की तैयारी कराने के लिए कोचिंग क्लास चलाते हैं।
श्री शर्मा ने पहली बार में ही 2015 में पंजाब पुलिस सेवा (पीपीएस) परीक्षा पास की थी। वैसे वह तीन बार यूपीएससी के लिए बैठे और एक बार इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंचे, लेकिन फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाए। इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे उनकी नेक पहल के बारे में बात की।
प्रज्ञास्थल- ज्ञान का भंडारः
‘प्रज्ञास्थल- ज्ञान का भंडार’ दरअसल पुलिस विभाग की पहल है। इसका उद्देश्य युवाओं को अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करना है। विशेष रूप से वे, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। सिविल सेवा में करियर में रुचि रखने वालों के लिए मुफ्त कोचिंग का सेशन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से उपलब्ध हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से श्री शर्मा ने कहा, “मुझे पिछले साल ऐसा कुछ करने का विचार आया था। मैं ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात था और सिविल सेवाओं से संबंधित जागरूकता की कमी देखी थी। वे जानते थे कि एक आईएएस या आईपीएस क्या होता है। लेकिन कैसे बनना है, इसके बारे में पता नहीं था। मैं इस दिशा में उन्हें गाइड करने का फैसला किया। इस तरह प्रज्ञास्थल आया।”
राह दिखानाः
अधिकारी ने सितंबर 2022 में यह प्रोजेक्ट शुरू की और YouTube पर ऑनलाइन सेशन पोस्ट करना शुरू किया। इसलिए कि यह अधिक से अधिक उन लोगों तक पहुंच सके, जिन्हें UPSC CSE की तैयारी से संबंधित किसी भी प्रकार के गाइडेंस की आवश्यकता है। उन्होंने अहमदगढ़ के एसआरएम कॉन्वेंट स्कूल में हर वीकेंड पर ऑफलाइन क्लास लेना भी शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा, “मेरी पहल का मुख्य उद्देश्य पढ़ाना नहीं है, बल्कि लोगों का मार्गदर्शन करना और सेल्फ स्टडी में उनकी मदद करना है। इन दिनों हर किसी के पास इंटरनेट है। मैं चाहता हूं कि वे इसका अधिकतम क्षमता से उपयोग करें। ‘प्रज्ञा’ एक बौद्ध शब्द है, जिसका अर्थ है ‘ज्ञान।’ कैंडिडेट्स को सीखने से ज्यादा चीजों को समझने की जरूरत है। इसलिए मैं इसे लेकर आया हूं।”
मौखिक प्रचारः
अधिकारी ने अपने पहले बैच में लगभग 60 छात्रों को रखा। इनमें से 45 स्टूडेंट्स उनकी कक्षा में रेगुलर हैं। स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से लेकर पीजी तक के बैकग्राउंड वाले हैं। कुछ सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में प्रोफेशनल काम कर रहे हैं। सेमिनार सप्ताह के अंत में होते हैं और औसतन तीन घंटे तक चलते हैं।
उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स को बताया, “बी और सी लेवल वाले शहरों में बहुत से लोगों के पास मेट्रो की तुलना में संसाधनों की कमी है। इससे बच्चे क्लास में शामिल होने में असमर्थ रहते हैं। वे हमारे YouTube चैनल पर उपलब्ध ऑनलाइन क्लासों का ऑप्शन चुन सकते हैं।”
उन्होंने अपने काम का प्रचार बैनर के जरिये और मौखिक किया है। उन्होंने जंगल की आग की तरह इस बात को फैलाने वाले गांवों के सरपंच के साथ अपने विचार साझा किए।
महत्वपूर्ण टिप्सः
श्री शर्मा ने अपने सेशन के दौरान स्टूडेंट्स को सभी आवश्यक टिप्स देते हैं। उन्हें बेहतर स्टडी में मदद करने के लिए सलाह देते हैं कि वे केवल एनसीईआरटी की किताबों से चिपके रहें, और अन्य गाइडबुक्स में भटकें नहीं। इसलिए कि यह उन्हें बढ़िया रिजल्ट दिए बिना केवल उनका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।
श्री शर्मा गांव के गरीब बच्चों से खुद को जोड़कर देख सकते हैं और उन कारणों को समझ सकते हैं जो उनके लिए बाधा साबित होते हैं। इसलिए कि बड़े होने के दौरान उन्हें खुद फाइनेंशियल और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
वह कहते हैं, “शिक्षा प्रणाली में प्रगति के साथ आजकल सब कुछ हमारी उंगलियों पर है। फिर भी शिक्षकों, गाइडों और संरक्षकों की भूमिका को न तो खारिज किया जा सकता है और न ही कम करके आंका जा सकता है।”
बैलेंसिंग टाइमः
डीएसपी के रूप में तैनाती के दौरान अतिरिक्त दूरी तक जाने का जुनून ही उन्हें अपने बिजी शेड्यूल के बीच आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा, “रूटीन को संतुलित करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं सप्ताहांत के लिए नोट्स, पीपीटी और लेक्चर तैयार करने के लिए सप्ताह के दिनों में जल्दी उठता हूं। निरंतर दबाव के अलावा कैंडिडेट्स को एक पॉजिटिव माहौल देना ही मेरे लिए महत्वपूर्ण है।”
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