क्यों ये आईपीएस अधिकारी बिहार में नशे के खिलाफ अभियान का चेहरा बन गया!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 25 Oct 2021, 1:23 pm IST
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हाइलाइट्स
- 2012 बैच के बिहार कैडर के एक आईपीएस अधिकारी नशे के खिलाफ चला रहे हैं जागरूकता अभियान
- इसकी वजह से बिहार के किशनगंज जिले में अपराधों में आई है भारी कमी
- कुमार आशीष की पहचान 'जनता के एसपी' के रूप में की जाती है, वो राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी के लाभों पर युवाओं को शिक्षित करते हैं (क्रेडिट: आईपीएस कुमार आशीष)
हाल के कुछ सालों में देश के युवाओं में नशे की लत बहुत तेजी से बढ़ी है। जिस युवावर्ग से देश के विकास में बढ़-चढ़कर भाग लेने की उम्मीद की जाती है, उसमें बढ़ती नशाखोरी बेहद चिंतनीय विषय है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो लगातार इस बड़ी सामाजिक बुराई से अपने स्तर पर लड़ रहे हैं और जागरूकता ला रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं, बिहार के किशनगंज जिले के एसपी आईपीएस कुमार आशीष। इस युवा अधिकारी ने पूरे जिले में नशे के खिलाफ एक जंग छेड़ रखी है।
आशीष लगभग हर दिन अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ वक्त निकालकर युवाओं तक पहुंचते हैं और उन्हें ड्रग्स व नशीले पदार्थों की लत के शिकार होने से बचाने के लिए जागरूक करते हैं। इसके साथ ही जहां उन्हें जरूरी लगता है, वो कड़ी कानूनी कार्रवाई भी करते हैं।
2012 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी कुमार आशीष की यह मुहिम सफल भी हो रही है और इलाके के युवाओं पर इसका बेहद सकारात्मक असर हुआ है। युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए आशीष खाली वक्त में किशनगंज जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गांवों एवं स्कूलों में जाते हैं और वहां बिहार सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना ‘पूर्ण शराबबंदी और पूर्ण नशाबंदी’ के लिए आम लोगों को जागरूक करते हैं। आशीष के प्रयासों का नतीजा यह है कि अब युवा, स्कूली छात्र-छात्राएं, अभिभावक एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिक भी उनके अभियान के साथ आने लगे हैं।
क्यों चलाया अभियान!
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बातचीत करते हुए, आईपीएस कुमार आशीष कहते हैं, “हमारा यह प्रयास समाज में नशे की लत में घिर चुके युवा पीढ़ी को नशा त्यागने की प्रेरणा देने के लिए किया जा रहा हैं। और यकीन मानिए, इसकी प्रतिक्रिया सकारात्मक है। हम अगर लोगों को सही समय पर नशे की गिरफ्त में आने से पहले ही बचा लें, तो ये हमारे लिए किसी देश सेवा से कम नहीं होगा। मेरे विचार में कोई भी चीज जिसकी आपके शरीर को तलब महसूस होती है और जिससे शरीर को तकलीफ महसूस हो, उसे नशा कहते हैं। नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है।”
उपलब्धि के आंकड़े
आईपीएस आशीष ने इंडियन मास्टरमाइण्ड्स को कुछ आंकड़े भी मुहैया कराए, जिससे उनके प्रयासों की सफलता का अनुमान खुद-बखुद ही पता चल जाता है। आशीष के अनुसार, अगर जनवरी 2018 से जुलाई 2021 तक के आंकड़े देखें, तो शराबबंदी से सम्बंधित 1070 कांड दर्ज हुए और कुल 1194 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। 5 कांडों में माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को सजा भी सुनाई जा चुकी है। शराब के 25 कांडों में स्पीडी ट्रायल भी जारी है। वहीं कुल 33 हजार लीटर से ज्यादा देसी शराब, 94,294 लीटर से अधिक विदेशी शराब सहित कुल 1,27,299 लीटर शराब जब्त हुई है। जिले में अब तक 803 किलो गांजा, 120 ग्राम स्मैक, 260 ग्राम हीरोइन, 203 ग्राम ब्राउन सुगर, 752 ग्राम अफीम, 138 किलोग्राम अफीम का पौधा और 498 ग्राम मस्कलिन आदि की जब्ती हो चुकी है। वहीं सूखे नशे के लिए कुल 67 काण्ड दर्ज किए गए और 163 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
इसके साथ ही 124 दोपहिया एवं 135 चारपहिया सहित कुल 259 वाहन भी जब्त किये गए हैं। इतना ही नहीं उनके जागरूकता अभियानों की वजह से महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों में भी 20.93 फीसदी की कमी आई है। घर में जबर्दस्ती घुसने, साधारण दंगा, फिरौती हेतू अपहरण, अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रति अपराध तथा साम्प्रदायिक दंगे के मामलों में भी कमी आई है। इसके अलावा कई अन्य आंकड़ों में भी सुधार साफ दिखाई देता है। आपको बता दें कि अप्रैल 2018 में आशीष की किशनगंज जिले में एसपी के रूप में पोस्टिंग हुई थी।
अपील
आईपीएस आशीष देश के युवाओं से एक मार्मिक अपील करते हुए कहते हैं, “यह वाकई गंभीर चिंता का विषय है कि वह युवा जिसे हम अपने देश की शक्ति और भविष्य मानते हैं, उसे नशे के कीड़े ने ऐसा जकड़ लिया है कि जैसे शिकारी अपने शिकार को जकड़ता है। लेकिन यह ध्यान रखिए कि नशे का कीड़ा व्यक्ति की मौत के बाद ही उसे छोड़ता है। अगर कोई भी व्यक्ति ‘पूर्ण नशा बंदी’ अभियान में पुलिस का सहयोग करता है, तो उन्हें समुचित रूप से एसपी किशनगंज द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।”
यह बात दीगर है कि जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। साथ ही परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। आईपीएस आशीष कहते हैं कि नशे वाले व्यक्ति की समाज एवं राष्ट्र के लिया उपयोगिता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है और शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। इसलिए यह जितनी जल्दी छूट जाए उतना ही सबके लिए बेहतर है।
हमें खुशी है कि ‘आम लोगों के एसपी’ के संबोधन से बुलाए जाने वाले आईपीएस कुमार आशीष के नेतृत्व में किशनगंज पुलिस आम नागरिकों के सहयोग से लगातार एक बेहतर समाज बनाने की कोशिश कर रही है।
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