लोगों का विश्वास जीतने वाला शासन करें, जैसा झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी ने किया
- Muskan Khandelwal
- Published on 30 Jun 2023, 12:17 am IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
- 2015 बैच के आईएएस अधिकारी अनन्य मित्तल ने सिस्टम में लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिए पश्चिमी सिंहभूम में कई पहल शुरू की है
- भूमि विवाद समाधान दिवस, चावल दिवस और एक पब्लिक हेल्स सेल जैसी शुरुआत इस उद्देश्य को पूरा करने में काफी मदद कर रही हैं
- झारखंड में पश्चिम सिंहभूम जिला राशन वितरण में अंतिम स्थान से उठकर अब टॉप-5 जिलों में आ गया है
महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास करना आसान नहीं होता। लेकिन सिस्टम में लोगों के विश्वास को बढ़ाने के लिए झारखंड कैडर के 2015 बैच के आईएएस अधिकारी अनन्य मित्तल इस दिशा में अनोखा काम कर रहे हैं। वह पश्चिमी सिंहभूम जिले के डीसी यानी डिप्टी कमिश्नर हैं। उनके नेतृत्व में वहां कई अनोखी और महत्वपूर्ण शुरुआत हुई है। बता दें कि झारखंड में अन्य राज्यों की तरह जिले का प्रमुख कलेक्टर के बजाय डीसी होता है।इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बात करते हुए श्री मित्तल ने उन कदमों के बारे में बताया, जो उन्होंने प्रशासन में सुधार के लिए उठाए हैं।
भूमि विवाद समाधान दिवस
भूमि विवाद समाधान दिवस का उद्देश्य जिले में लंबे समय से चले आ रहे भूमि संबंधी मुद्दों और विवादों से निपटना है। हर बुधवार को सर्कल अधिकारी (सीओ) और थाना प्रभारी लोगों के भूमि विवादों में मध्यस्थता और समाधान करने के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑफिस में बैठते हैं। यह विवाद को निपटाने का यह दूसरा रास्ता बेहद कारगर साबित हुआ है। इसलिए कि यह अदालती दखलंदाजी की जरूरत को खत्म करता है और समाधान प्रक्रिया को तेज करता है। श्री मित्तल ने कहा, “इसके कारण कोर्ट तक पहुंचने वाले लैंड रेवेन्यू मामलों की संख्या में काफी कमी आई है।”
चावल दिवस
पश्चिमी सिंहभूम के लोगों को आवश्यक खाद्य आपूर्ति यानी राशन की समय पर डिलीवरी के लिए श्री मित्तल ने चावल दिवस या राशन दिवस की शुरुआत की। इसके अलावा, देरी से डिलीवरी और दुकान बंद होने की शिकायतों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अलग इंतजाम किए। अधिकारी ने कहा, “जिले की सभी राशन दुकानों को अब पूरे दिन खुला रहना होगा। यहां तक कि सरकारी छुट्टियों या विशेष आयोजनों पर भी।”इसके अलावा, हर महीने की 15 और 25 तारीख को डिस्ट्रीब्यूशन की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को लगता है कि उन्हें राशन कम मिल रहा है, वे मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में इसे सही करा सकते हैं। इससे सिस्टम में विश्वास बढ़ सकता है। इन निर्धारित तिथियों पर नहीं खुलने वाली किसी भी दुकान का लाइसेंस रद्द हो सकता है। इन उपायों से काफी सुधार हुआ है। इतना कि पश्चिम सिंहभूम जिला राशन वितरण में अंतिम स्थान से उठकर ऊपर के पांच जिलों में शामिल हो गया है।अधिकारी ने कहा, ”लगातार छह महीने तक हम पहले स्थान पर थे और अब हम पहले पांच में अपना स्थान बरकरार रखे हुए हैं।”
पब्लिक हेल्प सेल
उन लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए, जिन्हें अपनी शिकायतों के लिए कलेक्टरेट तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, जिला प्रशासन ने पब्लिक हेल्प सेल बनाया है। यह ऑनलाइन प्लेटफार्म लोगों को व्हाट्सएप नंबर 9279452376, और पब्लिक हेल्प सेल के नंबर 06582-256301 या ई-मेल [email protected] के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा देता है।एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद इसे तुरंत समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी को भेज दिया जाता है। अधिकारियों के पास प्लेटफ़ॉर्म तक पहुंचने, शिकायतों की समीक्षा और समाधान करने और डीसी को रिपोर्ट करने के लिए व्यक्तिगत लॉगिन क्रेडेंशियल हैं। फिर एक फॉलो-अप सिस्टम है। यह पता लगाता है कि शिकायतकर्ताओं की समस्याएं दूर हुईं या नहीं। श्री मित्तल ने कहा, “इस इंटरैक्टिव अप्रोच ने लगभग 5,000 शिकायतों को हल कर दिखा है। मुख्य रूप से पेंशन, प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप और बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया है।”पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा की गई अनोखी पहलों ने प्रशासन में उल्लेखनीय सुधार किया है। इसने भूमि विवादों का समाधान किया है, राशन वितरण को ठीक किया है और सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए एक सुलभ मंच दिया है। ये उपाय लोगों की सेवा करने और सिस्टम में विश्वास बढ़ाने के लिए प्रशासन के कमिटमेंट को दिखाते हैं।
END OF THE ARTICLE