तीन बार पीसीएस में हुए सफल, अब बने आईएएस ऑफिसर
- Bhakti Kothari
- Published on 30 Jun 2023, 12:25 am IST
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हाइलाइट्स
- UPSC CSE 2022 में AIR 64 पर रहे प्रयागराज के अनिरुद्ध पांडेय
- इससे पहले उन्होंने तीन बार पीसीएस परीक्षा में झंडे गाड़े थे
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के सेवानिवृत्त अधिकारी के बेटे अनिरुद्ध पांडेय ने पिता की पोस्टिंग के कारण बचपन में काफी यात्राएं कीं। शिक्षा हब के रूप में जाने जाने वाले शहर पुणे से उन्होंने पढ़ाई की। फिर बाद में परिवार प्रयागराज में बस गया। समर्पण और कड़ी मेहनत के कारण उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में देशभर में 64वां स्थान हासिल किया।उनकी इस यात्रा के बारे में जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे खास बातचीत की।
परिवेश
अनिरुद्ध ने 2019 में एमएनएनआईटी, इलाहाबाद से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दिनों में ही उन्होंने यूपीएससी सीएसई को क्रैक करने और आईएएस अधिकारी बनने का मन बना लिया था। इसके लिए देरी ना करते हुए, उन्होंने कॉलेज खत्म होते ही तुरंत तैयारी करने का मन बना लिया।इंडियन मास्टरमाइंड्स से अनिरुद्ध ने कहा, ‘मेरे परिवार में पहले से कुछ नौकरशाह हैं। मैं बचपन से ही उन्हें देखता आ रहा था और हमेशा उनके काम और जीवनशैली से आकर्षित होता था। अपने ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई के दौरान जब मैंने अपने कई साथियों को परीक्षा की तैयारी करते देखा, तो मैंने भी इसके लिए जाने का फैसला किया। आज मैं यहां हूं।’
पीसीएस से आईएएस
अनिरुद्ध का यूपीएससी में यह चौथा प्रयास था। इससे पहले उन्होंने 2020 पीसीएस परीक्षा पास की थी। उन्हें अल्पसंख्यक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2021 में दोबारा परीक्षा दी और नायब तहसीलदार के पद पर चुने गए। उन्होंने 2022 पीसीएस में तीसरा प्रयास किया। इस बार उन्हें डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया। आईएएस अधिकारी बनने का उनका संकल्प इतना मजबूत था कि वह एक साथ सिविल सेवा परीक्षा देते रहे और अंततः अपने चौथे प्रयास में सफल हो गए। अनिरुद्ध बताते हैं कि वह शुरू से ही सिविल सेवा परीक्षा पास करना चाहते थे। कहा-मैंने बैकअप के तौर पर पीसीएस परीक्षा दी, लेकिन मेरा दिल हमेशा आईएएस में लगा रहा।
तैयारी
अनिरुद्ध ने पीएसआईआर को अपने ऑप्शनल विषय के रूप में चुना। इसलिए कि इसमें सिलेबस बड़ा नहीं था। दूसरे, इसमें मार्क्स भी अच्छे आते हैं। इसके अलावा जीएस विषयों के साथ काफी हद तक ओवरलैप है।वह सीएसई में अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स और दूसरे और तीसरे प्रयास में मेन्स भी नहीं पास कर सके थे। अपने अंतिम प्रयास के लिए अनिरुद्ध ने अपनी कमियों को पहचानने की कोशिश की और पूरी मेहनत की। उन्होंने अपना अधिकांश समय उत्तर लिखने की प्रैक्टिस और अच्छी तरह से दोहराने में लगाया। इससे उन्हें काफी फायदा हुआ।उनसे नेशनलाइजेशन ऑफ इंटर स्टेट रिजर्व और और डिसेंट्रलाइज बैंकिंग सिस्टम से संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। इनका उत्तर देना उनके लिए थोड़ा मुश्किल था। फिर भी उन्होंने इसे पूरे आत्मविश्वास के साथ किया।अब आगेःसिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होने के नाते अनिरुद्ध इस समय में देश में चल रही औद्योगिक क्रांति में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहते हैं। वह विशेष रूप से देश के ढांचागत विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे और अपने तकनीकी कौशल का भरपूर उपयोग करना चाहेंगे।
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