जिनका मकसद है गुवाहाटी को कूड़ा-कचरा से मुक्त करना
- Bhakti Kothari
- Published on 29 Jun 2023, 1:04 am IST
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हाइलाइट्स
- 2015 बैच के आईएएस अधिकारी और गुवाहाटी नगर निगम के कमिश्नर मेघ निधि दहल नदियों से प्लास्टिक कचरा निकालने के लिए लाए सस्ता आइडिया
- उनके जुगाड़ू विचार ने बाहिनी नदी से लगभग 95% प्लास्टिक मलबा निकाल दिया
- निकाले गए प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग और सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए भेजा जाता है
मेघालय की खासी पहाड़ियों से निकलने वाली और ब्रह्मपुत्र नदी के साथ संगम से पहले गुवाहाटी के मध्य से बहने वाली नदी है- बाहिनी। अपनी पुरानी हालत में। वह दरअसल असम और मेघालय के लिए बेहद महत्वपूर्ण नदी है। हालांकि, इसकी चर्चा आज तमाम गलत कारणों से है। इसलिए कि इसे असम की सबसे पॉल्यूटेड नदियों में से एक कहा जाता है।दरअसल यह मुख्य रूप से एक तूफानी नाला जैसी नदी है। यह नदी बारिश के पानी के साथ-साथ मेघालय से आने वाले अतिरिक्त पानी को अपने साथ बहाकर ब्रह्मपुत्र में लाती है। इसे सही हालत में रखना आवश्यक है, क्योंकि इसकी विशेषता वर्षा जल को अपने साथ ले जाना और गुवाहाटी शहर के प्रमुख क्षेत्रों में बाढ़ को रोकना और इसे साफ रखना भी है।असम-मेघालय कैडर के 2015 बैच के आईएएस अधिकारी मेघ निधि दहल की अध्यक्षता में गुवाहाटी नगर निगम ने नदी के कायाकल्प के महत्व को महसूस किया। फिर ऐसा करने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए। इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बातचीत में श्री दहल ने इसी बारे में काफी जानकारी दी।
फील्ड ट्रायल
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अधिकारी और उनकी टीम ने नदी के कुछ क्षेत्रों से नमूना लेकर और वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण से नदी में जमा हुए मलबे के प्रतिशत की गणना करके फील्ड ट्रायल किया। लगभग दो फीट की गहराई को ध्यान में रखते हुए उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कुछ हिस्सों में यह 35% तक है।उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, “हमने कुछ स्थानों पर प्लास्टिक के मलबे को कैसे रोक कर रखा जाए, इस पर विचार करना शुरू कर दिया, ताकि उन्हें रोकना और चुनी हुई जगहों पर सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए जमा करना आसान हो।”
रीप्रोसेसिंग
गुवाहाटी नगर निगम का रीप्रोसेसिंग प्लांट ऐसे जमा किए गए मलबे का अन्य उद्देश्यों के लिए पुन: उपयोग और रीप्रोसेसिंग करता है। अधिकारी ने इसे इस तरह से उपयोग करने का निर्णय लिया कि इसमें यथासंभव कम लागत लगे। ताकि वे इसे पूरे शहर में कई बार दोहराने में सक्षम हो सकें। उन्होंने नदी का सर्वे किया और उन बिंदुओं को चिह्नित किया, जहां नदी में जमा मलबे को इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त जगह थी।घुमावदार चैनल के लाभ के लिए रुक्मिणीगांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जो प्लास्टिक मलबे को अपने आप अटकाने के साथ-साथ नदी के प्रवाह को धीमा करता है। पास में एक सड़क भी है, जहां से इसे आसानी से कलेक्ट किया जा सकता है।एसीएस अंबरीश बोरा ने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, “हमने बाजार में आसानी से उपलब्ध 20 लीटर की बोतलें लेकर उन्हें नायलॉन की रस्सियों से बांधकर और उनके ऊपर नायलॉन का जाल बिछाकर कुछ जुगाड़ किया। इससे उन्हें जल स्तर बदलने पर नदी में ऊपर और नीचे जाने में मदद मिली। इसने पानी में बहने वाले 95% प्लास्टिक के मलबे को अटका दिया, और आश्चर्यजनक रूप से हम मामूली खर्च से ऐसा करने में सफल हुए। प्रति यूनिट 25,000 का खर्च बहुत मामूली था।” कार्य से प्रभावित होकर श्री दहल ने इसे बाहिनी और भरलू नदियों के किनारे अन्य स्थानों पर लगाने का निर्णय लिया। वह अब इन्हें अन्य नदियों में भी लगाने की योजना बना रहे हैं, जो शहर से बहने वाले नालों से जुड़े हैं।
सबकी भागीदारी
गुवाहाटी में नदियों से कचरा कलेक्शन अब काफी आसान हो गया है। यकीनन इसका श्रेय ‘गारबेज स्टेप्स’ और 25 वर्षीय असिस्टेंट इंजीनियर पलाश कलिता के प्रयासों को जाता है, जिन्होंने पूरे प्रोजेक्ट को अंजाम दिया। अधिकारी का मानना है कि जल्द ही वे गुवाहाटी की नदियों में बहने वाले प्लास्टिक को कम करने में सफल होंगे।वह प्रोजेक्ट में जनता की भागीदारी के महत्व पर समान रूप से जोर देते हैं। इसलिए कि आखिरकार जनता ही है, जो इस तरह के कचरे को पानी में फेंकती है। इसे ध्यान में रखते हुए श्री दहल नदियों में छोड़े गए प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चला रहे हैं।उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, “हम सरकार की मिशन लाइफ योजना के तहत रीसाइक्लिंग और दोबारा उपयोग के महत्व पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं। लोगों को अपनी जीवनशैली से प्लास्टिक को कम करने के लिए कह रहे हैं, क्योंकि यह समुद्रों में समा जाएगा।” .उन्होंने बताया कि कचरा कलेक्शन पिछले एक महीने से हर दूसरे दिन किया जा रहा है। नगर निगम अब तक लगभग 400 क्यूबिक मीटर कचरा जमा कर लिया है, जिसे रिसाइक्लिंग और सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए भेजा गया है।
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