उदभव अभियान: इस युवा आईएएस अधिकारी की पहल से सरकारी स्कूलों में हो रही आधुनिक तरीकों से पढ़ाई
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 4 Jan 2022, 11:31 am IST
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हाइलाइट्स
- युवा आईएएस अधिकारी सुमित यादव की पहल से यूपी के बाराबंकी जिले में सरकारी स्कूल के बच्चे स्मार्ट क्लासेस से कर रहे हैं पढ़ाई
- इस पहल के तहत सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ स्कूल में कक्षाओं को स्मार्ट क्लासेस में बदला जा रहा है
- प्रत्येक कक्षा में एक सफेद बोर्ड के साथ 43 इंच का स्मार्ट टीवी, ब्लूटूथ स्पीकर, वाई-फाई राउटर, पेन ड्राइव, यूपीएस प्रदान किया गया है
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीमा से सटे हुए जिले बाराबंकी में शिक्षा का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। आईएएस अधिकारी सुमित यादव की एक पहल ‘उदभव अभियान’ के माध्यम से छात्र अब साधारण क्लास की जगह स्मार्ट क्लासेस में पढ़ाई कर रहे हैं। इस पहल के पायलेट प्रोजेक्ट के तहत अब तक बेसिक शिक्षा विभाग के 11 परिषदीय स्कूलों को चिन्हित कर वहां स्मार्ट क्लासेस शुरू की जा चुकी हैं। स्मार्ट क्लास के लिए हर स्कूल में 43 इंच का स्मार्ट टीवी, ब्लूटूथ स्पीकर, वाई-फाई राउटर, पेन ड्राइव। यूपीएस और व्हाइट बोर्ड उपलब्ध कराया गया है। एक स्कूल में लगभग 35 हजार रुपए का खर्च आता है।
नवाबगंज तहसील में एसडीएम पद पर तैनात युवा आईएएस सुमित यादव की यह पहल जनसहयोग के माध्यम से चल रही है। इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से आईएएस सुमित से बातचीत की और उनकी इस शानदार पहल के बारे में जाना।
‘उदभव अभियान’
आईएएस सुमित के अनुसार इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का स्तर बेहतर बनाना है। सुमित यादव ने बताया कि उनकी पहल निश्चित रूप से सरकारी व निजी स्कूलों के अंतर को कम करेगी। उनका मानना है कि इस पहल से निश्चित ही सरकारी व निजी स्कूलों के बीच अंतर कम होगा।
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए आईएएस सुमित कहते हैं, “हम अपने यहां स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधारना चाहते थे। इसी क्रम में स्मार्ट क्लाससेस का आइडिया आया। वहीं, जब से स्मार्ट टीवी आए हैं, तब से स्मार्ट क्लासेस करना भी आसान हो गया है। तो सबसे पहले हम लोगों ने 43 इंच का स्मार्ट टीवी लगाया है, वाईफाई की व्यवस्था की। यूपीएस भी लगवाया, जिससे कि लाइट जाने पर फौरन कोई समस्या न आए। अभी तक हम 11 स्कूलों में ये व्यवस्था कर चुके हैं। लेकिन हमारा टार्गेट है कि इसी साल हम 100 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था कर दें।”
जन सहयोग
खास बात ये है कि ये पूरा अभियान जन सहयोग से हो रहा है। आईएएस सुमित कहते हैं, “हमने इस पहल के लिए कई लोगों से संपर्क किया और उन्हें इस पहल के बारे में बताया। फिर उन्हें इसके लिए मनाया कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में उन्हें इस पहल में आगे आकर मदद करनी चाहिए। जब लोगों को इस पहल के बारे में समझ आने लगा, तो वे मदद के लिए आगे आने लगे। इन लोगों में गांव के प्रधान, बिल्डर, वकील और कई अन्य लोग शामिल हैं। अब ये सभी बदलाव एक अच्छे बदलाव के साक्षी हैं।”
“वहीं, जो लोग भी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए आगे आते हैं, उन्हें इस बात की आजादी है कि वे जिस जगह चाहें वहां स्कूल चुन सकते हैं और स्मार्ट क्लासेस के लिए फंड दे सकते हैं। हम उनके साथ मीटिंग करते हैं और चयनित स्कूल में एक समारोह आयोजित कर स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत कर देते हैं। फंड देने वाला व्यक्ति अगर चाहे तो स्कूल के बाहर उसका नाम भी लिख दिया जाता है कि इनके सौजन्य से हो रहा है। इसलिए मददगार लोगों का आम जनता में नाम भी जाता है।”
सुमित बताते हैं कि हमने सबसे पहले इस पर ध्यान दिया कि ये प्रोजेक्ट इतना महंगा न हो कि लोग अपनी भागीदारी ही न कर पाएं। इसलिय जो कम से कम पैसे में हम कर सकते थे, वो किया। इसलिए इसका बजट बहुत कम था। हम अपने इस अभियान को उत्तर प्रदेश सरकार के कायाकल्प अभियान के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कायाकल्प अभियान के तहत स्कूलों में भी जन सुविधाएं बेहतर बनानी हैं और स्वच्छता का ध्यान रखना है। इसलिए अपने अभियान के प्रथम चरण में हमने उन्हीं स्कूलों को चुना है, जहां मूलभूत सुविधाएं बेहतर हैं। बाकी स्कूलों में पहले इन सुविधाओं को बेहतर करना हमारा उद्देश्य होगा।
कैसे करें मदद
‘उदभव अभियान’ से जुड़ने के लिए समाजसेवी लोग व समाजसेवी संस्थाएं एसडीएम सुमित यादव के नंबर 9454416145 पर संपर्क कर इस मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं। वहीं, आईएएस सुमित ने एक वॉट्सएप ग्रुप भी बनाया है, जिसमें इस अभियान से जुड़े सभी लोगों को जोड़ा गया है। स्मार्ट क्लास के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के दिशा एप का भी सहयोग लिया जा रहा है।
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