दो पड़ोसी राज्य, दोनों की चीफ सेक्रेटरी महिला, लेकिन कहानी और भी है!
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 9 Nov 2021, 6:08 pm IST
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हाइलाइट्स
- दो पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में एक ही समय में मुख्य सचिव के दायित्व को महिला अधिकारी सम्भाल रही थीं।
- लेकिन ये समानताएं यहीं खत्म नहीं होती हैं, आगे की कहानी और भी रोचक है।
यह अपने आप में अनूठी और बेहद सुखद घटना है कि दो पड़ोसी राज्यों में कुछ समय पहले अफसरशाही के सबसे बड़े ओहदे चीफ सेक्रेटरी यानी मुख्य सचिव के पद पर दो महिलाएं काबिज हुईं। जी हां, जिस समाज में महिलाओं को लोग अहम पदों पर बैठते हुए देखने के आदी नहीं हैं और कदम-कदम पर महिलाओं को खुद को साबित करना होता है, वहां एक ही वक्त पर दो करीबी राज्यों में इतने अहम पद पर महिलाओं का होना दिल को सुकून देने वाला था। यह महिला सशक्तिकरण का अप्रतिम उदाहरण है।
इनमें से एक विनी महाजन पंजाब में मुख्य सचिव के कार्यभार से अभी हफ्ते भर पहले ही मुक्त हुई हैं, जबकि हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा भी कुछ महीने पहले सेवा निर्वत्त हो चुकी हैं।
इन दोनों प्रेरणादायक महिलाओं में सिर्फ यही समानताएं नहीं हैं। दोनों उस परिवार से आती हैं, जहां सिविल सेवा बेहद खास होने के साथ-साथ बेहद आम भी है। केशनी के साथ-साथ उनकी दो सगी बहनें भी आईएएस अधिकारी रही हैं, इतना ही नहीं उनकी दोनों बहनें उर्वशी गुलाटी और मीनाक्षी आनंद अरोड़ा, हरियाणा के मुख्य सचिव पद पर भी रहीं।
वहीं दूसरी ओर, पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन के पति दिनकर गुप्ता भी 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वो भी हाल ही में पंजाब के पुलिस महानिदेशक के पद से मुक्त हुए हैं। यही नहीं, विनी के पिता बी.बी. महाजन भी 1957 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी थे और अपनी ईमानदार छवि के लिए प्रसिद्ध थे।
तीन बहनें, सभी मुख्य सचिव!
अपने प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जानी जाने वाली, केशनी अरोड़ा ने एक राज्य के मुख्य सचिव का पद संभालकर एक खास मायने में इतिहास रच दिया। एक ही परिवार की 3 सगी बहनों के सूबे के अफसरों के मुखिया यानी मुख्य सचिव बनने का यह अनूठा मामला है। केशनी 30 जून, 2019 से 30 सितंबर, 2020 तक मुख्य सचिव पद पर रहीं और उसके बाद वह सेवानिवृत्ति हो गईं। वह हरियाणा की पांचवी महिला मुख्य सचिव थीं।
उनके बाद इस जिम्मेदारी को संभालते हुए, 1985 बैच के आईएएस अधिकारी विजय वर्धन प्रदेश के 34 वें मुख्य सचिव बने। केशनी मुख्य सचिव की नियुक्ति से पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) के रूप में भी काम कर चुकी थीं।
तीनों बहनों में सबसे बड़ी और 1969 बैच की आईएएस अधिकारी मीनाक्षी आनंद हरियाणा की पहली महिला मुख्य सचिव थीं। वो 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2006 तक इस पद रहीं। दूसरे नंबर की बहन और 1975 बैच की आईएएस अधिकारी उर्वशी गुलाटी ने 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 के बीच हरियाणा के मुख्य सचिव का पदभार संभाला। अपनी बड़ी बहनों के नक्शे कदम पर चलकर केशनी आनंद अरोड़ा ने भी वही कारनामा दोहराया।
हरियाणा की इन तीन सगी बहनों की बेमिसाल कहानी ने यह फिर से जता दिया कि अगर महिलाएं अपने जीवन को अपने तरीके से जिएं और गहन समर्पण के साथ अपने लक्ष्य को लेकर कुछ ठान लें, तो वो क्या-क्या हासिल कर सकती हैं इसका अंदाजा किसी को भी नहीं है।
केशनी ने अपनी बहनों के साथ मिलकर एक ऐसे राज्य की महिलाओं के लिए नए मानक स्थापित किए हैं, जो कि कम लिंगानुपात के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन अब तीनों बहनें राज्य के साथ-साथ पूरे देश की लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली केशनी ने राजनीति विज्ञान से एम.ए. और एम.फिल. करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए किया। वो हरियाणा कैडर के 1983 आईएएस बैच की टॉपर भी रही हैं। वह एक ऐसी शक्तिशाली महिला का प्रतीक हैं जिसने दृढ़ता और सतत प्रयासों से सफलता के कई कीर्तिमान रचे।
अपनी अन्य बहनों की तरह, केशनी को भी उनके पिता प्रोफेसर जेसी आनंद ने ही पढ़ाया। वह राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर थे। उनकी मां महिला सशक्तीकरण की पुरजोर वकालत करती थीं और वो चाहती थीं कि उनकी बेटियां आत्मनिर्भर बनें। अपने माता-पिता को अपनी प्रेरणा स्रोत मानकर, तीनों बहनों ने पूरी मेहनत से पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया। जहां केशनी ने दूसरी रैंक हासिल की थी, बाकी दोनों बहनें अपने संबंधित बैचों के शीर्ष 20 उम्मीदवारों में शामिल थीं।
पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव
विनी महाजन – मुख्य सचिव, पंजाब: 1987 बैच की आईएएस अधिकारी और पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन की कहानी भी बेहद प्रभावशाली रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने आईआईएम कोलकाता से एम.बीए. किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से उन्हें रेक्टर्स पुरस्कार और आईआईएम कोलकाता से उन्हें रोल ऑफ ऑनर खिताब से नवाजा जा चुका है।
2019 में महाजन के नेतृत्व में, पंजाब ने पहली बार स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच में भाग लिया। महाजन ने मुख्य सचिव के रूप में करण अवतार सिंह की जगह ली थी। अवतार सिंह को विशेष मुख्य सचिव, शासन सुधार और लोक शिकायत के पद पर स्थानांतरित किया गया था। वहीं महाजन की जगह अब 1990 बैच के आईएएस अधिकारी अनिरुद्ध तिवारी को पंजाब की चरनजीत सिंह चन्नी सरकार ने नया मुख्य सचिव बनाया है।
अपने 33 साल के प्रशासनिक कैरियर में महाजन ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। वह पंजाब की पहली महिला चीफ सेक्रेटरी यानी मुख्य सचिव हैं। महाजन ने बारे में कहा जाता है कि राज्य में उद्योग और वाणिज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने विशेष कार्य किए हैं, इसी का नतीजा है कि उनके कार्यकाल में पंजाब ने हर साल 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए निवेश को आकर्षित किया।
गौरतलब है कि हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ था। उसके बाद से यह पहला मौका है, जब किसी महिला ने पंजाब में मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण किया था।
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