ओडिशा के पुरी में 24 घंटे नलों से शूद्ध पेयजल देने की पूरी कहानी!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 21 Oct 2021, 5:22 pm IST
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हाइलाइट्स
- न्यूयॉर्क, लंदन और सिंगापुर जैसे दुनिया के कुछ चुनिंदा शहरों में ओडिशा का पुरी भी हुआ शामिल
- पुरी देश का पहला ऐसा शहर है जो 24 घंटे आम लोगों को नल से उपलब्ध करा रहा है पीने का शुद्ध पानी
- लेकिन यह कैसे और किस तरह संभव हो पाया, कैसे इस योजना का कार्यान्वयन किया गया, पढ़िए पूरी कहानी!
- राज्य सरकार 16 और शहरों में नल (टैप) से सुरक्षित पेयजल आपूर्ति शुरू करने पर भी काम कर रही है
साफ पानी का आपके स्वास्थ्य और इकोनॉमी से गहरा संबंध है। अब जरा सोचकर देखिए कि आप भारत के ऐसे शहर में रहते हैं, जहां सप्ताह के सातों दिन और 24 घटें शुद्ध पेयजल सरकार उपलब्ध करा रही हो। कितना बेहतर होगा न!
लेकिन भारत जैसे देश में जहां दिन-प्रतिदिन भूजल दूषित होता जा रहा है और उसका जलस्तर भी गिरता जा रहा है, यह सुनने में संभव नहीं लगता। क्योंकि एक तो भारत के शहरों में शुद्ध पीने लायक भूजल अब बहुत ही सीमित जगहों पर बचा हुआ है, इसलिए किसी भी शहर में एक बड़ी आबादी के लिए सीधे सरकार को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई स्तरों पर बहुत बड़ा काम करना पड़ेगा। शायद इसीलिए यह अब तक संभव नहीं हो पाया था।
लेकिन नामुमकिन से दिखने वाले काम को संभव कर दिखाया है पुरी शहर ने। ओडिशा के पुरी में अब सभी घरों में 24 घंटे शुद्ध पीने का पानी पाइप द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
‘सुजल मिशन’
‘सुजल मिशन- ड्रिंक फ्रॉम टैप’ योजना के तहत पुरी के तकरीबन 2.5 लाख निवासियों को इसका फायदा मिलेगा। इस मिशन की शुरुआत के साथ ही पुरी देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां 24 घंटे सीधे नल (टैप) से पीने लायक पानी मिलेगा। दुनिया के कुछ चुनिंदा शहरों में ही इस तरह की सुविधा दी जा रही है।
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए 2011 बैच के आईएएस अधिकारी और पुरी जिले के कलेक्टर समर्थ वर्मा ने कहा, “हम 34 हजार घरों में 24 घंटे शुद्ध पीने का पानी नल (पाइप के द्वारा) से उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए 150 वॉटर फाउंटेन लगाए हैं, जिनसे उन्हें भी शुद्ध पीने का पानी मिल सकेगा।” पुरी में हर साल आने वाले करीब 2 करोड़ पर्यटकों को इसका फायदा मिलेगा।
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध पुरी शहर में इस योजना पर काम पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था। राज्य के शहरी विकास एवं आवास विकास विभाग के कुशलतापूर्वक किए गए प्रयासों और जिला प्रशासन के बेहतर कार्यान्वयन से सिर्फ 9 महीने के अंदर ही पुरी के 114 शहरी स्थानीय निकाय के लाखों लोगों को पीने का साफ पानी मिलने लगा है। वहीं वॉटर फाउंटेन लगने से पर्यटकों को भी अब स्वच्छ पानी के लिए इधर-उधर भटकना या मिनरल वाटर खरीदना नहीं पड़ेगा। वहीं शहर के आम लोगों को पानी जमा करके रखने या उसे फिल्टर करने की कोई जरूरत नहीं होगी। सीधे टैप (नल) खोलिए और एक दम स्वच्छ पानी पाइए।
पानी की गुणवत्ता
पानी की क्वालिटी मापने और उसे बनाए रखने के लिए प्रशासन क्या कर रहा है? इंडियन मास्टरमाइण्ड्स के इस सवाल पर कलेक्टर समर्थ वर्मा कहते हैं, “पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए हम रेगुलर क्वालिटी कंट्रोल चेक करते हैं। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। हम अब तक लगभग सभी घरों में मीटर लगा चुके हैं।”
इतना ही नहीं साफ पानी के लिए कुछ मापदंड भी बनाए गए हैं। डीएम वर्मा कहते हैं, “साफ पानी की गुणवत्ता मापने के लिए हम अलग-अलग बिन्दुओं के हिसाब से उसके सैंपल लेकर लैब में भेजते हैं। फिर उनके परिणामों के स्तर पर गुणवत्ता मापी जाती है और उसे बेहतर बनाया जाता है। शुद्ध पानी के लिए वाटर प्यूरीफाय करने की कई तकनीकों का प्रयोग हो रहा है, जिनको आम तौर पर देश में उपयोग में लिया जाता है।”
योजना का कार्यान्वयन
डीएम वर्मा का कहना है कि पुरी में आने वाले पर्यटकों के लिए अभी 400 वाटर फाउंटेन और लगाए जायेंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन के माध्यम से वास्तविक समय में पानी की गुणवत्ता भी प्रदर्शित की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में तकनीक का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं स्वयं सहायता समूहों की वंचित महिलाओं को ‘जलसाथी’ के रूप में नामित किया गया है। उनकी मदद से मीटर रीडिंग, राजस्व संग्रह, क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता परीक्षण करने और लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा। इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। इतना ही नहीं, पानी के लीकेज, सतत आपूर्ति और अन्य मुद्दों के त्वरित निवारण के लिए मोबाइल क्रू टीम भी बनाई गयी है, जो तुरंत किसी भी शिकायत पर कार्रवाई करेगी।
सरकार की इस बड़े बदलाव लाने वाली योजना का एक और बड़ा फायदा होगा। नल से सुरक्षित पेयजल मिलने से लगभग तीन करोड़ प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को रोकने में मदद मिलेगी, जिससे लगभग 400 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे को खत्म किया जा सकेगा। वहीं इससे राज्य को कार्बन फूटप्रिंट घटाने में भी मदद मिलेगी।
आगे की योजना
आपको बता दें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरुआत की थी। साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से एक बेहद जरूरी आग्रह भी किया था कि कोई भी शहरवासी पानी को बर्बाद ना करें। पुरी के अलावा, सरकार इस मिशन को 40 लाख की आबादी वाले 16 अन्य शहरों में भी जल्द ही लागू करेगी। राज्य ने मार्च 2022 तक राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में पाइप यानी नल से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। ओडिशा सरकार ने इसके लिए 1300 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित कर दिया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में न्यूयॉर्क, लंदन और सिंगापुर जैसे दुनिया के कुछ बड़े शहर ही ऐसी सुविधा दे पा रहे हैं। लेकिन अब पुरी भी इन शहरों में शामिल हो गया है। वास्तव में वहां के लोगों के लिए यह गर्व की बात है।
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