‘आईसीयू ऑन व्हील्स’ पहल जिसने हजारों की जान बचाई और ‘स्कॉच-ऑर्डर ऑफ मेरिट’ पुरस्कार जीता
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 2 Dec 2021, 5:15 pm IST
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हाइलाइट्स
- ‘सरिगे सुरक्षा-आईसीयू ऑन व्हील्स’ पहल के लिए कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने जीता ‘स्कॉच-ऑर्डर ऑफ मेरिट’ पुरस्कार
- आईसीयू ऑन व्हील्स’ सेवा में बसों को 5 बेड वाली एंबुलेंस में बदला गया और सभी जरूरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम लगाए गए
- केएसआरटीसी की इस पहल ने हजारों लोगों के बचाई है जान
कुछ महीने पहले जब कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही थी, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने एक ऐसी पहल की जिससे कर्नाटक में न सिर्फ कोरोना की लहर कम हुई, बल्कि कोरोना संक्रमित मरीजों को आसानी से इलाज उपलब्ध हो सका और हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी। ‘सरिगे सुरक्षा-आईसीयू ऑन व्हील्स’ (“Sarige Suraksha – ICU on Wheels”) एक एंबुलेंस सेवा है, जिसमें बसों को सभी जरूरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम जैसे ऑक्सीजन, बीपी मशीन, ईसीजी मशीन, वेंटिलेटर, आपातकालीन चिकित्सा प्रणाली और जनरेटर सुविधा आदि के साथ तैयार किया गया है। केएसआरटीसी की इस जीवन बचाने वाली पहल को अब प्रतिष्ठित ‘स्कॉच-ऑर्डर ऑफ मेरिट’ पुरस्कार मिला है। 76 वें स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस समिट के दौरान केएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक आईएएस शिवयोगी सी. कलासाद को प्रदान किया गया।
केएसआरटीसी के अनुसार इन बसों की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रुपये है, जिसे पूरी तरह से विभाग ने वहन किया है। कर्नाटक के 4 राज्य सड़क परिवहन निगमों द्वारा 12 से अधिक ऑक्सीजन आपूर्ति बसों का संचालन कई जिलों में किया जा रहा है। वहीं, सैकड़ों बसे कोरोना की तीसरी लहर या फिर से किसी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। इंडियन मास्टरमाइण्ड्स ने केएसआरटीसी से इस पहल के बारे में बात की।
‘सरिगे सुरक्षा-आईसीयू ऑन व्हील्स’
आईसीयू ऑन व्हील्स सुविधा के तहत प्रत्येक बस में पांच बेड लगाकर उन्हें एंबुलेंस में बदला गया है। हर एक बेड के लिए वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्रणाली, मरीज के लिए मॉनिटर (बीपी, ऑक्सीजन चेक, ईसीजी, तापमान माप सहित) प्रणाली, आपातकालीन चिकित्सा प्रणाली के साथ-साथ उपकरणों को बिजली देने के लिए एक जनरेटर की व्यवस्था की गई है। बस में एम्बुलेंस की तरह ही सायरन की भी सुविधा है। साथ ही इसमें एक नोटिस बोर्ड भी है। बस में स्वास्थ्य विभाग के एक डॉक्टर और स्वास्थ्य सहायक होते हैं। ‘आईसीयू ऑन व्हील्स’ सेवा गांवों का दौरा भी करती है और मरीजों की पहचान कर उन्हें तुरंत अस्पताल तक पहुंचाती है।
आईएएस शिवयोगी सी. कलासाद कहते हैं, “यह पहल मुख्यता ग्रामीण क्षेत्रों को ध्यान में रखके शुरू की गयी थी। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में किसी भी आपात स्थिति में मरीजों के लिए वैसी सुविधाएं नहीं है, जैसी शहरी क्षेत्रों में हैं। अभी पुत्तूर संभाग (दक्षिण कन्नड़ और कोडागु जिले) के 38 गांवों में ‘सरिगे सुरक्षा’ बस सेवा दे रही है। पिछले लगभग 3 महीनों के दौरान हमने अब तक 4900 से अधिक लोगों की सेवा की है। कोविड समय के दौरान, केएसआरटीसी ने आम लोगों की मदद के लिए कई स्वास्थ्य के अनुकूल सर्वोत्तम सेवाओं को अपनाया है। यह पुरस्कार केएसआरटीसी के सभी स्वास्थ्य कर्मियों, ड्राइवरों, कंडक्टरों और पूरे स्टाफ को समर्पित है।”
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने दूरदराज के इलाकों में कोविड -19 रोगियों के बचाव के मुख्यता दो परियोजनाएं शुरू कीं थीं, ‘आईसीयू ऑन व्हील्स’ और ‘ऑक्सीजन ऑन व्हील्स’। इन दोनों योजनाओं ने कोरोना से निपटने और संक्रमित व्यक्तियों की जान बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। ‘ऑक्सीजन ऑन व्हील्स’ पहल के तहत बसों में कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती है।
कर्नाटक सरकार ने इस सुविधा को राज्य में और अधिक जिला मुख्यालयों तक विस्तारित करने की पहल भी की है और अस्पतालों और गैर सरकारी संगठनों को आगे आने और ‘आईसीयू ऑन व्हील्स’ को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। अब इस मॉडल को दूसरे राज्यों में भी अपनाया जा रहा है।
स्कॉच पुरस्कार
2003 में स्थापित, स्कॉच पुरस्कार उन लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों को सम्मानित करता है, जो भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयासरत हैं। यह पुरस्कार समाज में योगदान देने वाली असाधारण उपलब्धियों के लिए मिलता है। यह एक स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदान किया जाने वाला देश का प्रतिष्ठित सम्मान है।
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