जब एक आईएएस अधिकारी ने महामारी से युद्ध के लिए अपनी शादी रोक दी!
- Pallavi Priya
- Published on 23 Nov 2021, 2:10 pm IST
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हाइलाइट्स
- पिछले साल कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान असम भी बुरी तरह तरह कोविड-19 वायरस से प्रभावित था
- लेकिन महामारी की चपेट में आए इस राज्य में आईएएस अधिकारी कीर्ति जल्ली ने समर्पण और दृढ़-संकल्प की नई मिसाल पेश की थी
- अपने लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए उन्होंने अपनी शादी तक रोक दी थी... !
- आईएएस कीर्ति जल्ली
कोविड-19 के खिलाफ चले युद्ध में भारत के कई सिविल सेवकों ने आगे बढ़कर लड़ाई का नेतृत्व किया और हम सभी के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया। ऐसी ही एक आईएएस अधिकारी हैं – कीर्ति जल्ली। पिछले साल, जब पूरा देश कोरोना की पहली लहर से जूझ रहा था और हर तरफ से मदद की आस लगाए बैठा था, उस मुश्किल वक्त में असम के कछार जिले में तैनात इस आईएएस अधिकारी ने अपनी शादी के दिन भी छुट्टी लेने से इनकार कर दिया था।
आईएएस जल्ली की शादी पुणे के एक व्यवसायी आदित्य शशिकांत के साथ होनी तय थी। पिछले साल सितंबर के पहले पखवाड़े में, उन्हें अपने गृहनगर हैदराबाद के लिए रवाना होना था। लेकिन उस वक्त पूरे देश के साथ-साथ असम में भी कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा था, इसलिए अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित इस आईएएस अधिकारी ने असम नहीं छोड़ने का बड़ा फैसला किया। जल्ली ने शादी के बजाय, आम लोगों को कोरोना महामारी से बचाने को प्राथमिकता देते हुए अन्य लोगों के लिए भी बड़ी लकीर खींच दी।
शादी से अधिक महत्वपूर्ण कोविड का मुक़ाबला करना
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए जल्ली ने बताया, “मैं अपनी शादी के लिए छुट्टी लेने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। मैं जानती हूं कि शादी किसी के भी जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, लेकिन मैं उस वक्त अपने जिले और लोगों से दूर जाने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी, जब प्रति दिन लगभग औसतन 100 नए मामले आ रहे हों और मैं जीवन बचाने के लिए लड़ रही हूं।”
आईएएस जल्ली द्वारा उठाए गए इस बड़े कदम में उनके होने वाले पति आदित्य शशिकांत ने भी पूरा समर्थन दिया और उनके फैसले के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। अदित्य खुद अपने माता-पिता के साथ कछार गए और आधिकारिक गाइडलाइन के हिसाब से विवाह से पहले क्वारंटाइन में भी रहे।
विवाह समारोह आईएएस जल्ली के आधिकारिक आवास आयोजित किया गया। कोरोना गाइडलाइन को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ 15 अधिक व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे। हालांकि 800 अन्य लोग मीटिंग ऐप ‘जूम’ के माध्यम से समारोह में शामिल हुए।
2013 बैच की आईएएस अधिकारी जल्ली को इस बात का एहसास था कि असम में स्थिति बहुत ही खतरनाक और अनिश्चितताओं से भरी हो चुकी है। पिछले साल उस वक्त तक (सितंबर के तीसरे सप्ताह तक), राज्य में 1,59,000 कोरोना के मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 1,29,133 लोग ठीक हो चुके थे और 578 मौतें हो चुकी थीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी विकट थी और ऐसे वक्त में आईएएस जल्ली का फैसला कितना मायने रखता था।
सादा समारोह
आईएएस जल्ली का यह वास्तव में एक साहसिक निर्णय था। हर रोज नए घटित हो रहे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, पहले तो उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला किया था और इसके बजाय अपने लोगों के साथ रहना उचित समझा। अपने इस निर्णय को लेकर उन्होंने अपने माता-पिता को भी मना लिया था। इस सब के बीच, उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 मरीजों के लिए एक आईसीयू इकाई के निर्माण कार्य के देखरेख के अपने काम को जारी रखा। वहीं, उनके होने वाले पति इस शादी को स्थगित नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक बीच का रास्ता निकाला। उन्होंने सिलचर में आईएएस जल्ली के आधिकारिक निवास स्थान पर आने का फैसला किया। दोनों पक्षों के इस पर चर्चा करने के बाद, वे दोनों कम से कम अतिथियों के साथ आधिकारिक घर में शादी करने के लिए तैयार हो गए।
इस तरह 9 सितंबर, 2020 को शादी सम्पन्न हुई। यह बहुत ही सादा समारोह था, जहां सिर्फ परिवार के कुछ सदस्य उपस्थित थे। आईएएस जल्ली की ओर से सिर्फ उनकी बहन उपस्थित थीं। वहीं ‘जूम’ ऐप के माध्यम से दूल्हा और दुल्हन के दोस्त और परिवार के लगभग 800 लोग शामिल हुए।
आईएएस जल्ली ने अपने लोगों की सेवा के लिए एक और उदाहरण स्थापित करते हुए, शादी वाले दिन के बाद अपने कार्यालय वापस चली गईं।
जनवरी 2019 में कछार में नियुक्त की गईं आईएएस जल्ली को विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और महिलाओं के विकास में उनके काम के लिए जाना जाता है। इससे पहले, वह असम के ही हैलाकांडी में डीसी और जोरहाट के तितबोर में एसडीएम के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
अगर संक्षेप में कहें, तो आईएएस जल्ली एक सच्ची कोरोना वैरियर (योद्धा) हैं और हमारे देश और समाज को ऐसे हर परेशानी से निपटने के लिए ऐसे ही समर्पित अधिकारियों की जरूरत है।
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