क्या है मिजोरम का नया प्रशासनिक विवाद, आखिर क्यों हैं राज्य में 2 मुख्य सचिव?
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 10 Nov 2021, 8:01 pm IST
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हाइलाइट्स
- मिजोरम के मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
- मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर हुआ विवाद, राज्य में इस वक्त 2 मुख्य सचिव
- हिन्दी और स्थानीय भाषा मिजो में संवाद का है मसला
भारत के अहम उत्तर-पूर्वी राज्य मिजोरम में एक नया प्रशासनिक विवाद पैदा हो गया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री पु जोरामथांगा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव के रूप में किसी ऐसे अधिकारी को नियुक्त करने की मांग की है, जिसे राज्य की स्थानीय मिजो भाषा अच्छे से आती हो।
दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले महीने 28 अक्टूबर को वरिष्ठ आईएएस रेणु शर्मा को मिजोरम का मुख्य सचिव नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति मिजोरम के वर्तमान मुख्य सचिव और गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी लालनुनमाविया चुआउगो के रिटायर होने के बाद की गई थी। लेकिन, उसी दिन मिजोरम सरकार ने भी मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारी और राज्य के वर्तमान में अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने का आदेश जारी कर दिया। ये सारा विवाद उसी के बाद शुरू हुआ है।
मिजोरम सरकार का कहना है कि उनके मंत्रियों को हिंदी नहीं आती है और नई नियुक्त हुई मुख्य सचिव को स्थानीय भाषा नहीं का ज्ञान नहीं है। इसलिए, बेहतर संवाद करने में परेशानी आ रही है। इतना ही नहीं, चिट्ठी में कहा गया है कि मिजोरम के कई मंत्रियों को बेहतर अंग्रेजी का भी ज्ञान नहीं है, इसीलिए आने वाले वक्त में कम्युनिकेशन में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसे में केंद्र सरकार को अपने आदेश में बदलाव करना चाहिए और किसी ऐसे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जाए जो मिजो भाषा का ज्ञान रखता हो।
वहीं, मिजोरम सरकार की सलाह राज्य के अपर मुख्य सचिव जेसी रामथंगा को ही मुख्य सचिव बनाने की है। मिजोरम सरकार ने गृह मंत्रालय से नई मुख्य सचिव की नियुक्ति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
बता दें कि एजीएमयूटी कैडर की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी रेणु को 1 नवंबर से पद संभालना था। लेकिन मिजोरम सरकार के जेसी रामथांगा की नियुक्ति के बाद से ही राज्य में दो मुख्य सचिव हैं।
सीएम जोरमथंगा ने यह भी कहा है कि राज्यों में यह प्रथा रही है कि संबंधित राज्य की मूल कामकाजी भाषा नहीं जानने वाले अधिकारी को मुख्य सचिव नहीं बनाया जाता। इसलिए केंद्र सरकार को राज्य के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।
सीएम का कहना है कि राज्य के सांस्कृतिक परिवेश वाले मंत्रियों के साथ, मिजो भाषा की जानकारी न रखने वाला मुख्य सचिव कभी भी प्रभावशाली साबित नहीं हो सकता। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने अमित शाह को यह भी लिखा है कि वह शुरुआत से ही एनडीए के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मसले पर ध्यान देगी।
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