रियल लाइफ सूर्यवंशी: आईपीएस विश्वास नांगरे पाटील की कहानी, जिन्होंने मुंबई हमले के आतंकी को मारा था
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 28 Nov 2021, 5:31 pm IST
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हाइलाइट्स
- 1997 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी विश्वास नांगरे पाटील से प्रेरित है अक्षय कुमार और रोहित शेट्टी की सूर्यवंशी फिल्म का हीरो
- सिर्फ 25 साल की उम्र में विश्वास बने थे आईपीएस, 2 हिस्सों में लिख चुके हैं अपनी आत्मकथा
- राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हैं विश्वास, फिटनेट का रखते हैं विशेष खयाल, मुंबई की हर मैराथन में लेते हैं भाग
बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की सूर्यवंशी फिल्म इन दिनो थिएटर में धमाल मचा रही है। फिल्म ने शानदार कमाई करते हुए अब तक सिर्फ भारत में ही 200 करोड़ से ज्यादा रुपए कमा लिए हैं। अक्षय कुमार फिल्म में एक सख्त पुलिस ऑफिसर डीसीपी वीर सूर्या का रोल निभा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्षय का ये रील लाइफ रोल, रियल लाइफ से प्रेरित है? जी हां, इसका खुलासा खुद अक्षय ने भी एक इंटरव्यू में किया था।
आईपीएस विश्वास नांगरे पाटील, यही वो असली जिंदगी का किरदार है, जिससे प्रेरित पुलिस वाले का रोल सूर्यवंशी फिल्म में अक्षय ने किया है। 26/11 मुंबई हमलों में आतंकवादियों ने जब कोलाबा स्थित मशहूर ताज होटल पर हमला किया था, विश्वास उस वक्त दक्षिण मुंबई के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस जोन-1 थे। उन्होंने आतंकवादियों का सामना करने के लिए बनाई गई एक टीम का नेतृत्व किया और एक आतंकी को मार गिराया था।
1997 बैच के आईपीएस अधिकारी विश्वास नासिक के भी पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। वो वर्तमान में मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर कार्यरत हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी विश्वास को आम लोगों की मदद करते देखा गया। उन्होंने फ्रंटलाइन वर्कर्स की एक टीम का नेतृत्व किया, जिसने जरूरतमंदों की खूब मदद की।
शुरुआत
महाराष्ट्र के सांगली जिले के शिराला तहसील के छोटे से शहर कोकरूद के रहने वाले विश्वास एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार से आते हैं। वो बचपन से पढ़ने में बहुत अच्छे थे और हमेशा अच्छे अंक लेकर आते थे। उन्होंने शिराला के न्यू इंग्लिश स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। साल 1988 में पाटील ने 88 फीसदी अंकों के साथ 10 वीं कक्षा पास की थी। 12 वीं के बाद विश्वास ने कोल्हापुर स्थित शिवाजी विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित राजाराम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। हालांकि उस वक्त उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।
अपना स्नातक पूरा करने के बाद विश्वास ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और सिर्फ 25 साल की उम्र में देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा पास करते हुए आईपीएस बन गए। खास बात ये है कि आईपीएस बनने के बाद भी उन्होंने अपनी अपनी पढ़ाई जारी रखी और पुलिस प्रबंधन में एमबीए किया। विश्वास आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन यूपीएससी परीक्षा में उनको दो बार आईपीएस रैंक मिला और आज उनको पुलिस सेवा में लगभग 23 साल हो चुके हैं।
वो घटना जिसने सब कुछ बदल दिया
साल 2008 में 26 नवंबर को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर एक बड़ा आतंकवादी हमला हुआ। उस वक्त, विश्वास दक्षिण मुंबई में पुलिस क्षेत्र-1 के उपायुक्त थे। आतंकियों ने जब टाटा ग्रुप के मुंबई स्थित मशहूर ताज होटल पर हमला किया, तो उससे निपटने के लिए आनन-फानन में एक टीम बनाई गई। विश्वास ने उस पुलिस टीम का नेतृत्व किया और एक आतंकवादी को मार गिराया।
पाटील कहते हैं, “होटल में रात करीब 9:40 बजे आतंकी घुसे थे। वहां कोहराम मचा हुआ था। वो सभी लोगों को मार रहे थे। मैंने अपने रेडियो ऑपरेटर और ताज के सुरक्षा प्रमुख के साथ होटल के पीछे की ओर से प्रवेश किया। हालांकि आतंकवादी पहले से ही पोजिशन बना चुके थे और आधुनिक हथियारों से लैस थे। इसके बाद भी सामान्य हथियारों से लैस हमारी टीम ने आतंकियों का मुकाबला किया और उनमें से एक को मार गिराया।”
साल 2013 में मुंबई हमलों को लेकर गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट आई थी। उस रिपोर्ट में नांगरे के बारे में कहा गया था, “पाटील ने अकुशल और कम तैयार लोगों के टीम का नेतृत्व किया और ताज होटल के अंदर बहादुरी से लड़ते हुए एक आतंकवादी मार गिराया। यह असाधारण साहस का कार्य था।”
साल 2015 में, सरकार ने मुंबई हमलों से निपटने में दिखाई गई अदम्य वीरता के लिए आईपीएस विश्वास को ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ से सम्मानित किया। और अब विश्वास का काम ही उनकी पहचान बन चुका है।
लिखी अपनी प्रेरणादायक आत्मकथा
आईपीएस विश्वास आज युवाओं के लिए प्रेरणा माने जाते हैं। उन्होंने मराठी भाषा में अपनी आत्मकथा भी लिखी है। यह दो हिस्सों में है। ‘मन में है विश्वास’ किताब उनकी आत्मकथा का पहला भाग है। इस किताब में उन्होंने अपने आईपीएस बनने के पहले की दास्तान को बयां किया है। साथ ही यह भी बताया है कि वो किस तरह यूपीएससी की तैयारी कर आईपीएस बने। यह यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक बेहद प्रेरणादायक किताब है। वहीं, उनकी दूसरी किताब ‘कर हर मैदान फतेह’ उनके आईपीएस बनने के बाद की कहानी है।
आईपीएस विश्वास अपनी फिटनेस का भी बहुत खयाल रखते हैं। वे मुंबई में होने वाले लगभग हर मैराथॉन में भाग लेते हैं। एक और रोचक बात है कि विश्वास अपने कॉलेज के दिनों में अभिनेता ‘आर.माधवन’ के साथ अपना रूम शेयर करते थे।
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