साहब के आध्यात्मिक ज्ञान का होगा प्रसार
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 9 Aug 2023, 12:10 pm IST
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हाइलाइट्स
यूपी ब्यूरोक्रेसी के एक बड़े अफसर हैं. 32 साल पहले वह आईएएस बने थे. तब से लेकर आज तक उनकी तैनाती यूपी में ही रही है. वह यूपी के उन चुनिंदा अफसरों में हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अन्य राज्यों में कार्य करने नहीं गए हैं. हालांकि यह साहब आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. बीटेक […]
यूपी ब्यूरोक्रेसी के एक बड़े अफसर हैं. 32 साल पहले वह आईएएस बने थे. तब से लेकर आज तक उनकी तैनाती यूपी में ही रही है. वह यूपी के उन चुनिंदा अफसरों में हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अन्य राज्यों में कार्य करने नहीं गए हैं. हालांकि यह साहब आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. बीटेक करने के बाद वह आईएएस बने. और देश के सबसे बड़े राज्य में उन्हे कार्य करने का मौका मिला क्योंकि उनकी काबिलियत का इंटरब्यू के दौरान विद्वानों ने लोहा माना था.
ऐसे काबिल अफसर को यूपी में तमाम अहम ज़िम्मेदारी मिली, जिन्हे उन्होने बाखूबी निभाया. फिर भी उन्हे यूपी की ब्यूरोक्रेसी में कभी धाकड़ अफसर नहीं माना गया. हालांकि उन्होने यूपी जैसे बड़े राज्य में बिना किसी विवाद के एक विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराया. ऐसी शानदार उपलब्धि के बाद उन्हे तमगा मिलना चाहिए था, लेकिन सूबे की सरकार ने उन्हे तीन साल तक महत्वहीन विभाग में तैनात रखा.
वह तो भला हो सीएम आफिस के कुछ भले अफसरों का जो उन्हे बीते साल एक बड़े विभाग में तैनाती मिल गई. तो दिल्ली में कार्यरत उनके बैच के दो आईएएस ने उन्हे बधाई दी और कहा जिन साहब की वजह से यह मौका मिला उनका सम्मान का ध्यान रखना. अपने साथियों की इस सलाह पर चलते हुए यह साहब अब प्रभू की आराधना करते हुए सीएम ऑफिस के अपने हमदर्द साथी के हर निर्देश को मान रहे हैं. कुल मिलाकर जीवन कुशलता से चलाने लगा तो अब साहब का मन सरकारी फैसलों को निपटते हुए आध्यात्म की तरफ तेजी से बढ़ चला है.
आध्यात्म तरफ उनका रुख बीते लोकसभा चुनावों के बाद महत्वहीन पद पर तैनाती पाने के बाद हुआ था, पर अब उससे उनका नाता बहुत गहरे तक जुड़ चुका है. अब तो आलम यह है कि सरकार की कोई मीटिंग हो या फिर कोई आयोजन साहब को मौका मिलते ही उनका आध्यात्मिक ज्ञान बाहर आने लगा है। विभागीय मंत्री ही मौजूदगी में भी साहब के निर्देश और प्रक्रिया से अधिक संदर्भ आध्यात्मिक ग्रंथों से आते हैं. मंत्री महोदय तो अपने प्रमुख सचिव की इस प्रतिभा परिचित हो गए है, इसलिए वह अपने प्रमुख सचिव के आध्यात्मिक ज्ञान के प्रवचन के बीच में विभागीय आदेश जारी करा लेते हैं. लेकिन बीते दिनों इस साहब की विशिष्टता से प्रदेश के मुखिया यानी की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अवगत हो गए.
हुआ यह है कि सूबे के कुछ धार्मिक शहरों में यातायात के प्राचीन मार्गों को नया रूप देने की संभावनाओं को लेकर बैठक थी. तो इस बैठक में साहब का आध्यात्मिक ज्ञान का बाढ़ टूट गया. और साहब ने भगवत गीता से लेकर रामचरित मानस का जिक्र करते हुए में सूबे के धार्मिक शहरों में प्राचीन परिक्रमा मार्ग कैसे हो। इन पर गुजरने वाले श्रद्धालुओं को क्या क्या सुविधाएं पहले उपलब्ध कराई जानी चाहिए? इसे लेकर साहब ने जो आध्यात्मिक खाका खींचा तो सूबे के मुखिया से उन्हे विषय पर रहने की सलाह दे डाली. फिर बोले आप अपनी प्रतिभा का और बेहतर उपयोग करने, ताकि सूबे की युवा आईएएस भी आपकी तरह आध्यात्मिक ज्ञान की बारे में चर्चा करने में सक्षम हो. साहब को यह सलाह देते हुए सूबे के मुखिया ने नियुक्ति विभाग के मुखिया को कहा कि इनको आईएएस के एक दो बैच आलाट कर दीजिए ताकि उनका भी भला हो जाये और इनके ज्ञान का भी व्यापक उपयोग हो जाएगा.
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