परेशान एमपी ट्रैफिक पुलिस को मिल रही बिन मांगी मदद
- Pallavi Priya
- Published on 20 Jun 2023, 12:14 pm IST
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हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड के कर्मचारी भी इन दिनों ट्रैफिक रूल्स को लेकर फैला रहे हैं जागरुकता
- हर दिन कर्मचारी घंटे भर से अधिक समय तक पुलिस की मदद करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर रहते हैं
- एमपीबीएसई की एडिशनल सेक्रेटरी शीला दाहिमा की पहल ला रही रंग
एक अच्छे कारण के लिए दो अलग-अलग सरकारी विभागों को एक साथ काम करते देखना वास्तव में एक सुखद दृश्य है। जब मध्य प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड ने जागरूकता पैदा करने में ट्रैफिक पुलिस की मदद करने के लिए कदम बढ़ाया, तो उनके इस कदम ने सरकारी विभागों के बीच क्रॉस डिपार्टमेंट सहयोग का एक बड़ा उदाहरण पेश किया। इसका पूरा श्रेय मध्य प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (एमपीबीएसई) की एडिशनल सेक्रेटरी शीला दाहिमा को जाता है।
वह कवयित्री और लेखिका भी हैं और जो लगातार छात्रों के लिए ‘बातें काम की’ जैसी एजुकेशनल वीडियो बनाती हैं। इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए आईएएस अधिकारी ने बताया कि वह भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र की ‘यातायात मित्र’ जैसी पहल से प्रभावित हुई थीं और इसमें योगदान देना चाहती थीं।
लोगों को कर रहीं प्रेरितः
सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती है और कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। यह सरकार और जनता के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए दाहिमा ने कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जो इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को कम कर सके। पुलिस कमिश्नर ने जब यातायात मित्र नाम की पहल की घोषणा की, तो उन्होंने खुद को इस नेक काम का हिस्सा बनाने का विचार किया। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ बैठक की। अपने विचार जाहिर किए। कई लोग उनसे सहमत हुए और 50 से अधिक ने स्वेच्छा से मदद की।
दाहिमा कहती हैं, ‘हमारी टीम सामान्य रूटीन ही फॉलो करती है, लेकिन मैं हमेशा मानती हूं कि हर व्यक्ति में बहुत अधिक क्षमता होती है। केवल आवश्यकता है कुछ प्रेरणा और एक सही मार्ग की।’
वह अपनी टीम के सदस्यों के साथ अब ट्रैफिक नियमों, हेलमेट और ओवर स्पीडिंग के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर एक घंटे से अधिक समय बिताने की कोशिश करती हैं। उन्होंने यातायात मित्र अभियान के दो सदस्यों के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। समूह में वे उस समय और स्थान को चुनने के बारे में सहयोग करती हैं, जहां टीम किसी विशेष दिन का दौरा करेगी।
बढ़ा रहे कदमः
पुलिस विभाग ने भी दाहिमा के इस प्रयास की सराहना की है और पुलिस कमिश्नर ने टीम के विभिन्न सदस्यों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया है। अभी तक एमपीबीएसई की टीम जागरूकता पर ध्यान दे रही है। जल्द ही वे यातायात विभाग के साथ एक और बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में चर्चा की जाएगी कि वे कैसे इसे आगे बढ़ा सकते हैं, क्या वे कदम बढ़ा सकते हैं और यातायात नियंत्रण और अन्य चीजों में मदद कर सकते हैं।
स्कूली बच्चों को कर रहे शामिलः
दाहिमा इस जागरूकता अभियान में बच्चों को भी शामिल करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र लिखकर ट्रैफिक रूल्स के लिए जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चों, शिक्षकों और स्कूल बस ड्राइवरों को शामिल करने का सुझाव दिया है। अगर सहमति मिल जाती है, तो जल्द ही स्कूली बच्चे अपने शिक्षकों के साथ बिजी सड़कों पर ट्रैफिक को आसान बनाने में मदद करते नजर आएंगे।
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