यूपीएससी की तैयारी: स्मार्टफोन या बिना स्मार्टफोन?
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 18 Oct 2021, 3:48 pm IST
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हाइलाइट्स
- यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए स्मार्टफोन किस हद तक मदद करता है?
- एक आईपीएस अधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से इस पर अपने विचार व्यक्त किए जाने के बाद, यह एक बड़ी बहस का मुद्दा बन गया।
क्या यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए स्मार्टफोन एक ऐसा अत्याधुनिक उपकरण है, जो उनकी परीक्षा की तैयारी में मदद के लिए एक अमूल्य सहयोगी है या उनके लिए विचलन (डिस्ट्रैक्शन) का एक बड़ा साधन मात्र है? वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा दूसरी बात से इत्तफाक रखते हैं। और इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि भावी सिविल सेवकों को उनकी यह सलाह, कि स्मार्टफोन को छोड़कर 5310 मॉडल जैसे पुराने नोकिया फीचर फोन को चुनें, छात्रों के सोचने के तरीके को बदल सकती है और उनके लिए कई समस्याएं भी खड़ी कर सकती है।
इंडियन मास्टरमाइंड्स की टीम ने यह जानने की कोशिश की कि छात्र समग्र रूप में, बोथरा के इस सुझाव को कैसे ले रहे हैं? इसके लिए हमने कुछ यूपीएससी परीक्षार्थियों के साथ बात की। साथ ही हमने एक यूपीएससी की कोचिंग सेंटर के मालिकों की ओर भी अपना रुख किया। और जैसा कि उम्मीद थी, छात्र बोथरा की सलाह के कमोबेश दोनों तरफ बराबर बंटे हुए नजर आए।
विरोधी विचार
स्मार्टफोन को बहुत सी चीजों के लिए वास्तविक उत्तरदायी मानने वाले उम्मीदवारों में गौरव सिंह काफी मुखर हैं। उन्होंने कहा, “मैंने खुद अपना स्मार्टफोन छोड़ दिया और नोकिया 5310 ले लिया, जिससे कि एकाग्रचित हो सकूं। स्मार्टफोन के साथ मैं अपना ज्यादातर समय सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफार्मों पर बिताता था। मेरे लिए स्मार्टफोन बहुत ध्यान भटकाने वाली चीज थी और इसीलिए मैंने इसे छोड़ दिया।”
दूसरी ओर, हमारे साथ एक ऐसी यूपीएससी उम्मीदवार हैं जो इससे इतर सोचती हैं। वर्णिका अग्रवाल को लगता है कि उन्हें स्मार्टफोन से बहुत मदद मिलती है। उनके अनुसार, “मेरे लिए स्मार्टफोन बहुत उपयोगी है क्योंकि मैं रिमाइंडर सेट कर सकती हूं, विभिन्न यूट्यूब चैनलों के नोटिफिकेसंस ऑन कर यूपीएससी और परीक्षा चैनल के नवीनतम वीडियो का अध्ययन कर सकती हूं। साथ ही, स्मार्टफोन के माध्यम से ट्विटर भी चला सकती हूं जो कि सूचना का एक अच्छा स्रोत है। अपने स्मार्टफोन में, मैं किताबें, ई-पेपर, वीडियो पढ़ सकती हूं और अपने दिमाग को शांत रखने के लिए संगीत भी सुन सकती हूं।”
वास्तव में, आईपीएस अधिकारी की सलाह मानने और न मानने वाले लगभग समान रूप से आपस में बंटे हुए हैं।
एक कोचिंग सेंटर्स का विचार
हमने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक आईएएस कोचिंग सेंटर ‘कैरियर लॉन्चर’ चलाने वाले विशाल के साथ भी चर्चा की।
वह एक बीच के रास्ते को निकालते हुए कहते हैं, “यह छात्रों पर निर्भर करता है कि वे अपनी पढ़ाई के लिए कितने गंभीर हैं। कुछ छात्रों के लिए स्मार्टफोन अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए एकमात्र संसाधन हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि स्मार्टफोन आपका ध्यान भंग कर रहे हैं और आप फोकस्ड नहीं हो पा रहे हैं तो आपको उसे छोड़ देना चाहिए।”
ऐसे कई लोग हैं जो यह महसूस करते हैं कि आज के समय में स्मार्टफोन एक आवश्यकता बन गए हैं। उन्होंने कहा कि हम एक डिजिटल युग में रहते हैं जिसमें स्मार्टफोन के उपयोग की सीमा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
थोड़ी और गहरी जानकारी हासिल करने के लिए, हमारी इंडियन मास्टरमाइंड्स की टीम कई और उम्मीदवारों के पास पहुंची। दुनिया भर की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल यूपीएससी-2019 परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों में से एक ने हमें बताया कि अपने स्मार्टफोन की मदद के बिना शायद वो ये सफलता हासिल नहीं कर पाते।
उन्होंने कहा, “मुझे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी नौकरी में भी संतुलन बिठाना था। मुझे लंबे समय तक काम करना होता था और ब्रेक के बीच में ही मैं अपने फोन से पढ़ाई करता था। यह बहुत बड़ी मदद थी और जल्दी सीखने का एक तात्कालिक रूप भी।”
दूसरी ओर, कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने बोथरा के सफलता मंत्र का समर्थन किया। उनमें से एक ने कहा, “जबर्दस्त सलाह! इससे आधी समस्या अपने आप हल हो जाएगी।”
लेकिन कई अन्य ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने इस विचार से असहमत होते हुए कहा कि आज के युग में स्मार्टफोन एक जरूरत बन गए हैं। हम एक ऐसे डिजिटल युग में रहते हैं, जहां उनके उपयोग को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
कई उम्मीदवार बताते हैं कि स्मार्टफोन पोर्टेबल (आसानी से कहीं भी ले जाने लायक) कंप्यूटर की तरह होते हैं, जिसके जरिए आप ऐसे ऐप्स और वेबसाइट एक्सेस कर सकते हैं जो आपकी सीखने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करते हैं। हालांकि स्मार्टफोन के कुछ नकारात्मक पहलू हो सकते हैं जो किसी छात्र की एकाग्रता में बाधा उत्पन्न करते हैं और उन्हें पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, अनएकेडमी (Unacademy) और म्रूनाल (Mrunal) जैसी कई वेबसाइटें सभी उम्मीदवारों को बहुत सा कंटेन्ट, लेक्चर और कोचिंग मुफ्त प्रदान करती हैं। ये उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद हैं जो किताबें नहीं खरीद सकते हैं और इंटरनेट के जरिए ही पढ़ाई करना पसंद करते हैं। यहां तक कि सोशल मीडिया पोर्टल्स, विशेष रूप से ट्विटर, अगर सही तरीके से उपयोग किया जाता है तो सीखने की प्रक्रिया को काफी बढ़ावा मिल सकता है।
अपने बेहतर निर्णय का उपयोग करना
यूपीएससी परीक्षा को पास करना एक आसान उपलब्धि नहीं है। सिविल सेवा के इच्छुक अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। हालांकि कड़ी मेहनत निश्चित रूप से सफल होती है, लेकिन सही तरीके से कड़ी मेहनत करना और भी महत्वपूर्ण है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि जो लोग पहले से ही सिविल सेवाओं में काम करने का अपना सपना पूरा कर चुके हैं, उनके सफलता के मंत्र की तरफ ध्यान देना और उसे अपनाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। वर्तमान में काम कर रहे आईएएस और आईपीएस की सलाह, उनकी सफलता की कहानियों के साथ, छात्रों को सही दिशा में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
लेकिन क्या करें अगर किसी को दो अलग और विरोधाभासी सुझाव एक साथ मिलें? फिर यह एक ऐसी चीज है, जिसका जवाब केवल एक छात्र ही दे सकता है, और यह उन छात्रों के बेहतर निर्णय पर छोड़ देना चाहिए…।
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