मिलें IRAS के आइरनमेन से, जानें उनकी फिटनेस का राज
- Muskan Khandelwal
- Published on 22 Jul 2023, 2:41 am IST
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हाइलाइट्स
- आईआरएएस अधिकारी राहुल पाटिल और श्रेयस होसुर ने कजाकिस्तान के अस्ताना में क्रमशः आयरनमैन 70.3 और 140.6 पूरा किया
- पाटिल अब पूर्ण आयरनमैन की तैयारी कर रहे हैं और कॉमरेड मैराथन के लिए भी हैं इच्छुक
- दोनों अधिकारियों को कजाकिस्तान इवेंट के लिए कड़ी मेहनत और सावधानी के साथ करनी पड़ी तैयारी
इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस (आईआरएएस) के अधिकारी राहुल पाटिल और श्रेयस होसुर ने कजाकिस्तान के अस्ताना में हुए प्रतिष्ठित आयरनमैन ट्रायथलॉन कार्यक्रम में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। 2012 बैच के आईआरएएस अधिकारी राहुल पाटिल इस समय पुणे में सीनियर डिविजनल फाइनेंस मैनेजर (डीएफएम) हैं। उन्होंने आयरनमैन 70.3 इवेंट को सफलतापूर्वक पूरा करके अपने मजबूत इरादे और कमिटमेंट का प्रदर्शन किया है। प्रतियोगिता में 1.9 किलोमीटर की कठिन तैराकी, 90 किलोमीटर की बाइक की सवारी और 21.1 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण दौड़ शामिल थी। इसमें श्री पाटिल ने 6 घंटे और 59 मिनट के प्रभावशाली समय के साथ फिनिश लाइन पार की।फिटनेस फंडा
श्री पाटिल की आयरनमैन की यात्रा पांच साल पहले फिट होने और वजन कम करने की इच्छा साथ शुरू हुई। खुद को खाने का शौकीन बताते हुए संतुलित आहार बनाए रखने की चुनौतियों से जूझते हुए उन्होंने शुरुआत में साइकिल चलाना शुरू किया। बाद में दौड़ने और तैराकी में भी कदम रखा। लगातार प्रगति और समर्पण ने उन्हें अक्टूबर 2022 में कोल्हापुर में अपने पहले आयरनमैन कार्यक्रम तक पहुंचाया, जहां उन्होंने 8 घंटे में दौड़ पूरी की।वहां से इंटरनेशनल आयरनमैन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के उनके सपने ने उड़ान भरी, जिसका अंत अस्ताना में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि में हुआ। उन्होंने बताया, “तब मैं बारामती स्पोर्ट्स फाउंडेशन (बीएसएफ) के संपर्क में आया, जहां कोच खुद तीन बार आयरनमैन रह चुके हैं। उन्होंने पर्सनल कोच शिव स्पिरिट के साथ मिलकर हमें अस्ताना कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बहुत प्रेरित किया।”
उन्होंने आगे कहा कि वह इस उपलब्धि को हासिल करने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने से रोमांचित हैं। भारतीय झंडे को अंतिम रेखा तक ले जाकर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। श्री पाटिल का लक्ष्य जून 2024 में दक्षिण अफ्रीका में कॉमरेड्स मैराथन में भाग लेने के अलावा अगले साल ही एक फुल आयरनमैन इवेंट और अन्य अल्ट्रा मैराथन के लिए प्रयास करना है।
नौकरी और ट्रेनिंग में तालमेल
अधिकारी और उनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं। उनके दो बच्चे हैं। इसलिए टाइम मैनेजमेंट महत्वपूर्ण था। नौकरी और ट्रेनिंग में तालमेल बनाने के लिए श्री पाटिल ने दौड़ने और साइकिल चलाने के लिए सुबह का समय तय किया, जबकि तैराकी को शाम में रखा। उन्होंने कहा, ”परिवार के समर्थन और मेरे मजबूत इरादे के कारण सब कुछ अच्छा हुआ।” उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरी तरह से लागू करने की कोशिश की, लेकिन लगभग 80-90% कार्यक्रम का ही पालन कर सके। वह कहते हैं, “फिर भी मैं अपने नतीजे से संतुष्ट हूं। हालांकि मैं और बेहतर कर सकता था। लेकिन, नौकरी को देखते हुए मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।”श्री पाटिल की इतनी प्रभावशाली उपलब्धि देखकर उनके सहकर्मी काफी प्रेरित हैं। वे अब चाहते हैं कि श्री पाटिल उन्हें फिटनेस और धैर्य वाले खेलों के लिए तैयार करें।
फुल आयरनमैन
इस बीच, 2011 बैच के आईआरएएस अधिकारी श्रेयस होसुर ने अस्ताना में अधिक चुनौतीपूर्ण आयरनमैन 140.6 इवेंट को पूरा करते हुए खुद को फिनिश लाइन तक पहुंचाया था। इस प्रतियोगिता में 3.8 किमी की कठिन तैराकी, 180 किमी की कठिन बाइक सवारी और 42.2 किमी की दौड़ शामिल थी। खेल के प्रति श्री होसुर का समर्पण और जुनून रंग लाया और उन्होंने 15 घंटे और 35 मिनट के प्रभावशाली समय में कठिन दौड़ पूरी की।श्री होसुर ने खेल के प्रति अपने कमिटमेंट के साथ-साथ अपने सिविल सेवा कार्य के प्रति अपने जुनून पर जोर देते हुए कहा, “मैं वास्तव में मानता हूं कि काम पहले आता है। यह उपलब्धि तो मेरे मनोरंजन और चैलेंज के लिए पर्सनल थी।” आयोजन से एक दिन पहले खराब मौसम के बावजूद श्री होसुर की कभी न हार मानने वाली भावना ने उन्हें फिनिश लाइन तक पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि इसमें बहुत मेहनत लगती है और लोग आमतौर पर शारीरिक सहनशक्ति या समय को देखते हैं, लेकिन उपलब्धि के पीछे 1300 या 1400 घंटे के प्रशिक्षण को नहीं देखते हैं। श्री होसुर ने कहा, “ऐसा करने के लिए पूरे परिवार का साथ मिला।”
खास बात
आईआरएएस अधिकारी पाटिल की सराहना करते हुए श्री होसुर ने कहा कि पाटिल ने न केवल अपनी दौड़ पूरी की, बल्कि फुल आयरनमैन पूरी करने वाले साथी एथलीटों का समर्थन करने के लिए वहीं रुककर सच्ची खेल भावना का प्रदर्शन भी किया।श्री होसुर ने कहा, “वह अपनी दौड़ पूरी करने के बाद बिना किसी से सवाल किए आसानी से निकल सकते थे। इसके बजाय, उन्होंने मेरे सहित अपने साथी एथलीटों को प्रेरित करने और उनका हौसला बढ़ाने का फैसला किया।”
उनके व्यक्तिगत प्रयासों के अलावा श्री पाटिल की पत्नी दिव्या, जो एक सिविल सेवक और आईडीएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी कठिन नौकरी के बावजूद वह मजबूती से उनके साथ खड़ी रहीं। यह सुनिश्चित करते हुए कि वह आयरनमैन चुनौती से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। आभार जताते हुए उन्होंने कहा, “मैं उसके बिना यह पूरा नहीं कर पाता।”अस्ताना आयरनमैन इवेंट में दोनों अधिकारियों की सफलता उनके सहयोगियों और जनता के लिए प्रेरणा का काम करती है।
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