यूपीएससी , यूपीएससी की कहानियां
क्रिकेटर कार्तिक अब जमा रहे हैं मेहनती आईपीएस अधिकारी के रूप में रंग
- Muskan Khandelwal
- Published on 17 Jul 2023, 11:45 am IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
- UPSC-CSE 2019 2019 में कार्तिक मधिरा लाए थे AIR 103
- वह पहले थे क्रिकेटर, उन्होंने अंडर-13, 15, 17, 19 और यूनिवर्सिटी लेवल पर खेला है
- वह अब भी खेल का आनंद लेते हैं, और समय-समय पर साथियों के साथ उतर जाते हैं मैदान में
कार्तिक मधिरा क्रिकेट में एक लंबी पारी खेलने के बाद आईपीएस अधिकारी बने हैं। विभिन्न स्तरों पर क्रिकेट खेल चुके वह इस समय लोनावला में एएसपी हैं। वह अपनी सर्विस के नए क्षेत्र में वही समर्पण और कड़ी मेहनत दिखा रहे हैं, जो उन्होंने अपने क्रिकेट मैचों में दिखाई थी।हैदराबाद के रहने वाले और जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जेएनटीयू) से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले श्री कार्तिक का भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) तक का रास्ता सामान्य नहीं था।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बात करते हुए इस युवा आईपीएस अधिकारी ने अपनी यात्रा के बारे में काफी कुछ बताया।
क्रिकेट का जुनून
बहुत कम उम्र से श्री कार्तिक ने विभिन्न एज लेवल पर खेलना शुरू कर दिया था। वह अंडर-13, 15, 17 और 19 के अलावा अपनी यूनिवर्सिटी क्रिकेट टीम से भी खेला। लेकिन चोट और कुछ निजी कारणों ने उन्हें क्रिकेट के बजाय किसी और क्षेत्र में करियर बनाने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने 6 महीने तक काम किया। मैंने डेलॉइट में काम किया, लेकिन जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि ये दिल मांगे मोर। फिर मैंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी।”
तीन बार फेल
शुरुआती विफलताओं का सामना करने के बावजूद श्री कार्तिक डिगे नहीं। पहली तीन कोशिश में वह पास नहीं कर सके। फिर भी अपनी तैयारी जारी रखी। खासकर अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी कभी नहीं छोड़ी। अलग-अलग राउंड के लिए कंपार्टमेंटलाइज करने के बजाय निरंतर तैयारी में उनका विश्वास चौथे प्रयास में सफल रहा। इस तरह उन्होंने 2019 में AIR 103 के साथ न केवल प्रीलिम्स बल्कि मेन्स और इंटरव्यू भी पास किया।
उन्होंने कहा, “मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं टुकड़ों में तैयारी न करूं। अधिकांश लोग प्रीलिम्स और अन्य राउंड को अलग-अलग रखने की गलती करते हैं।”
बन ही गए आईपीएस अधिकारी
कामयाबी और आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान हुए अहसास और अपनेपन की भावना ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस सेवा में करियर बनाने का उनका निर्णय सही था। उन्होंने कहा, “पुलिसिंग में अनुशासन, रूटीन और काम की विविधता ने मुझे प्रभावित किया। इसलिए मैंने आगे और प्रयास नहीं करने का फैसला किया।”
तैयारी
उनकी तैयारी की रणनीति पर आधारित थी। वह पढ़ाई में लगातार अपना फोकस बनाए रखा। उन्होंने लगातार रिवीजन पर जोर दिया। प्रीलिम्स और मेन्स दोनों के लिए कई टेस्ट सीरीज हल कीं। साथ ही अपने जवाब लिखने के तरीके को निखारा।इंटरव्यू राउंड की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने व्यक्तित्व पर काम करने के लिए काफी समय दिया। नियमित रूप से मॉक इंटरव्यू और परिवार के सदस्यों के अलावा अनुभवी नौकरशाहों के साथ चर्चा करते रहे।
खेल से प्रेम
क्रिकेट से सिविल सेवा में आने के बावजूद श्री कार्तिक ने खेल के प्रति अपने प्यार को कभी कम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, “मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि मुझे क्रिकेट में बने रहना चाहिए था। लेकिन यह सर्विस मुझे बहुत संतुष्टि देती है। जब भी मौका मिलता है मैं अपने साथियों के साथ क्रिकेट खेलता रहता हूं। शौकिया ही सही, लेकिन यह बहुत संतोषजनक है।”पॉजिटिविटी, अनुशासन, फोकस और नेतृत्व गुणों जैसे खेल के मूल्यों ने न केवल उनके क्रिकेटिंग करियर को आकार दिया था, बल्कि पुलिसिंग के क्षेत्र में भी उनकी मदद कर रहा है। जहां वह समाज की सेवा के लिए लोगों को एक साथ लाने में अपनी भूमिका देखते हैं।
सलाह
श्री कार्तिक की प्रेरक यात्रा कैंडिडेट्स को सबक देती है कि दृढ़ता और समर्पण किसी भी विफलता को दूर कर सकता है। उन्होंने कहा, “अपनी ताकत और कमजोरियों पर ध्यान दें और सफलता की ओर निरंतर यात्रा पर बने रहें।”एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर से समर्पित आईपीएस अधिकारी बने कार्तिक मधिरा की सफलता किसी के सपनों को पाने की जिद, जुनून और कुछ पाने की लालसा की ताकत को दिखाता है।
END OF THE ARTICLE