यूपीएससी , यूपीएससी की कहानियां
एक बार भी यूपीएससी पास करना मुश्किल होता है, लेकिन इस आईपीएस अधिकारी ने इसे 4 बार आसानी से पास किया!
- Pallavi Priya
- Published on 11 Jul 2023, 10:52 am IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
- अमृत जैन ने 2018, 2019, 2020 और 2021 में यूपीएससी सीएसई पास की
- हालांकि उन्हें हर बार काफी अच्छी रैंक मिली, फिर भी आईएएस से बनी ही रह गई दूरी
- 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी इस समय यूपी में एएसपी के रूप में ले रहे हैं ट्रेनिंग
यूपीएससी सीएसई पास करना कई लोगों के लिए सपना ही रह जाता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इसे कई-कई बार पास कर दिखाते हैं। हमें आश्चर्य हो सकता है कि वे ऐसा कैसे और क्यों करते हैं। तो आइए, यह सब जानें ऐसे ही एक वंडर बॉय अमृत जैन से। उन्होंने यह परीक्षा एक या दो बार नहीं, बल्कि लगातार चार बार पास की! वह अब एक आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एएसपी (ट्रेनिंग) के रूप में कार्यरत हैं।उन्होंने यूपीएससी के लिए पहला गंभीर प्रयास 2017 में किया। तब केवल 0.66 मार्क्स के अंतर से प्रीलिम्स में रह गए। यहां से उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने यूपीएससी के लिए 2018, 2019, 2020 और 2021 में लगातार परीक्षाएं दीं। 2018 में वह रिजर्व लिस्ट में आए और उन्हें डिफेंस अकाउंट सर्विस मिली। लेकिन 2019, 2020 और 2021 में उन्होंने क्रमशः AIR 321, AIR 96 और AIR 179 हासिल किया। इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अब एहसास हुआ है कि उनकी उपलब्धि बहुत सामान्य नहीं है। लेकिन, जब वह उस फेज में थे, तब उन्होंने इसे इस तरह से नहीं देखा था। थोड़े सुधार के साथ वह बस वही काम करते रहे।
सिर्फ प्रीलिम्स पर नहीं रुके
एनआईटी वारंगल और चेक टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने हैदराबाद में एसईसी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में उच्च वेतन वाली नौकरी की। सब कुछ ठीक चल रहा था। तभी उन्होंने UPSC CSE के लिए प्रयास करने का फैसला किया। उन्होंने खुद के लिए केवल दो गंभीर प्रयास करने के मौक तय किए। बहुत ही साधारण बैकग्राउंड से आने के कारण वह अधिक खर्च नहीं कर सकते थे। पीछे मुड़कर देखते हुए उन्होंने कहा, “2016 में मैंने पहली बार परीक्षा बिना ज्यादा तैयारी और अति आत्मविश्वास में दी थी। मैं ऐसी सोच में था कि यह सब क्या है (हंसते हुए), बस मल्टीपल च्वॉइस वाले सवाल हैं, जो मैं बचपन से करता आ रहा हूं। फिर 2017 में मैंने पूरी तैयारी की, लेकिन एक मार्क्स से भी कम से चूक गया।
तभी उन्होंने तय किया कि मंजिल के करीब जाकर ही नहीं रुकना है। फिर वह कटऑफ से काफी आगे रहने के लक्ष्य के साथ पूरी ताकत से मैदान में उतरे। वह कहते हैं, “मैं 130 से अधिक स्कोर करना चाहता था। ” और, वही हुआ! उसके बाद अपने सभी प्रयासों में उन्होंने प्रीलिम्स में 134-137 के बीच स्कोर किया।
बिना किसी कोचिंग की तैयारी
उन्होंने अपनी सारी तैयारी जयपुर से की और कोचिंग की कोई मदद नहीं ली। जब वह बहुत मामूली अंतर से प्रीलिम्स से चूक गए, तो उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी। उन्होंने कहा, “मैंने स्टैटिक पोर्शन के लिए कई सोर्सों से सलाह लेनी शुरू कर दी। यह असामान्य है, लेकिन इसने मेरे लिए काम किया। यूपीएससी सीएसई लगातार अपना पैटर्न बदल रहा है, और इसके लिए व्यक्ति को पूरी तरह से चौकस और सूचित रहने की जरूरत है।इसके अलावा उन्होंने एक से डेढ़ घंटे की समय सीमा में 140 मॉक टेस्ट दिए। इससे उन्हें परीक्षा हॉल में बढ़त मिली। ऐसी प्रैक्टिस के कारण वह प्रश्नों को कम से कम तीन बार पढ़ सके। उन्होंने बताया, “मैं शांत और संयमित था। साथ ही, मेरे पास समय था। प्रश्न को कई बार पढ़ने से अनुमान लगाने की क्षमता में मुझे मदद मिली।”
ऑप्शनल चुनना
वैसे वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में ले सकते थे, लेकिन उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशंस को चुना। अंतरराष्ट्रीय समाचारों में उनकी रुचि हमेशा से थी, लेकिन इस विषय को चुनना समझदारी वाला फैसला था। उन्होंने समझाया, “10वीं के बाद सोशल साइंस पढ़ने में मजा नहीं था। मैं उस विषय को सिर्फ इसलिए नहीं पढ़ना चाहता था, क्योंकि सिलेबस का प्रमुख हिस्सा ह्यूमैनिटी है। दरअसल यह हमारे काम से संबंधित है। जब हम चीजों के बारे में तकनीकी तरीके से सोचते हैं, तो हम ऑब्जेक्टिव होते हैं। लेकिन इस काम के लिए हमें एक होलिस्टिक अप्रोच की आवश्यकता है।”
आईएएस न बनने का नहीं कोई मलाल
हालांकि उन्होंने सीएसई को चार बार काफी अच्छे रैंक के साथ पास किया। फिर भी उन्हें आईएएस नहीं मिल सका, जो उनका सपना था। उन्हें इसका अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा, “सीएसई की तैयारी करने वाले हर किसी के लिए आईएएस एक सपना होता है, लेकिन हर किसी को यह हासिल नहीं होता है। आईडीएएस में काम करने से मुझे भारत के डिफेंस और स्ट्रैटेजिक सेक्टर में योगदान करने के दिलचस्प अवसर मिले। इसी तरह आईपीएस में रहते हुए समाज में विभिन्न अपराधों का पता लगाना और उनकी रोकथाम करना आपको संतुष्टि से भर देता है।” उन्होंने हाल ही में उस टीम का नेतृत्व किया, जिसने पूरे भारत में चेक धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है।सर्विस के रूप में आईएएस से महज कुछ अंकों से चूक जाने पर वह कहते हैं कि चाहे रैंक हो, सर्विस हो या कैडर हो-असंतोष का कोई अंत नहीं है। व्यक्ति को समाज में जो भी भूमिका सौंपी गई है, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना चाहिए। इसे अपने शौक और पारिवारिक जीवन से समृद्ध करना चाहिए। उन्होंने संक्षेप में कहा, कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में प्रभाव डाल सकता है। अंत में जीवन के प्रति दृष्टिकोण ही मायने रखता है।
END OF THE ARTICLE