Exclusive: मिलिए जम्मू-कश्मीर के यूपीएससी टॉपर वसीम अहमद भट्ट से
- Indian Masterminds Bureau
- Published on 25 May 2023, 4:16 pm IST
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हाइलाइट्स
- भट्ट ने लगातार दूसरी बार यूपीएससी-सीएसई पास की है, अभी आईआरएस अधिकारी की ट्रेनिंग ले रहे हैं
- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दुरु शाहबाद के रहने वाले भट्ट ने 2021 की यूपीएससी सीएसई में हासिल की थी 221वीं रैंक
- सफलता के लिए कहा-सटीक फोकस से लक्ष्य साधा जा सकता है
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले वसीम अहमद भट्ट संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई), 2022 में सातवीं रैंक हासिल कर मिसाल बन गए हैं।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दुर्गम इलाके दुरु शाहबाद के निवासी भट्ट ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया है। वर्ष 2021 में इसी कठिन परीक्षा में 225वीं रैंक हासिल करने और वर्तमान में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी के लिए प्रशिक्षण पाने के बाद भी भट्ट का मानना है कि शिक्षा राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण औजार है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास क्षेत्रों में योगदान करने की बात करने वाले भट्ट ने इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ खास बातचीत में व्यक्तिगत परामर्श के महत्व और अपने लक्ष्यों का पीछा करते समय एक स्पष्ट दिशा की आवश्यकता पर जोर दिया।
शिक्षा है महत्वपूर्ण
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), श्रीनगर से बी.टेक करने वाले भट्ट सिविल सेवा क्षेत्र में काम करने के संभावित प्रभाव को पहचानते हैं। खास कर शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास से संबंधित क्षेत्रों में उनकी अच्छी समझ है। इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके उनका उद्देश्य देश की वृद्धि और विकास में सार्थक योगदान देना है। वह कहते हैं, ‘शिक्षा समाज को बदलने और प्रगति के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।’
चुनौती
भट्ट ने सीएसई के लिए अपने वैकल्पिक विषय के रूप में मानव विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी) को चुना था। वह इस लंबी परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी विशाल चुनौतियों को स्वीकार करते हैं।
भट्ट कहते हैं, ‘सिविल सेवा परीक्षा को दरअसल सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। विभिन्न चरणों को पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों को करीब एक साल तक इंतजार करना पड़ता है। यह भावनात्मक रूप से असाधारण हो सकता है।’
विज्ञान कथा को लेकर उत्साहित रहने वाले भट्ट किसी सलाह या मार्गदर्शन के मोहताज नहीं थे। वह अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। वह कहते हैं, ‘दृढ़ संकल्प और स्पष्ट लक्ष्य किसी भी चुनौती को दूर करने में मदद कर सकता है।’
व्यक्तिगत सलाह
सोशल मीडिया से काफी सलाह मिल जाती है, लेकिन वसीम भट तैयारी के दौरान व्यक्तिगत सलाह के महत्व पर जोर देते हैं। श्रीनगर छोड़ने के बाद दिल्ली जब वह आए, तो यहां के अनुभव ने उन्हें स्पष्टता प्रदान की। पर्याप्त मार्गदर्शन प्राप्त करने में भी सक्षम बनाया।
व्यक्तिगत सलाहकारों की आवश्यकता को भी वसीम स्वीकार करते हैं। साथ ही वसीम भावी नौकरशाहों को अनुभवी व्यक्तियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो व्यक्तिगत समर्थन और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।
बाधाओं को पार किया
स्पष्टता बनाने और लक्ष्यों को जल्दी निर्धारित करने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि 20 साल की उम्र में सिविल सेवा की तैयारी करने की इच्छा रखने वाले को यह समझना चाहिए कि लक्ष्य हासिल करने के लिए स्पष्ट रास्ता अपनाना होगा। समय देना ही होगा।
भट्ट ने कहा, ‘योजनाबद्ध दृष्टिकोण के साथ अथक परिश्रम करने से व्यक्ति बाधाओं को दूर कर सकता है। अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकता है। कड़ी मेहनत ही सही दिशा में ले जाती है और यही सफलता पाने की प्रेरक शक्ति बन जाती है।’
मिसाल तय कर दी
भट्ट जम्मू-कश्मीर के उन 16 उम्मीदवारों में से एक हैं, जिन्होंने इस साल की यूपीएससी सीएसई में सफलता हासिल की है। अन्य अभ्यर्थियों में पुंछ से परसेनजीत कौर (देश भर में 11वां स्थान), नितिन सिंह (32), नवीद अहसान भट (84), अंबिका रैना (164), नवनीत सिंह (191), मनन भट्ट (231), अर्जुन गुप्ता (228), मनील बेजोत्रा ( 314), द्वारिका गांधी (505), इरफान चौधरी (476), अंजीत सिंह (565), अभिनंदन सिंह (749), निम्रांशु हंस (811), इरम चौधरी (852) और आदेश बसनोत्रा (888) हैं। इनमें से 13 जहां जम्मू के हैं, वहीं तीन कश्मीर से हैं।
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