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गोवा की सोमेया कुमारी का यूपीएससी में डबल धमाल
- Muskan Khandelwal
- Published on 20 Jul 2023, 11:03 am IST
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हाइलाइट्स
- AIR 72 केसाथ मिली इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में सफलता
- इससे पहले उन्होंने AIR 502 के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की थी
- उन्हें अभी भी सिविल सेवा और वनसेवा में से एक चुनना बाकी है
गोवाकी रहने वाली सेना के रिटायर अधिकारी की बेटी सोमेया कुमारी ने न केवल अपने चौथे प्रयास में AIR-502 के साथ बेहद कठिन सिविल सर्विसेज कीपरीक्षा में सफलता हासिल की है, बल्कि AIR 72 के साथ इंडियन फॉरेस्ट सर्विस भी क्लियर कर लियाहै।इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए सोमेया ने बताया कि कैसे वह इन दोनों परीक्षाओं कोपास करने में सफल रहीं।
एक साथ दो परीक्षाएं
शुरुआत में केवल सिविल सेवा परीक्षा पास करने पर ध्यान देने वाली सोमेया ने एम.टेक की पढ़ाई के पहले वर्ष के दौरान आईएफएस करने का निर्णय लिया। अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा पास नहीं करने के बावजूद उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे और 2020 में अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा के प्रीलिम्स और वन सेवा परीक्षा के प्रीलिम्स दोनों में सफल हो गईं। लेकिन एम.टेक की पढ़ाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने उस समय आईएफएस मेन्स परीक्षा में नहीं बैठने का फैसला किया।तीसरे प्रयास में सोमेया को निराशा का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाईं। उन्होंने निडर होकर चौथी बार भी परीक्षा में बैठीं और प्रीलिम्स निकाला।उन्होंने अबकी वन सेवा परीक्षा के लिए कटऑफ को पार कर लिया। सीएसई में अपने अवसरों को अधिकतम करने के महत्व को महसूस करते हुए सोमेया ने दोनों परीक्षाओं की प्रीलिम्स परीक्षा पास के बाद आईएफएस मेन्स की तैयारी करने का फैसला किया।
उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स को बताया, ‘सीएसई और आईएफएस की मुख्य परीक्षाओं के बीच दोमहीने के अंतराल के साथ मैंने प्रासंगिक किताबें, संसाधनऔर नोट्स इकट्ठा करने के लिए समय का उपयोग किया।’
तैयारी
वनसेवा परीक्षा में अपने ऑप्शनल विषयों के लिए सोमेया ने जियोलॉजी और फॉरेस्ट्री को चुना। सीमित समय और संसाधनों के साथ उन्होंने खुद से तैयारी करने का फैसला किया।इस अवसर के महत्व को पहचानते हुए उन्होंने अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी और अंततः 2022 की वन सेवा परीक्षा में भी पास हुईं।प्रीलिम्स पर लगाएं पूरा ध्यान
अपनी यात्रा पर चर्चा करते हुए सोमेया ने उम्मीदवारों को सीएसई के साथ-साथ भारतीय वनसेवा परीक्षा पर विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस परीक्षा और सेवा के संबंध में उम्मीदवारों के बीच सीमित जागरूकता को स्वीकार करते हुए केंद्रित तैयारी और ऑनलाइन संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करने के महत्व परजोर दिया।उन्होंने बताया कि असली कंपीटिशन शुरुआती दौर में है। इस राउंड को पार करने के लिए एक अच्छी रणनीति बनाने की जरूरत पड़ती है। दो ऑप्शनल विषयों की तैयारी की कठिनाई के बावजूद उन्होंने सही नजरिये के महत्व और ऑनलाइन संसाधनों सहित सीमित पाठ्यक्रम सामग्री केउपयोग पर जोर दिया।
सीएसई या आईएफएस?
सोमेया कुमारी को अभी तक अपने लिए सर्विस और कैडर नहीं मिला है, जो उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण निर्णय है। उन्होंने कहा कि अब दोनों सेवाओं के बीच चयन करना काफी मुश्किल है। वह दोनों सेवाओं में अपार करियर संभावनाओं को स्वीकार करती हैं और प्रोजेक्ट टाइगर और चीता पुनरुत्पादन जैसी वन्यजीव-संबंधी परियोजनाओं में भारत के सराहनीय प्रयासों को मान्यता देतीहैं। इसीलिए उनका मानना है कि उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते समय भारतीय वन सेवा को एक करियर विकल्प के रूप में गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि इससे सोने पर सुहागा हो जाता है।
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