जम्मू की प्रसनजीत की कहानी, जिन्होंने बगैर किसी कोचिंग के यूपीएससी सीएसई-2022 में हासिल की 11 वीं रैंक
- Bhakti Kothari
- Published on 29 May 2023, 3:38 pm IST
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हाइलाइट्स
- पहली बार में ही UPSC CSE में ले आईं 11वीं रैंक
- उनकी तमन्ना स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की है
- कहती हैं- कम भले पढ़ें, लेकिन रिवीजन अधिक जरूर करें
जम्मू का सीमावर्ती शहर पुंछ अक्सर आतंकी हमलों को लेकर सुर्खियों में रहता है। हालांकि यहां सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त हैं, फिर भी यहां गोलियों की तड़तड़ाहट कोई नई बात नहीं है। उसी पुंछ में 23 मई की दोपहर से 23 वर्षीय प्रसनजीत कौर की सफलता गूंज रही है।
प्रसनजीत ने न केवल इस साल जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा (JKAS) पास की है, बल्कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में 11वां स्थान लाकर टॉपरों की सूची में भी शामिल हो गई हैं। इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनकी इस खास उपलब्धि के बारे में अधिक जानकारी के लिए उनसे विशेष बातचीत की।
सपना पूरा हुआ
फार्मासिस्ट निर्मल सिंह और दर्शन कौर की बेटी प्रसनजीत कौर ने पुंछ के सरकारी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। स्थानीय सरकार की भूमिका और भारत में डिप्टी कमिश्नर की भूमिका पर अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने एक लेख पढ़ा था, जिसका उन पर गहरा असर पड़ा। जम्मू विश्वविद्यालय से साइंस में पीजी करने वाली कौर ने उसी वक्त ढान लिया था कि वह नौकरशाह जरूर बनेंगी। ऐसा कर अपने आसपास रहने वालों के जीवन में बदलाव लाएंगी।
वह सबसे पहले JKAS में 32वां स्थान लाईं और अभी उनकी ट्रेनिंग चल रही है। प्रसनजीत ने बगैर कोई कोचिंग किए जेकेएससी और यूपीएससी दोनों में बेहतर रैंक के साथ सफलता हासिल की है। आईएएस अधिकारी बनने का उनका सपना अब पूरा होने जा रहा है।
रिवीजन पर ध्यान दिया
उनकी तैयारी की तकनीक सीधी थी। कम पढ़ें, मगर रिवीजन अधिक करें। उन्होंने धार्मिक मंत्र भी पढ़े और तैयारी करने के लिए एनसीईआरटी और सामान्य मानक पुस्तकों के साथ-साथ करंट अफेयर्स की भी पढ़ाई की। उन्होंने कई बार अपने नोट्स का भी रिवीजन किया।
प्रसनजीत ने जीव विज्ञान (जूलॉजी) को अपना वैकल्पिक विषय चुना था, जो काफी चुनौतीपूर्ण भी था। वह इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहती हैं, ‘पढ़ने के लिए मेरे पास जूलॉजी की बहुत सारी सामग्री थी। इसलिए मैंने सोचा कि इस विषय को चुनने के लिए यह एक बढ़िया कारण हो सकता है।’
परीक्षा का सबसे कठिन भाग माना जाने वाला इंटरव्यू उनके लिए आसान रहा। उन्होंने अपने डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म (डैफ) में लिखी सभी बातों को कवर किया और अपने शैक्षणिक संस्थानों, जिले और राज्य के साथ-साथ अपने विषयों के बारे में अधिक जानने पर ध्यान केंद्रित किया था। अपने जिले के युवा छात्रों को परामर्श देने वाली कौर खुद को खुशनसीब मानती हैं कि उनसे वही सवाल पूछे गए, जिनकी उन्होंने तैयारी की थी।
कौर खुशी-खुशी बताती हैं, ‘मुझे याद है कि मुझसे पूछा गया था कि असली इंटरव्यू से पहले मैंने कितने मॉक इंटरव्यू दिए थे। मैंने बताया कि मैंने 2-3 मॉक इंटरव्यू दिए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या असली बेहतर था या नकली अधिक पेचीदा थे। जब मैंने उन्हें बताया कि असली वाला कहीं बेहतर है, तो पैनलिस्ट हंस पड़े और इस तरह मेरा दिन बन गया।’
उनसे जम्मू-कश्मीर की कृषि और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में भी सवाल पूछा गया।
आगे की योजना
जल्द ही आईएएस अधिकारी बनने वाली प्रसनजीत अपने क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं। उनकी राय में इन क्षेत्रों पर सर्वाधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
परीक्षा के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में प्रसनजीत ने कहा कि पूरी तरह सेल्फ स्टडी करने के बाद उन्होंने हमेशा एक शिक्षक के मार्गदर्शन की कमी महसूस की। लेकिन वह इससे परेशान नहीं हुईं और अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी निकालने में सफल हो गईं।
गुरुमंत्र
इंडियन मास्टरमाइंड्स के माध्यम से प्रसनजीत ने यूपीएससी तैयारी करने वालों को सलाह देती हैं कि जितना बड़ा हमारा लक्ष्य होगा, हमारे रास्ते में उतनी ही अधिक बाधाएं आएंगी। हमें विफलताओं से नहीं डरना चाहिए और प्रेरित होते रहना चाहिए। हमें लड़ना है और अपने सपनों को हासिल करना है, चाहे वे कितने भी कठिन क्यों न हों।
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