आईएएस अफसर बनने के लिए फिल्मों के शौकीन एमबीए ने छोड़ दी कॉर्पोरेट नौकरी
- Bhakti Kothari
- Published on 2 Jun 2023, 5:30 pm IST
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हाइलाइट्स
- अभिनव सिवाच ने तीसरी कोशिश में इस साल यूपीएससी में हासिल की 12वीं रैंक
- यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नौकरी छोड़ दी
- वह ब्यूरोक्रैट्स के परिवार से आते हैं
अगली बार जब आपके घर वाले आपको फिल्मों के शौकीन होने पर कुछ कहें, तो उन्हें रोक दें। उन्हें इस यूपीएससी टॉपर के बारे में बताएं, जिन्होंने बॉलीवुड, हॉलीवुड से लेकर यूरोपियन क्लासिक की अपनी जानकारी के दम पर इंटरव्यू लेने वालों को चकाचौंध कर दिया।
ब्यूरोक्रैट्स के परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरियाणा के अभिनव सिवाच ने सुबह 9 से शाम 5 वाली नौकरी 15 महीने तक करने के बाद अपना असली पेशा चुना। फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के अभिनव ने आईआईएम कोलकाता से एमबीए किया हुआ है। अब यूपीएससी में देश भर में 12वां स्थान लाकर सबको गौरवान्वित किया है।
अभिनव के पिता एचसीएस अधिकारी के रूप में अभी गुरुग्राम में DETC में कार्यरत हैं। उनके चाचा सोनीपत के डिप्टी कमिश्नर हैं। उनके एक और चाचा हिसार नगर निगम में काम करते हैं। छोटा भाई यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। इंडियन मास्टरमाइंड्स ने सिवाच से यूपीएससी की उनकी इस यात्रा को लेकर खास बातचीत की।
बचपन का सपनाः
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट अभिनव ने यूपीएससी परीक्षा देने और अपने परिवार के नक्शेकदम पर चलने से पहले एक साल से अधिक समय तक एक बड़ी कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में काम किया।
अभिनव ने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, ‘मुझे अहसास हुआ कि कॉरपोरेट जॉब कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे मैं अगले 30-35 वर्षों तक करना चाहूंगा। मैं आम लोगों के जीवन को नजदीक से देखना चाहता था। उसमें बदलाव लाना चाहता था। इसलिए मैंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया और फिर अपनी नौकरी छोड़ दी।’
वर्ष 2020 में पहली बार में ही DANICS के लिए चुन लिए गए। लेकिन अभिनव का दिल तो आईएएस पर अटका था। सो उन्होंने 2021 में फिर से तैयारी करने का फैसला किया। उनका मानना है कि यह भगवान की कृपा है कि वह इस साल न केवल आईएएस बन गए, बल्कि अपने तीसरे प्रयास में शानदार रैंक भी हासिल कर ली।
सोशियोलॉजीः
इंजीनियरिंग के बैकग्राउंड से आने के बावजूद अभिनव ने सोशियोलॉजी को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट रखा। उनकी हमेशा से इस विषय में रुचि रही है। घर पर इसका स्टडी मैटेरियल भी खूब था। साथ ही सही परिवार के मार्गदर्शन ने भी उन्हें इसमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
दो विफल प्रयासों के बाद अभिनव को अपनी रणनीति पर फिर से काम करना पड़ा। उन्होंने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट पर जितना हो सके, उतना जोर लगाया। उनका मुख्य लक्ष्य अपने ग्रेड में सुधार करना था और उन्होंने ऐसा कर भी लिया। अभिनव ने कहा, ‘मैंने सोशियोलॉजी पर ध्यान लगाया। इसमें मुझे 80-85 नंबर अधिक आ गए। इससे मुझे अंतिम नतीजों में भी फायदा मिला।
फिल्मों के शौकीनः
इंटरव्यू लेने वाले पैनल ने अभिनव से सबसे पहला सवाल सरकारी नौकरी के लिए सुरक्षित नौकरी छोड़ने का कारण पूछा। फिर वे जल्द ही बॉलीवुड फिल्मों का विश्लेषण करने के उनके शौक के बारे में जानने पर ध्यान लगाने लगे।
उनसे भारतीय फिल्म निर्माताओं द्वारा शेक्सपियर और यूरोपीय लेखकों पर किए कामों के बारे में पूछा गया। जैसे, उन्होंने कैसे ओथेलो से ओमकारा, हैमलेट से हैदर और मैकबेथ से मकबूल जैसी फिल्में बना दी। उन्होंने विस्तार से उन सवालों का जवाब देकर इंटरव्यू लेने वालों को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया।
सुधार ही मकसदः
आईएएस अधिकारी बनने के बाद अभिनव यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी सरकारी नीतियों को अच्छी तरह से लागू किया जाए, ताकि आमलोगों को जीवन स्तर बेहतर हो सके। वह स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और भुखमरी जैसे क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं।
अभिनव ने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, ‘हमें प्रशासन और लोगों के बीच की दूरी को पाटने की जरूरत है। इस क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और बातचीत की आवश्यकता है। मैं इस पर काम करने की कोशिश करूंगा।’
उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वालों को पूरे लगन से तैयारी करनी चाहिए। यह संभव है कि वे अपने पहले प्रयास में सफल नहीं हों, लेकिन वे केवल अस्थायी झटके हैं। इससे उन्हें इससे निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने टिप्स दिया कि जब तक आप सफल नहीं हो जाते, तब तक आशावादी बने रहें।
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