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विकास और प्रकृति के बीच फंसने पर UPSC IFS 2022 के टॉपर जय सिंह कुशवाहा लेंगे प्रकृति का पक्ष
- Pallavi Priya
- Published on 5 Jul 2023, 1:48 am IST
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हाइलाइट्स
- प्रयागराज के जय सिंह कुशवाहा ने AIR 80 के साथ पास किया है यूपीएससी आईएफएस
- वह इस समय यूपी के दुधवा नेशनल पार्क में रेंज ऑफिसर हैं
- फॉरेस्ट अफसर बनने का था जुनून, और अब वह एक बार फिर ट्रेनिंग का इंतजार कर रहे हैं
टेक्नोलॉजी के कारण इस तेज भागती दुनिया में प्रकृति पर विकास भारी पड़ रहा है। बावजूद इसके, प्रयागराज का एक युवा उत्सुकता के साथ प्रकृति से अधिक से अधिक जुड़ता रहा। जल्द ही यह लगाव जुनून बन गया और उन्होंने ऐसा करियर बनाने का फैसला किया, जो उन्हें प्रकृति को बचाने और उसके करीब रहने में मदद करेगा।इसके लिए उन्होंने फॉरेस्ट सर्विस का लक्ष्य रखा। पहली कोशिश में 2018 में उत्तर प्रदेश की स्टेट फॉरेस्ट सर्विस में सफलता पाकर वह रेंज अधिकारी बने। लेकिन, वह यहीं नहीं रुके। यूपीएससी आईएफएस-2022 का रिजल्ट उनके लिए और भी खुशी लेकर आया। उन्होंने 80वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की।यह हैं जय सिंह कुशवाह। वह इस समय यूपी के दुधवा नेशनल पार्क में रेंज ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट सर्विस उनके लिए स्वाभाविक पसंद थी।
प्रकृति की गोद
प्रयागराज में जन्मे और पले-बढ़े कुशवाहा ने 10वीं वहीं के जवाहर नवोदय स्कूल से की। लेकिन 12वीं जेएनवी, कोट्टायम, केरल से पूरी की। दोनों स्कूल पेड़ों और जंगल जैसे इलाकों से घिरे हुए थे। प्रकृति की गोद में इतने साल बिताने से उनका झुकाव जंगलों और पर्यावरण की ओर हुआ। हालांकि वह बी.टेक करने के लिए आईआईटी धनबाद गए। फिर भी फॉरेस्ट सर्विस एक ऐसी चीज थी, जिसका वह वास्तव में हिस्सा बनना चाहते थे। इसलिए, 2017 में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पहली कोशिश यूपी स्टेट फॉरेस्ट सर्विस के लिए की। उसके बाद 2018 में यूपीएससी सीएसई भी दिया।
वह स्टेट सर्विस में आ गए, जिसका रिजल्ट 2021 में ही आ गया। इस बीच, चूंकि वह यूपीएससी आईएफएस के लिए कट ऑफ तक नहीं पहुंच सके, इसलिए उन्होंने सिविल सेवाओं के लिए मेन्स दिया, लेकिन इसे पास नहीं कर सके।कोविड आ जाने से यूपी की फॉरेस्ट सर्विस के रिजल्ट पेंडिंग थे। उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। इसलिए उन्हें तैयारी एक तरफ रखनी पड़ी और कॉर्पोरेट नौकरी ज्वाइन करनी पड़ी। उन्होंने कहा, “मैंने 2021 में नौकरी शुरू की और सौभाग्य से उसी वर्ष यूपी फॉरेस्ट सर्विस का रिजल्ट आ गया। मैं ट्रेनिंग के लिए चला गया। इस कारण दो साल तक इंडियन फॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया। सब कुछ ठीक हो जाने के बाद मैं 2022 में यूपीएससी सीएसई की कंबाइंड प्रीलिम्स में शामिल हुआ। इस बार मैंने फॉरेस्ट सर्विस के लिए आवश्यक कट-ऑफ हासिल कर ली।”
हमेशा प्रकृति के लिए
कई लोगों के विपरीत कुशवाहा की सिविल सेवाओं में जाने की कोई योजना नहीं थी। उनकी भाभी भी फॉरेस्ट रेंज अधिकारी हैं। उनके काम को करीब से देखने से उन्हें फॉरेस्ट सर्विस चुनने की प्रेरणा मिली।यह पूछे जाने पर कि उन्होंने यह इतना असामान्य विकल्प क्यों चुना, उन्होंने कहा- “हर कोई करियर चाहता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्षेत्र का चुनाव क्या होना चाहिए। मैंने जंगल में रहने का फैसला किया, क्योंकि सिविल सेवाओं में प्रत्येक विभाग विकास के लिए काम कर रहा है और विकास हमेशा प्रकृति के साथ संघर्ष में होता है। इस संघर्ष में मैं प्रकृति के पक्ष में रहना चाहता हूं। उसके लिए बोलना और उसकी वकालत करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि यह अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।”
प्रीलिम्स की तैयारी
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में जाने के लिए पहले कंबाइंड यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स निकालना होता है। लेकिन फॉरेस्ट सर्विस के लिए जरूरी कटऑफ तक पहुंचना होता है, जो सिविल से अधिक होता है। फिर मेन्स के लिए IFS के कैंडिडेट को दो ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने होते हैं। कुशवाहा ने कहा कि चूंकि कट ऑफ ऊंची है, इसलिए अधिकांश कैंडिडेट वहां तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते हैं।हाल ही में यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न में कई बदलाव हुए हैं। पूरी तरह से तैयार होने के लिए उन्होंने कोई टेस्ट सीरीज या मॉक नहीं दिया। उन्होंने केवल पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण और कड़ी मेहनत की। इससे उन्हें प्रीलिम्स में अच्छा स्कोर करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ”पहले पारंपरिक किताबें और अखबार तैयारी में काफी मदद कर रहे थे। अब पैटर्न बदल गया है और पारंपरिक किताबें केवल बुनियादी बातों में मदद करती हैं। परीक्षा पास करने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
दूसरे मौके से खुश
वैसे तो वह पहले से ही फॉरेस्ट रेंजर के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन इंडियन फॉरेस्ट सर्विस की ट्रेनिंग शुरू होने ही वाली है। हालांकि, ट्रेनिंग कमोबेश वही है, फिर भी वह उसमें शामिल होकर देशभर में घूमने के लिए उत्साहित हैं। उनके अनुसार, उन्हें चीजों को फिर से सीखने का दूसरा मौका मिल रहा है। इसलिए वह इस मौके का पूरा उपयोग करने की योजना बना रहे हैं।
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