20 साल बाद बिहार ने फिर दिया ‘यूपीएससी’ टॉपर, कटिहार के शुभम की प्रेरक कहानी!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 26 Sep 2021, 1:31 am IST
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हाइलाइट्स
- शुभम 24 साल के शुभम ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में किया टॉप।
- साल 2018 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद शुरू की थी तैयारी।
- आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करने वाले शुभम की पहली पसंद बिहार कैडर और दूसरी मध्य प्रदेश है।
- शुभम कुमार, यूपीएससी टॉपर - 2020 (क्रेडिट: सोशल मीडिया)
भारत की सबसे सबसे प्रतिष्ठित और कठिन मानी जाने वाली यूपीएससी परीक्षा के साल 2020 के परिणाम घोषित हो चुके हैं। बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले शुभम कुमार ने पूरे देश में टॉप किया है। 20 साल बाद बिहार से किसी अभ्यर्थी ने यूपीएससी परीक्षा में यह मुकाम हासिल किया है। इससे पहले साल 2001 में आलोक झा ने पहला स्थान हासिल किया था।
शुभम आईआईटी मुंबई से पढ़े हैं और अभी पुणे में राष्ट्रीय रक्षा वित्तीय प्रबंधन अकादमी में ‘इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज’ (आईडीएएस) की ट्रेनिंग कर रहे हैं। शुभम का यह लगातार तीसरा प्रयास था। उन्होंने पिछले साल भी यह परीक्षा पास की थी। यूपीएससी परीक्षा-2019 में देश भर में उनकी 290 वीं रैंक आई थी। उन्हें भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के लिए चुना गया था।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए शुभम कितना समर्पित थे, इसका अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि पिछले 3 सालों से वो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं हैं।
शुरुआत
शुभम कुमार कटिहार जिले के कदवा प्रखण्ड के गांव कुम्हरी के रहने वाले हैं। उनके पिता ग्रामीण बैंक में मैनेजर और मां ग्रहणी हैं। उनकी बहन इंदौर में साइंटिफिक ऑफिसर हैं। शुभम जब छह साल के थे, तभी पढ़ाई के लिए घर से दूर चले गए थे। उन्होंने अपनी प्राथमिक पढ़ाई पूर्णिया से की है। उनका परिवार अभी भी गांव में ही रहता है। शुभम जब 12 वीं क्लास में थे, तभी से यूपीएससी की तैयारी का मन बना चुके थे। लेकिन उनका मानना था कि भविष्य को पहले सुरक्षित हाथों में रखना जरूरी है।
शुभम कहते हैं कि चूंकि मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं, इसलिए मुझे लगता था कि आईआईटी निकालने के बाद मेरा भविष्य सुरक्षित रहेगा। वो विज्ञान और गणित दोनों में बहुत अच्छे भी थे, इसीलिए आईआईटी से पढ़ाई करना उस वक्त उनका पहला लक्ष्य बन गया। साल 2018 में आईआईटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग में बी. टेक. करने के बाद, उन्होंने एक कंपनी में काम भी किया। लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
तैयारी
शुभम ने यूपीएससी परीक्षा-2020 के लिए कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि खुद से ही तैयारी की। हालांकि 2018 में तैयारी शुरू करते हुए, उन्होंने दिल्ली में कुछ वक्त के लिए कोचिंग की थी। शुभम का वैकल्पिक विषय मानव-विज्ञान (ऐन्थ्रपालजी) था।
मीडिया से बात करते हुए शुभम बताते हैं कि पिछले 3 साल में वो लगभग 7 से 8 घंटे की पढ़ाई कर रहे हैं। उनका साफ तौर पर मानना है कि कोई कितने घंटे पढ़ रहा है, ये मायने नहीं रखता बल्कि कितने नियमित तरीके से पढ़ रहा है, ये ज्यादा जरूरी है। उन्होंने साल 2018 यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी।
इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी आए, खासकर कोरोना के वक्त। लेकिन उनकी बहन ने उन्हें हमेशा मोटिवेट किया और पूरे परिवार से समर्थन मिला। शुभम का मानना है कि आप यूपीएससी की तैयारी कहीं पर भी रहकर कर सकते हैं।
मिशन
शुभम कुमार का कहना है कि आईएएस बनने के बाद वो गांवों का विकास, रोजगार सृजन और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन पर वह ध्यान देंगे। यही उनका मिशन होगा। उनका सपना हाशिए पर रह रहे समाज और वंचितों की सेवा करने का था, जो अब पूरा होगा। कैडर के लिए शुभम की पहली पसंद बिहार ही है और दूसरी में मध्यप्रदेश।
परिवार का साथ
शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि बैंक से अपनी ड्यूटि करके जब वो सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे, तभी शुभम का फोन आया और उसने बताया कि यूपीएससी में टॉप किया है। यह सुनकर मैं भावुक हो गया और शुभम भी रूआंसा हो आया। शुभम के पिता कहते हैं कि वह शुरू से ही पढ़ने में बहुत अच्छा था। पढ़ाई के प्रति उसकी लगन देखकर हमे लगता था कि उसे कभी कोई कमी न हो।
वहीं शुभम की मां ने बताया कि बचपन से ही वो रहा है। वह चाहती हैं कि बिहार के और बच्चे भी शुभम की तरह तैयारी करें और बिहार का गौरव बढ़ाएं।
बधाई
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ट्वीट करके शुभम को बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, “सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने पर बिहार के शुभम कुमार को बधाई एवं शुभकामनाएं। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना है। बिहार के विकास आयुक्त, आमिर सुबहानी जी ने भी पूर्व में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।”
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शुभम को बधाई देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “यूपीएससी-2020 के सभी सफल उम्मीदवारों को बधाई! बिहार के टापर शुभम कुमार और अन्य लोगों ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश का परचम लहराता रहे। आपका समर्पण और दृढ़ता आप सभी को यहां तक ले आया। अब समय आ गया है कि देश की सेवा में इसे लागू करें।”
बिहार: 34 साल, 4 टॉपर
पिछले 34 सालों में यह चौथा मौका है, जब देश की सर्वोच्च परीक्षा यूपीएससी में बिहार के किसी व्यक्ति ने टॉप किया है। इससे पहले 1987 में आमिर सुबहानी, 1997 में सुनील वर्णवाल, 2001 में आलोक झा और अब 2021 में शुभम कुमार ने यूपीएससी में टॉप किया है।
आमिर सुबहानी अभी बिहार के विकास आयुक्त हैं, वहीं झारखंड कैडर के सुनील वर्णवाल पूर्व रघुबर दास सरकार में मुख्य सचिव रह चुके हैं और अभी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। जबकि आलोक झा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं।
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