पहले ही प्रयास में यूपीएससी-2022 में 19 वीं रैंक लाने वाली लघिमा तिवारी की कहानी
- Muskan Khandelwal
- Published on 26 May 2023, 5:13 pm IST
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हाइलाइट्स
- लघिमा तिवारी ने पहले ही प्रयास में 19वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की
- बायोलॉजी की पृष्ठभूमि होने के कारण उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी को वैकल्पिक विषय रखा था
- इंटरव्यू के दौरान पैनल के सदस्यों ने उनके अनूठे नाम का अर्थ पूछा था
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन से बीटेक करने वाली लघिमा तिवारी ने अपने पहले प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में 19वां स्थान लाकर बाजी मार ली है।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बातचीत में लघिमा कहती हैं कि नतीजे उनके लिए भी चौंकाऊ रहे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पहले प्रयास में ही वह सफल हो जाएंगी। इतना ही नहीं, टॉप-20 में भी आ जाएंगी। लघिमा ने कहा, “यह बहुत बड़ी खुशखबरी थी। माता-पिता भी भावुक हो गए थे। सबसे बढ़कर सुकून यह है कि मुझे फिर से प्रारंभिक परीक्षा यानी प्रीलिम्स नहीं देनी पड़ेगी।”
यूपीएससी की तैयारी
परीक्षा पास करने में निरंतरता ने उनकी मदद की। लघिमा के अनुसार, भले ही एक अभ्यर्थी कम घंटों के लिए अध्ययन करता है, लेकिन अगर वह रोज पढ़ाई करता है तो निश्चित रूप से सफल होगा। बजाय इसके कि वह एक दिन में 10-12 घंटे पढ़ाई करे और अगले दिन बिल्कुल भी नहीं पढ़े।
लघिमा ने 2021 में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था। इसके तुरंत बाद ही यूपीएससी सीएसई की तैयारी में जुट गई थीं। एक साल की तैयारी के दौरान उन्होंने सभी जरूरी किताबों की पूरी पढ़ाई की। यूट्यूब पर टॉपर्स की बातों को सुनकर अपनी रणनीति बनाई।
वह बताती हैं, “मैंने तैयारी के लिए एक साल लिया। इस दौरान मैंने सभी जरूरी भागों, बुनियादी जीएस और करेंट अफेयर्स की पढ़ाई की और आज मैं यहां हूं।”
वैकल्पिक विषय
नौवीं से 12वीं तक बायोलॉजी की पृष्ठभूमि होने के कारण लघिमा ने मानव विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी) को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। वह कहती हैं, “इससे मुझे अच्छे अंक लाने में बहुत मदद मिली, क्योंकि यह बहुत आसान था।” बगैर किसी कोचिंग लिए और सिर्फ टेस्ट सीरीज और सेल्फ स्टडी की मदद से लघिमा ने एक ही बार में परीक्षा पास कर ली।
नाम में क्या रखा है
इंटरव्यू या पर्सनालिटी टेस्ट के लिए उन्होंने जिन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया, उनमें पहला था- विस्तृत आवेदन पत्र (डीएएफ) और दूसरा, करेंट अफेयर्स। अनुभव के लिए उन्होंने कुछ मॉक इंटरव्यू भी दिए। टॉपर ने इंडियन मास्टरमाइंड्स को बताया कि मेरा नाम अनूठा है। इसलिए, पैनल के सदस्यों ने मेरे नाम का अर्थ पूछा। कुछ सवाल स्वच्छ भारत अभियान, प्रोजेक्ट टाइगर और कुछ अन्य विषयों से भी पूछे गए।
अभ्यर्थियों के लिए टिप्स
लघिमा अभ्यर्थियों से आगामी प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और जो उन्होंने पहले पढ़ा है, उसे दोहराने का आग्रह करती हैं। वह कहती हैं, ‘मॉक में की गईं गलतियों का विश्लेषण कर उनसे सीखें।’ उन्होंने कहा कि प्रीलिम्स के बाद समय कतई बरबाद न करें। भले ही उन्हें लगता है कि वे हाशिये पर हैं, लेकिन उन्हें मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इससे उन्हें लाभ होगा। उन दो-तीन महीनों का सदुपयोग कर लें।
लघिमा के अनुसार, उन्हें अभी भी बहुत-सी चीजें सीखनी हैं। लेकिन उनके सामने जो आएगा. उसके साथ न्याय करने की उम्मीद करती हैं। अंत में वह कहती हैं- मैं लगातार सीखूंगी और अपना कर्तव्य निभाऊंगी।
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