नागा हिल्स में एक आईपीएस अधिकारी कैसे तैयार कर रही है भावी प्रशासक
- Muskan Khandelwal
- Published on 16 Jun 2023, 3:14 pm IST
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हाइलाइट्स
- आईपीएस अधिकारी प्रीतपाल कौर नगालैंड में लोंगलेंग जिले के स्टूडेंट्स को मुफ्त में दे रही हैं यूपीएससी/एनपीएससी की कोचिंग
- मकसद खर्चों को कम करना और क्वालिटी कोचिंग की सुविधा करीब में ही देना
- ड्रग्स और हथियार के खिलाफ एजुकेशन को ही औजार बना कर लड़ रही हैं अधिकारी
डॉ. प्रीतपाल कौर 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह ऐसी चमचमाती मिसाल हैं, जो अपने पेशे में ऊपर और ऊपर ही जाते हैं। जबकि हम में से कई लोग खुद को एक ही काम तक सिमटा लेने से संतुष्ट रहते हैं। उसे ही कामयाबी बताते हैं। लेकिन वह कुशलता के साथ कई भूमिकाएं निभाने में माहिर हैं। वह न केवल डेंटिस्ट से पुलिस अधिकारी बनी हैं, बल्कि वह अपनी विभिन्न पोस्टिंग के दौरान काउंसलर और टीचर की जिम्मेदारियां भी निभाती हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को सीखने के समान मौके देने के लिहाज से डॉ. कौर ने सबसे पहले नगालैंड के तुएनसांग में मुफ्त कोचिंग शुरू की थी। वहां मिली सफलता ने उन्हें नोकलाक और फिर लोंगलेंग तक एक्सटेंशन के लिए प्रेरित किया, जहां वह इस समय एसपी के रूप में तैनात हैं।
करीब में कोचिंगः
उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा, “दूरी और पैसे की कमी के कारण किसी की शिक्षा और करियर में बाधा नहीं आनी चाहिए।” उन्होंने माना कि कई छात्र नगालैंड के बड़े शहर दीमापुर में पढ़ने या दिल्ली तक यात्रा करने का खर्च नहीं उठा सकते। इसीलिए उन्होंने ऐसे स्टूडेंट्स के करीब ही अच्छी कोचिंग सुविधा दिलाने का संकल्प लिया। अंतिम लक्ष्य इस खेल के मैदान को समतल करना है, ताकि कोई किसी भी बैकग्राउंड का क्यों न हो, उसे अपने सपने पूरे करने का मौका मिले।
कोचिंग का मुख्य मकसद यूपीएससी और नगालैंड पब्लिक सर्विस कमीशन (NPSC) की परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करना है। वैसे उन्होंने दूसरी परीक्षाओं की तैयारी कराने की भी बात कही। उन्होंने कहा, “कोचिंग उन सभी ग्रेजुएट्स के लिए खुली हैं, जिनके पास मजबूत इरादा और कड़ी मेहनत करने की इच्छा है।”
समय और मैनेजमेंटः
स्टूडेंट्स को बढ़िया सुविधाएं देने के लिए दूसरे शिक्षकों के साथ अधिकारी ने अमेजन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से स्टडी मटेरियल खरीदने को अपने वेतन का उपयोग किया। वह छात्रों को खुद के बनाए नोट्स भी देती हैं। लेकिन उनके सामने आने वाली चुनौतियों में से एक थी-कोचिंग कक्षाओं के साथ-साथ अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाना। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे दोनों जरूरी काम कर सकती हैं, उन्होंने खुद सुबह 6 बजे से 10:30 बजे तक क्लास लेने का फैसला किया।
लोंगलेंग प्रशासन के ईएसी डॉ. सैमुअल और आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट में काम करने वालीं सुश्री लेंके भी तैयारी करने वालों के साथ अनुभव साझा करते हैं। ताकि उनका विकास हो सके। डॉ. कौर ने कहा, “हमारे पुराने स्टूडेंट्स में से लगभग 11 ने विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी पा ली है।”
अन्य पहलः
नोकलाक की एसपी रहने के दौरान डॉ. कौर ने जिले के युवाओं को शिक्षित करने का काम कर दिखाया था। इस दौरान उन्हें नौजवानों के ड्रग्स और बागियों के बहकावे में आने के खतरे का भी पता था। ऐसे में उन्होंने युवाओं को पढ़ने-लिखने की ओर मोड़ने की कोशिश की। इस काम को जारी रखते हुए उन्होंने नोकलाक के युवाओं को हथियार बनाने से लेकर इलेक्ट्रिक बाइक, कुकिंग कम ड्रायर मशीन और तेल निकालने की मशीन जैसी उपयोगी मशीनें बनाने की ओर अग्रसर किया।
इतना ही नहीं, वह मेन्स्ट्रुअल हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाने के मिशन पर भी थीं। उनकी सलाह पर नोकलाक की बुनकर महिला सहकारी समिति ने जिले की महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड की सिलाई शुरू कर उन्हें 5 रुपये में बेचना शुरू कर दिया। इससे यूटेरस इन्फेक्शन के मामलों में काफी गिरावट आई।
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