लगातार तीन बार प्रीलिम्स में फेल रहने वाली UPSC CSE- 2022 में ले आई 248 रैंक
- Muskan Khandelwal
- Published on 2 Jun 2023, 6:16 pm IST
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हाइलाइट्स
- फेल होने से परेशान नहीं होने वाली सुवांगी खुंटिया को चौथी कोशिश में मिली कामयाबी
- इस बार न सिर्फ प्रीलिम्स में पास हुईं, बल्कि फाइनल लिस्ट में भी आ गईं
- उन्होंने ओडिशा सिविल सर्विसेज भी पास की थी, इस समय भद्रक में कलेक्टर ऑफिस में ले रही थीं ट्रेनिंग
बचपन में पिता अक्सर यूपीएससी क्वालीफायर की सफलता की कहानियां सुनाया करते थे। इन कहानियों का असर ऐसा रहा, कि सुवांगी खुंटिया ने भी सफल होने के लिए जी-तोड़ मेहनत करने का फैसला कर लिया। ओडिशा के भद्रक में जन्मी और पली-बढ़ी सुवांगी ने चौथे प्रयास में 248 रैंक के साथ UPSC CSE 2022 पास कर लिया है।
साधारण बैकग्राउंड से आने वाली और माता-पिता की इकलौती बेटी सुवांगी ने 97 रैंक के साथ ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा भी पास की हुई है। पिता सत्यनारायण खुंटिया परिवार चलाने के लिए भद्रक में साइबर कैफे चलाते हैं। स्टेट सर्विस एग्जाम पास करने के बाद सुवांगी इस समय भद्रक के उस कलेक्टर ऑफिस में ट्रेनिंग ले रही थीं, जहां उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने का मन बनाया।
दुर्भाग्य से पहली तीन कोशिशों में वह प्रीलिम्स नहीं निकाल पाईं। लेकिन आईएएस अधिकारी बनने का उनका सपना UPSC CSE 2022 में पूरा हो गया। इस बार उन्होंने न सिर्फ सभी चरणों को पूरा करने में कामयाबी हासिल की, बल्कि देशभर में 248 स्थान भी ले आईं।
ऐतिहासिक पलः
सुवांगी को अपना रिजल्ट नहीं पता था। यूपीएससी में पास हो जाने के बारे में एक दोस्त ने फोन कर बताया। तुरंत यकीन नहीं हुआ। सो खुद रिजल्ट चेक किया। जब लिस्ट में अपना नाम देखा, तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उसके बाद से न केवल वह, बल्कि पूरा परिवार सातवें आसमान पर है! उन्होंने कहा, “न्यूज मिलने पर खुशी से पिता के आंसू बह निकले।”
आरसीए ने की मददः
सुवांगी को अपने सपने को पूरा करने में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी ने काफी मदद की। वह कहती हैं कि एकेडमी पढ़ाई करने और ध्यान लगाए रहने के लिए सबसे सटीक माहौल देती है।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से उन्होंने कहा, “खासकर इसने मुझे टाइम मैनेजमेंट में काफी मदद की। इसलिए कि वहां किसी ऐसे अधिकारी के साथ पढ़ाई की जाती है, जिन्होंने एक बार परीक्षा पास कर रखी है। उन्होंने ऐसे एग्जाम का अनुभव है। वे आपको बताते हैं कि क्या नहीं करना है, जो सबसे महत्वपूर्ण है। किसी को पता होना चाहिए कि क्या नहीं करना है।”
आरसीए का अनुभवः
एकेडमी के अनुभव के बारे में वह कहती हैं कि पिछले 26 वर्षों में यह उनका सबसे अच्छा समय था। उनके अनुसार, सुंदर कैंपस किसी को भी तनाव मुक्त करने में मदद करता है। वहां ऐसे लोग हैं, जो आपके संघर्ष को समझते हैं। हर तरह से समर्थन करते हैं और आपकी तैयारी को जानते हैं। वह कहती हैं, “दरअसल इससे मुझे शांत रहने और अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली।”
उन्होंने आगे कहा कि आरसीए गंगा जमुना तहज़ीब का प्रतीक है। दरअसल उनके लिए यह घर से दूर घर जैसा था।
बोला थैंक्सः
बता दें कि आरसीए दरअसल लोगों को मुफ्त में तैयारी कराती है। यह सुविधा सुवांगी के लिए वरदान थी। इसलिए कि वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। वह महंगी प्राइवेट कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकती थीं।
उन्होंने कहा, “यह एक बेजोड़ और बेमिसाल एक्सपीरियंस रहा।” यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनके साथ पढ़ने वालों ने पूरी रणनीति बनाने में उनकी मदद की। उन्होंने और उनके साथियों ने ग्रुप चर्चा की। राइटिंग सेशन ने भी उनकी जबरदस्त मदद की। मैं उन सबके लिए बहुत आभारी हूं।”
अटल इरादे और समर्पण के साथ उन्होंने रास्ते की सभी बाधाओं को पार किया और सफलता के शिखर पर पहुंच गईं। अब वह जमीनी स्तर पर दलितों की सेवा करना चाहती हैं। उनके जीवन में सार्थक बदलाव लाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “अगर मौका मिला तो मैं शिक्षा विभाग में काम करना पसंद करूंगी।”
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